जैसलमेर के चर्चित जमीन घोटाले में नेताओं को बचाने की कोशिश

राजस्थान में जमीन घोटाले की चौंकाने वाली सचाई सामने आ रही है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की भाजपा सरकार में फरवरी 2014 से अक्टूबर 2016 के बीच मनमाने तरीके से 40 हजार बीघा जमीन का आवंटन कर दिया गया।

Curruption
Courtesy: Patrika

जैसलमेर के नाचना नहरी क्षेत्र में हुए इस जमीन घोटाले में एसीबी में मामला दर्ज है, लेकिन नेताओं को इसमें साफ तौर पर बचाया जा रहा है जबकि इसमें करोड़ों रुपए के कमीशन खाने की बात सामने आ रही है।

जमीन घोटाले में एसीबी ने 234 महत्वपूर्ण फाइलें जब्त की हैं। उपनिवेशन विभाग के तत्कालीन डीसी अरुण प्रकाश शर्मा और उसके पीए सुआलाल के फरार होने के कारण जांच में तेजी नहीं आ पा रही है।

समरी सेटलमेंट में हुए इस जमीन घोटाले में अधिकतर मामलों में जमीन के कई वारिसों को दर्ज भूमि से ज्यादा अलग-अलग जमीन आवंटित की गई और करोड़ों रुपए का कमीशन खाया गया।

एसीबी का दल मौजूदा उपायुक्त नरेंद्र सिंह और हल्का पटवारियों के भी बयान ले रहा है और पूर्व में हुए फैसलो के दस्तावेज मांगकर बारीकी से दस्तावेजो की छानबीन कर रहा है। दैनिक नवज्योति की खबर के मुताबिक, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नेताओं एवं मंत्रियों के रिश्तेदारो के नाम इस भूमि घोटाले से जुड़े होने की आशंका है।
 
एक मामला ऐसा है जिसमें जिस परिवार के नाम 150 बीघा जमीन दर्ज है, उसे सेटलमेंट में 250 बीघा जमीन दे दी गई। सुआलाल के बीकानेर आवास से 150 फाइलें मिली हैं।

इस जमीन घोटाले में भ्रष्टाचार इस हद तक हुआ है कि प्रति बीघा 10 से 20 हजार रुपए के कमीशन का लेन-देन हुआ है। अब मामला उजागर होने के बाद लाभार्थी और छोटे अधिकारी फंस रहे हैं, और राजनेता बचाए जा रहे हैं।


 

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