पुणे में कश्मीर के पत्रकार को पीटा, पुलिस ने दिया कार्रवाई का आश्वासन

Written by sabrang india | Published on: February 22, 2019
मुंबई। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले के बाद से देशभर में कश्मीरियों पर हमले की खबर आ रही है। देहरादून में तो आक्रोशित लोगों के चलते विवि के डीन को ही निकाल दिया गया। इसके बाद बिहार आदि राज्यों से भी कश्मीरियों को निशाना बनाए जाने की खबरें सामने आ रही हैं। ताजा मामला महाराष्ट्र के पुणे से सामने आया है। 

जनसत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के पुणे में जम्मू-कश्मीर के एक पत्रकार पर गुरुवार (22 फरवरी, 2019) देर रात स्थानीय युवक टूट पड़े। लोगों ने न केवल बीच सड़क पर उनकी पिटाई की, बल्कि बुरी तरह धमकाया भी। कहा था, “तुझे वापस कश्मीर भेज देंगे।” हमले के दौरान उनकी बाईं ओर की कलाई टूट गई, जबकि शरीर पर कई जगह घाव भी आए। यह घटना तिलक रोड पर गिरजा होटल के पास रात साढ़े दस बजे के आसपास हुई। पीड़ित की पहचान 23 वर्षीय जिबरानी नजीर डार के रूप में की गई, जो कि पत्रकार हैं। वह तकरीबन डेढ़ साल से पुणे में रह रहे हैं।

कश्मीरी मूल के व्यक्ति के साथ यह वाकया ऐसे समय पर हुआ, जब पुलवामा हमले के बाद से देश के विभिन्न राज्यों में रह रहे कश्मीरी, स्थानीय लोगों के निशाने पर आए। हालांकि, जिबरान के बयान के अनुसार, यह संगठित हमला नहीं था। घटना रोड रेज की थी, जो कि बाद में मार-पीट तक आ भड़की।

पीड़ित के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया, “मैं तिलक रोड पर अपनी मोटरसाइकिल से आ रहा था। गिरजा होटल के पास लाल बत्ती हुई, तब रुका था। बाइक सवार कुछ लोग मुझे आगे बढ़ने को लेकर लगातार हॉर्न बजा रहे थे। मैंने कहा कि सिग्नल नहीं है, लिहाजा मैं आगे नहीं बढ़ सकता।”

बकौल जिबरान, “उन लोगों में से एक ने मेरी बाइक की नंबर प्लेट देख कर कहा था- अगर हमसे बहस करोगे, तब तुम्हें हिमाचल प्रदेश भेज देंगे। मैंने कहा कि मैं कश्मीर से हूं, जिस पर वह तुरंत भड़क गए और अपनी बाइक से उतर आए। मैं कुछ समझ पाता, उससे पहले ही वे मुझ पर टूट पड़े।”

जिबरान के अनुसार, बाइक सवार उन दो युवकों ने घटना के दौरान कुछ दोस्त भी बुला लिए थे। उन सबने मिलकर उनकी पिटाई की। वे सभी मौके से भागने वाले थे, तभी जिबरान ने उनमें से एक का बाइक का नंबर किसी तरह लिख लिया और फौरन पुलिस स्टेशन पहुंचे।

एक अंग्रेजी अखबार से इंस्पेक्टर अशोक कदम ने इस बारे में कहा था, “हमारे पास शिकायत आई है और स्थानीय लोगों के खिलाफ हम मामला दर्ज करने की प्रक्रिया में हैं। हम उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 279, 337 और 323 के तहत शिकायत दर्ज करेंगे।”

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