यवतमाल: शिवसेना के युवा संगठन के कार्यकर्ताओं ने कश्मीरी छात्रों को पीटा

Written by sabrang india | Published on: February 23, 2019
यवतमाल। पुलवामा में सेना के काफिले पर आतंकी हमले के बाद देशभर में रोष का माहौल है। इस बीच देश के कई हिस्सों से कश्मीरियों पर हमले की खबरें सामने आ रही हैं। देश के अन्य हिस्सों में रह रहे कश्मीरियों को काम से भी निकाला जा रहा है। यवतमाल से भी ऐसा ही मामला सामने आया है। कुछ शरारती तत्वों ने कश्मीर से पढ़ने आए युवकों के साथ जमकर मारपीट की। 

पीड़ित युवकों का आरोप है कि कुछ लोगों ने भारत माता की जय और वन्दे मातरम कहने के लिए कहा, इसके बाद दोनो युवकों के साथ जमकर मारपीट की। पीड़ित उमर रशीदार, उम्र 19 साल ने बताया कि वो कुपवाड़ा से यहां के डायाभाई पटेल शारीरिक शिक्षण महाविद्यालय में डेढ़ साल पहले पढ़ने आए । जब 4 छात्र लोहारा के वैभव नगर में बैठे हुए थे। तभी कुछ युवको ने उनमें 2 युवकों से मारपीट शुरु कर दी। 

इसे लेकर पीड़ित युवकों ने एसपी एम राजकुमार से मुलाकात की। आला अधिकारियों से निर्देश मिलते ही आठ आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। कथित तौर पर आरोपी युवा सेना सेना से जुड़े बताए जा रहे हैं। कश्मीरी छात्रों ने मारपीट से जुड़ा वीडियो आला अधिकारी को दिखाया था। जिसके बाद मामले को गंभीरता से लेकर एसपी ने लोहारा थानेदार को केस दर्ज करने को कहा था। जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और 4 आरोपियों पर शिकंजा कस लिया हया। पुलिस ने मामले में पूछताछ शुरु कर दी है।  

उधर मुंबई में युवा सेना ने कश्मीरी युवकों के साथ मारपीट की निंदा की है। शिवसेना के युवा संगठन युवा सेना के सचिव वरुण देसाई ने गुरुवार को कहा कि यदि कश्मीरी युवकों के साथ मारपीट करने वाले युवा सेना के कार्यकर्ता होंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। देसाई ने कहा कि कश्मीर में सीआरपीएफ जवानों पर हुए आतंकी हमले से देशप्रेमी नागरिक क्षुब्ध हैं। उन्होंने कहा कि शिवसेना प्रमुख बाला साहेब की मांग पर ही महाराष्ट्र के कालेजों में कश्मीरी युवकों के लिए कोटा निर्धारित किया गया था।

ऑल इंडिया कौमी तंजीम ने भी इस मामले की कड़ी निंदा करते हुए कार्रवाई की मांग की है। ऑल इंडिया कौमी तंजीम ने यवतमाल जिलाधिकारी को पत्र भेजते हुए अल्पसंख्यक व कश्मीरियों की सुरक्षा की मांग की है। बता दें कि मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय के भड़काऊ ट्वीट के बाद कश्मीरियों के खिलाफ हिंसा के कई मामले सामने आए थे। इसके बाद खुद सुप्रीम कोर्ट ने कश्मीरियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है। 

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