सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से पक्ष रखने पर वकीलों और पत्रकारों ने की तारीफ, बोले सावरकर नहीं प्रशांत भूषण

Written by sabrang india | Published on: August 21, 2020
नई दिल्ली। अदालत की अवमानना के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण की सजा को लेकर बीस अगस्त यानि शुक्रवार को सुनवाई हुई। इस दौरान प्रशांत भूषण ने साफ किया कि वह अपने स्टैंड पर कायम हैं और अपने ट्वीटस को लेकर दया नहीं मांगेंगे। भूषण ने साफ किया कि उन्होंने ये ट्वीट बतौर नागरिक अपना कर्तव्य निभाने के लिए किए थे। 



फिर भी कोर्ट ने भूषण को पुनर्विचार के लिए 2-3 दिन का समय दिया है। बता दें कि भूषण ने कोर्ट में कहा कि अगर में इतिहास के इस मोड़ पर नहीं बोलूंगा तो मैं अपने कर्तव्य को सही से नहीं निभा पाऊंगा। कोर्ट जो भी दंड देता है मैं उसके लिए तैयार हूं। माफी मांगना मेरे लिए अपमानजनक होगा। मैं माफी नहीं मांगूंगा। किसी उदारता के लिए अपील नहीं करूंगा।

इस पर जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा, हम आपको दो तीन दिन का समयदे रहे हैं। आपको इस पर सोचना चाहिए। हमें अभी फैसला नहीं सुनाना चाहिए। तो जवाब में प्रशांत भूषण ने कहा कि बयान सोच समझकर दिया है। लगता नहीं है कि इसमें कुछ बदलाव होगा लेकिन फिर भी सोचूंगा। वहीं भूषण की ओर से सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से पक्ष रखे जाने की पत्रकारों और वकीलों के बीच जमकर तारीफ हो रही है।  



निर्देशक और लेखक विनोद कापड़ी ने लिखा, मुझे दया नहीं चाहिए भारत के लोकतंत्र की जब जब बात होगी , इन शब्दों को याद किया जाता रहेगा।















 

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