केंद्र की मोदी सरकार ऐतिहासिक अशोका होटल को निजी कंपनियों को बेचने की तैयारी में है। होटल मौजूदा वक्त में सरकार भारतीय पर्यटन विकास निगम (ITDC) के अंतर्गत आता है। यही होटल को लीज पर देने का काम करती है। ऐसी खबरें हैं कि आईटीडीसी चालू वित्त वर्ष में इस होटल की निजी हाथों में सौंप सकती है।
बता दें कि नीति आयोग ने हाल ही में एक प्रस्ताव पेश करके होटल को 60 साल के लिए किसी प्राइवेट कंपनी को देने की सलाह दी थी, जो इस होटल को दोबारा से डिजाइन करे और उसका प्रबंधन देखे।
होटल का निर्माण देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने साल 1956 में कराया था। यह होटल संसद और राष्ट्रपति भवन के नजदीक है। इसमें 550 कमरे और 161 शूइट्स हैं। होटल में करीब 1000 कर्मचारी काम करते हैं, जिसके रोजाना के संचालन में करीब 35 लाख रुपए का खर्च आता है। मिंट की खबर की मानें तो यहां आमतौर पर 50 फीसदी ही कमरे बुक होते है। हालांकि सर्दियों में यह आंकड़ा बढ़कर करीब 80 प्रतिशत हो जाता है।
होटल के बनने के पीछे की कहानी काफी दिलचस्प है। दरअसल भारत नया-नया आजाद हुआ था और यूनेस्को समिट को भारत में कराने को लेकर उत्सुक था। नेहरू ने 1955 में पेरिस में हुई यूनेस्को फोरम की बैठक में सुझाव दिया था कि भारत अगले साल समिट कराने के लिए तैयार है। हालांकि उस वक्त तक भारत में एक भी 5 स्टार होटल नहीं था, जहां विश्वभर से आने वाले गेस्ट को ठहराया जा सके। ऐसे में नेहरू ने 5 स्टार होटल अशोका को बनवाया।
बता दें कि नीति आयोग ने हाल ही में एक प्रस्ताव पेश करके होटल को 60 साल के लिए किसी प्राइवेट कंपनी को देने की सलाह दी थी, जो इस होटल को दोबारा से डिजाइन करे और उसका प्रबंधन देखे।
होटल का निर्माण देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने साल 1956 में कराया था। यह होटल संसद और राष्ट्रपति भवन के नजदीक है। इसमें 550 कमरे और 161 शूइट्स हैं। होटल में करीब 1000 कर्मचारी काम करते हैं, जिसके रोजाना के संचालन में करीब 35 लाख रुपए का खर्च आता है। मिंट की खबर की मानें तो यहां आमतौर पर 50 फीसदी ही कमरे बुक होते है। हालांकि सर्दियों में यह आंकड़ा बढ़कर करीब 80 प्रतिशत हो जाता है।
होटल के बनने के पीछे की कहानी काफी दिलचस्प है। दरअसल भारत नया-नया आजाद हुआ था और यूनेस्को समिट को भारत में कराने को लेकर उत्सुक था। नेहरू ने 1955 में पेरिस में हुई यूनेस्को फोरम की बैठक में सुझाव दिया था कि भारत अगले साल समिट कराने के लिए तैयार है। हालांकि उस वक्त तक भारत में एक भी 5 स्टार होटल नहीं था, जहां विश्वभर से आने वाले गेस्ट को ठहराया जा सके। ऐसे में नेहरू ने 5 स्टार होटल अशोका को बनवाया।