जयपुर। केन्द्र सरकार ने जयपुर एयरपोर्ट को निजी हाथों में सौंप दिया है। देश में आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया है। पिछले एक साल से देश के 6 एयरपोर्ट को निजी हाथों में सौंपने की प्रक्रिया चल रही थी जो अब अंतिम रूप ले चुकी है। जानकारी के मुताबिक, अडानी ग्रुप अब अगले पचास साल तक जयपुर एयरपोर्ट का संचालन करेगा।

जयपुर समेत 3 एयरपोर्ट के निजीकरण को मंजूरी दे दी गई है। दिल्ली में केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी ने इसे अंतिम रूप दिया। जयपुर, गुवाहाटी और त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट अब पीपीपी मोड पर संचालित किया जाएगा। तीनों एयरपोर्ट को ही अडानी ग्रुप संचालित करेगा। इससे पहले लखनऊ, अहमदाबाद और मंगलुरू एयरपोर्ट के निजीकरण को भी अप्रूव किया जा चुका है।
जानकारी मुताबिक इन तीनों हवाई अड्डों को 50 साल के लिए मैसर्स अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड को लीज पर देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। ऑपरेशन, मैनेजमेंट और डवलपमेंट अब इस कंपनी के हवाले होगा। एयरपोर्ट लीज पर देने से निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही एयरपोर्ट चलाने में होने वाले नुकसान में कमी आएगी। वर्तमान समय में देश में एयरपोर्ट आथोरिटी आफ इंडिया के पास अभी भी 100 से ज्यादा एयरपोर्ट हैं। 90 से ज्यादा एयरपोर्ट घाटे में चल रहे हैं।
सरकार की ओर से उम्मीद जताई जा रही है निजी हाथों में चले जाने के बाद एयरपोर्ट पर सुविधाओं का अंबार लगेगा। लेकिन वर्तमान की तुलना में हवाई यात्रा महंगा होने का भी अंदेशा है। एयर टिकट से लेकर एयरपोर्ट की पार्किग और अंदर मिलने वाले सामान तक की कीमतें बढ़ सकती हैं।

जयपुर समेत 3 एयरपोर्ट के निजीकरण को मंजूरी दे दी गई है। दिल्ली में केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी ने इसे अंतिम रूप दिया। जयपुर, गुवाहाटी और त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट अब पीपीपी मोड पर संचालित किया जाएगा। तीनों एयरपोर्ट को ही अडानी ग्रुप संचालित करेगा। इससे पहले लखनऊ, अहमदाबाद और मंगलुरू एयरपोर्ट के निजीकरण को भी अप्रूव किया जा चुका है।
जानकारी मुताबिक इन तीनों हवाई अड्डों को 50 साल के लिए मैसर्स अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड को लीज पर देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। ऑपरेशन, मैनेजमेंट और डवलपमेंट अब इस कंपनी के हवाले होगा। एयरपोर्ट लीज पर देने से निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही एयरपोर्ट चलाने में होने वाले नुकसान में कमी आएगी। वर्तमान समय में देश में एयरपोर्ट आथोरिटी आफ इंडिया के पास अभी भी 100 से ज्यादा एयरपोर्ट हैं। 90 से ज्यादा एयरपोर्ट घाटे में चल रहे हैं।
सरकार की ओर से उम्मीद जताई जा रही है निजी हाथों में चले जाने के बाद एयरपोर्ट पर सुविधाओं का अंबार लगेगा। लेकिन वर्तमान की तुलना में हवाई यात्रा महंगा होने का भी अंदेशा है। एयर टिकट से लेकर एयरपोर्ट की पार्किग और अंदर मिलने वाले सामान तक की कीमतें बढ़ सकती हैं।