प्रमोशन में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य: मायावती

Written by Sabrangindia Staff | Published on: September 26, 2018
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने प्रमोशन में एससी-एसटी आरक्षण पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला एक निश्चित सीमा तक स्वागत योग्य है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इस बाबत कोई पाबंदी नहीं लगाई है।



बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुप्रीम कोर्ट के प्रमोशन में आरक्षण पर दिए फैसले की तारीफ की। मायावती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा, कोर्ट ने ना तो पहले पाबंदी लगाई थी और ना ही अब लगाई है। कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि सरकारें चाहें तो इन वर्ग के कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण दे सकती हैं।

सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने 2006 के फैसले को बरकार रखते हुए कहा है कि एम नागराज के फैसले पर दोबारा विचार नहीं किया जा सकता। नागराज जजमेंट में 2006 के फैसले अनुसूचित जातियों (एससी) एवं अनुसूचित जनजातियों (एसटी) को प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए शर्तें तय की गई थीं।

मायावती ने कहा कि प्रमोशन में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के पूरे फैसले को देखने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। मीडिया में जो अभी तक खबरें आ रही हैं उसके मुताबिक देश में एससी-एसटी वर्ग के सरकारी कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत के योग्य है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एसटी-एससी समुदाय के लोगों को प्रमोशन में आरक्षण देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि यह पूरी तरह से राज्य का फैसला होगा। अगर किसी राज्य को लगता है कि उन्हें प्रमोशन में आरक्षण देना चाहिए तो वो दे सकते हैं।

इस मामले पर फैसले के लिए मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस इंदु मल्होत्रा की संविधान पीठ ने इसे सात जजों की बेंच के पास भेजे जाने से इनकार कर दिया है। पीठ ने कहा कि नागराज जजमेंट को 7 जजों को रैफर करने की जरूरत नहीं है।

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