खाने को लेकर किसी की मॉब लिंचिंग करना संविधान की लिंचिंग करना है- जस्टिस चंद्रचूड़

Written by sabrang india | Published on: February 11, 2019
मुंबई। मॉब लिंचिंग के ट्रेंड को लेकर जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने करारा बयान दिया है। बॉम्बे हाई कोर्ट में जस्टिस देसाई मेमोरियल लेक्चर में बोलते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि किसी की पसंद के भोजन पर पाबंदी लगाना भारत के संविधान की हत्या करना है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जब किसी व्यक्ति को इसलिए मार दिया जाता है कि वह अपनी पसंद का खाना खा रहा है तो यह उस व्यक्ति की ही नहीं बल्कि भारत के संविधान की हत्या है। 

“Why Constitution Matters” नामक कार्यक्रम में बोलते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जब कोई किसी इंसान को धर्म या जाति के आधार पर उसके अधिकारों से वंचित करने की कोशिश करते हैं तो यह संविधान का हनन है। इस कार्यक्रम में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने देश की विविधताओं पर प्रकाश डाला जो संविधान द्वारा प्रदत्त की गई हैं।  

इंडिया टूमारो डॉट नेट की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, “जब हम किसी के खाने को लेकर उसे रोकते- मारते हैं, किसी ब्लॉगर की हत्या उसकी अभिव्यक्ति के कारण कर दी जाती है, किसी कार्टूनिस्ट को उसके कार्टून की वजह से राजद्रोह का केस लगा दिया जाता है या किसी दूल्हे को घोड़ी से उतार दिया जाता है तो यह संविधान का हनन है।

बाकी ख़बरें