भारतीय जनता पार्टी के शासन काल में मध्यप्रदेश हवाला कारोबार का बड़ा अड्डा बन चुका है। इस खुलासे में ब तक 500 करोड़ रुपए तक का हवाला कारोबार सामने आया है। इसमें कई बड़े व्यापारियों का नाम शामिल होने की आशंका जताई जा रही है।
आईटी की इन्वेस्टिंग टीम लगातार छापेमारी करके अहम सुराग जुटा रही है। यह भी पता चला है कि सबसे ज्यादा हवाला कारोबार जबलपुर से होता रहा है। हवाला का पैसा जबलपुर से मुंबई भेजा जा रहा था। अब आरपीएफ ने ट्रेनों की जांच शुरू की है और संदिग्ध लोगों पर निगरानी रखी जा रही है।
नईदुनिया की खबर के अनुसार, विंध्य और महाकौशल में विधानसभा चुनावों के दौरान तकरीबन डेढ़ सौ करोड़ रुपयों का लेन-देन जबलपुर से दूसरे शहरों के बीच हुआ है।
हवाला कारोबारी अतुल खत्री के पास से 15 लाख रुपए नकद बरामद होने के बाद आईटी की टीम पंजू गोस्वामी के पास पहुंची जिसके पास से 60 लाख रुपए नकद मिले थे।
अब जांच दल तीसरे बड़े हवाला कारोबारी तक पहुंच चुकी है और उसको पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। शहर के हवाला कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है और ये लोग अब अंडरग्राउंड हो रहे हैं। इंवेस्टिगेशन विंग की कार्रवाई में पकड़े गए हवाला के दो बड़े कारोबारियों के पास से मिले मोबाइल और लैपटॉप से आईटी एक्सपर्ट्स को शहर के लगभग 15 से 20 छोटे-बड़े हवाला व्यापारियों के नाम मिले हैं।
जांच दल अभी तीसरे बड़े हवाला कारोबारी का नाम नहीं बता रही है, और माना जा रहा है कि उसकी गिरफ्तारी के बाद ही इसका खुलासा होगा।
बड़ा सवाल उठने लगा है कि अगर विधानसभा चुनाव न हो रहे होते, और पुलिस-प्रशासन सीधे शिवराज के ही नियंत्रण में होते, तो हवाला कारोबार भी लगातार ऐसा ही चलता रहता।
ये बात लंबे समय से कही जाती रही है कि भारतीय जनता पार्टी के शासन काल में मध्यप्रदेश आतंकवादियों का सुरक्षित अभयारण्य बन गया है। खुद बीजेपी के ही कई नेता आईएसआई तक की जासूसी में पकड़े जा चुके हैं और एनआईए उनकी जांच कर रही है।
खुद उमा भारती भी मध्यप्रदेश को आतंकवादियों की सुरक्षित शरणस्थली बताती रही हैं। इस हवाला कारोबार के पकड़े जाने के बाद से उनके आरोपों की पुष्टि हो रही है। ये अलग बात है कि भाजपा में मंत्रिपद पाने के बाद उमा भारती अब उन आरोपों को नहीं दोहराती हैं।
आईटी की इन्वेस्टिंग टीम लगातार छापेमारी करके अहम सुराग जुटा रही है। यह भी पता चला है कि सबसे ज्यादा हवाला कारोबार जबलपुर से होता रहा है। हवाला का पैसा जबलपुर से मुंबई भेजा जा रहा था। अब आरपीएफ ने ट्रेनों की जांच शुरू की है और संदिग्ध लोगों पर निगरानी रखी जा रही है।
नईदुनिया की खबर के अनुसार, विंध्य और महाकौशल में विधानसभा चुनावों के दौरान तकरीबन डेढ़ सौ करोड़ रुपयों का लेन-देन जबलपुर से दूसरे शहरों के बीच हुआ है।
हवाला कारोबारी अतुल खत्री के पास से 15 लाख रुपए नकद बरामद होने के बाद आईटी की टीम पंजू गोस्वामी के पास पहुंची जिसके पास से 60 लाख रुपए नकद मिले थे।
अब जांच दल तीसरे बड़े हवाला कारोबारी तक पहुंच चुकी है और उसको पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। शहर के हवाला कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है और ये लोग अब अंडरग्राउंड हो रहे हैं। इंवेस्टिगेशन विंग की कार्रवाई में पकड़े गए हवाला के दो बड़े कारोबारियों के पास से मिले मोबाइल और लैपटॉप से आईटी एक्सपर्ट्स को शहर के लगभग 15 से 20 छोटे-बड़े हवाला व्यापारियों के नाम मिले हैं।
जांच दल अभी तीसरे बड़े हवाला कारोबारी का नाम नहीं बता रही है, और माना जा रहा है कि उसकी गिरफ्तारी के बाद ही इसका खुलासा होगा।
बड़ा सवाल उठने लगा है कि अगर विधानसभा चुनाव न हो रहे होते, और पुलिस-प्रशासन सीधे शिवराज के ही नियंत्रण में होते, तो हवाला कारोबार भी लगातार ऐसा ही चलता रहता।
ये बात लंबे समय से कही जाती रही है कि भारतीय जनता पार्टी के शासन काल में मध्यप्रदेश आतंकवादियों का सुरक्षित अभयारण्य बन गया है। खुद बीजेपी के ही कई नेता आईएसआई तक की जासूसी में पकड़े जा चुके हैं और एनआईए उनकी जांच कर रही है।
खुद उमा भारती भी मध्यप्रदेश को आतंकवादियों की सुरक्षित शरणस्थली बताती रही हैं। इस हवाला कारोबार के पकड़े जाने के बाद से उनके आरोपों की पुष्टि हो रही है। ये अलग बात है कि भाजपा में मंत्रिपद पाने के बाद उमा भारती अब उन आरोपों को नहीं दोहराती हैं।