उत्तर प्रदेश के महोबा में इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यहां जिस शख्स ने अस्पताल में वार्ड बॉय के रूप में मरीजों की सेवा करते हुए जिंदगी बिता दी, उसके शव को घर भेजने के लिए अस्पताल प्रशासन वाहन उपलब्ध न करा सका। इससे बेबस पत्नी रिक्शे पर अपने पति शव लेकर घर पहुंची।
जानकारी के मुताबिक हमीरपुर के सिकंदरपुर जाट निवासी 50 वर्षीय प्रमोद गुप्ता महोबा में गांधीनगर में रहते थे। वह गहरौली मुस्कुरा सरकारी अस्पताल में वार्ड ब्वाय थे। गुरुवार उनकी तबीयत खराब हुई तो पत्नी गीता पुत्र के साथ लेकर जिला अस्पताल पहुंची।
लेकिन ईएमओ डॉ एके सक्सेना ने प्रमोद कुमार मृत घोषित कर दिया। परिवार वालों ने शव वाहन मांगा, तो अस्पताल प्रशासन ने मना कर दिया। मां-बेटे घंटों इधर-उधर भटके पर वाहन नहीं मिला। बेबस महिला रिक्शे से पुत्र के साथ पति के शव को गोद में लेकर घर चली गई।
इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी सफाई देने से बच रहे हैं। जबकि ईएमओ ने बताया कि मौत की वजह संदिग्ध लग रही थी। पोस्टमार्टम की बात पर परिवारजन जबरन शव ले गए। इसकी सूचना पुलिस को भी दी गई है। वहीं परिजनों का कहना है कि हमने एंबुलेंस के लिए कहा था लेकिन बताया गया कि सभी एंबुलेंस व्यस्त हैं।
जानकारी के मुताबिक हमीरपुर के सिकंदरपुर जाट निवासी 50 वर्षीय प्रमोद गुप्ता महोबा में गांधीनगर में रहते थे। वह गहरौली मुस्कुरा सरकारी अस्पताल में वार्ड ब्वाय थे। गुरुवार उनकी तबीयत खराब हुई तो पत्नी गीता पुत्र के साथ लेकर जिला अस्पताल पहुंची।
लेकिन ईएमओ डॉ एके सक्सेना ने प्रमोद कुमार मृत घोषित कर दिया। परिवार वालों ने शव वाहन मांगा, तो अस्पताल प्रशासन ने मना कर दिया। मां-बेटे घंटों इधर-उधर भटके पर वाहन नहीं मिला। बेबस महिला रिक्शे से पुत्र के साथ पति के शव को गोद में लेकर घर चली गई।
इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी सफाई देने से बच रहे हैं। जबकि ईएमओ ने बताया कि मौत की वजह संदिग्ध लग रही थी। पोस्टमार्टम की बात पर परिवारजन जबरन शव ले गए। इसकी सूचना पुलिस को भी दी गई है। वहीं परिजनों का कहना है कि हमने एंबुलेंस के लिए कहा था लेकिन बताया गया कि सभी एंबुलेंस व्यस्त हैं।