झारखंड के रांची जिले में तीन महिलाओं की जादू टोना करने के संदेह में पीट-पीटकर कथित तौर पर हत्या कर दी गई। इस मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कौशल किशोर ने बताया कि सोनाहातू पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले रणडीह गांव में हुई हत्या के मामले में एक महिला के पति और बेटे सहित 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
उन्होंने बताया कि अभी तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वहीं शेष लोगों की तलाश की जा रही है। पुलिस ने बताया कि गांव के कुछ लोगों ने तीन महिलों के साथ डंडे से मारपीट की। उन्हें शक था कि ये महिलाएं जादू टोना करती थीं। आरोप हैं कि इन लोगों ने महिलाओं की मौत हो जाने के बाद उनके शव गांव के निकट पहाड़ी इलाके में फेंक दिए।
रविवार को दो शव बरामद कर लिए गए थे, वहीं तीसरा शव सोमवार को बरामद किया गया। पुलिस ने बताया कि उन्होंने मारी गई एक महिला के पति को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है, क्योंकि महिला के रिश्तेदार द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में पति का नाम भी आरोपियों में शामिल था।
द टेलीग्राफ के मुताबिक, रविवार (4 सितंबर) की रात पुलिस ने रणडीह के जंगल से 45 वर्षीय रायलू देवी और 60 वर्षीय ढोलो देवी का शव बरामद किया और सोमवार (5 सितंबर) की सुबह इसी वन क्षेत्र में करीब 55 वर्षीय तीसरी महिला अलूमणि देवी का क्षत-विक्षत शव मिला।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, उन्हें रविवार दोपहर एक स्थानीय पत्रकार से तीन महिलाओं की हत्या की जानकारी मिली। ग्रामीणों के कड़े विरोध के बीच सोनाहातू थाने से 25 किमी से दूर जंगल में राहे और सोनाहातू पुलिस थानों द्वारा एक संयुक्त तलाशी ली गई। रविवार से लगभग सभी पुरुष गांव से फरार हैं।
पुलिस के मुताबिक, 1 सितंबर की रात तामार के एकलव्य विद्यालय के छात्र और गांव के मूल निवासी 18 वर्षीय राज किशोर मुंडा की सांप के काटने से मौत हो गई थी। वह रणडीह निवासी रामसकल सिंह मुंडा के पुत्र थे।
घटना के बाद, ग्रामीणों ने एक सांप पकड़ने वाले से संपर्क किया, जो रणडीह गांव में एक फर्जी हकीम के रूप में भी काम करता है और उसने उन्हें बताया कि मौत गांव में कुछ महिलाओं द्वारा किए जा रहे जादू टोने के कारण हुई है। अगर उन्हें खत्म नहीं किया गया तो वे रणडीह गांव को बर्बाद कर देंगी।
इस व्यक्ति ने ग्रामीणों को आश्वस्त कर दिया था कि महिलाएं जल्द ही अपने ही परिवार के एक और युवक को मार देंगी। उसके बाद शुक्रवार (दो सितंबर) को रैलू देवी के बेटे 19 वर्षीय ललित सिंह मुंडा को भी सांप ने काट लिया, हालांकि इलाज के बाद उन्हें बचा लिया गया।
ग्रामीणों ने शनिवार को एक बैठक बुलाई जहां रायलू देवी को लाया गया और जादू टोना करने के लिए पीटे जाने के बाद उन्होंने डर के चलते ऐसा किए जाने की बात स्वीकार ली। इसके बाद जब गांव वालों ने ऐसी और महिलाओं का नाम लेने के लिए दबाव डाला, तो उन्होंने ढोली देवी और अलूमणि का नाम लिया। इसके बाद ग्रामीणों ने तीनों महिलाओं को पकड़ लिया और रणडीह के पास पहाड़ी पर ले जाकर उनकी हत्या कर दी।
रांची के एसएसपी किशोर कौशल ने कहा, ‘हमने इस निर्मम घटना की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया है। अब तक एफआईआर में नामजद आठ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अन्य 16 लोगों की तलाश की जा रही है। हम उस झोलाछाप हकीम को भी गिरफ्तार करेंगे, जिसने ग्रामीणों को भड़काया था।’
उल्लेखनीय है कि झारखंड में महिलाओं पर जादू-टोने या डायन होने के आरोप लगाकर उनकी हत्या या उनके साथ हिंसा के मामले लगातार सामने आते रहे हैं। बीते जुलाई महीने में पश्चिमी सिंहभूम जिले के मंझारी थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति ने डायन होने के संदेह में कुछ लोगों के साथ मिलकर अपनी 45 वर्षीय चाची की हत्या कर शव को जंगल में छुपा दिया था।
इसी महीने गढ़वा जिले के खुरी गांव में ग्रामीणों ने 70 वर्षीय एक महिला को कथित तौर पर इस संदेह में पीट-पीटकर मार डाला कि वह जादू-टोना करती थीं। जादू-टोना करने के संदेह में किसी व्यक्ति की हत्या कर देना राज्य में एक बड़ी सामाजिक बुराई है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार, ऐसे मामलों में 2001 और 2020 के बीच कुल 590 लोगों की मौत हुई, जिनमें ज्यादातर महिलाएं शामिल थीं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कौशल किशोर ने बताया कि सोनाहातू पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले रणडीह गांव में हुई हत्या के मामले में एक महिला के पति और बेटे सहित 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
उन्होंने बताया कि अभी तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वहीं शेष लोगों की तलाश की जा रही है। पुलिस ने बताया कि गांव के कुछ लोगों ने तीन महिलों के साथ डंडे से मारपीट की। उन्हें शक था कि ये महिलाएं जादू टोना करती थीं। आरोप हैं कि इन लोगों ने महिलाओं की मौत हो जाने के बाद उनके शव गांव के निकट पहाड़ी इलाके में फेंक दिए।
रविवार को दो शव बरामद कर लिए गए थे, वहीं तीसरा शव सोमवार को बरामद किया गया। पुलिस ने बताया कि उन्होंने मारी गई एक महिला के पति को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है, क्योंकि महिला के रिश्तेदार द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में पति का नाम भी आरोपियों में शामिल था।
द टेलीग्राफ के मुताबिक, रविवार (4 सितंबर) की रात पुलिस ने रणडीह के जंगल से 45 वर्षीय रायलू देवी और 60 वर्षीय ढोलो देवी का शव बरामद किया और सोमवार (5 सितंबर) की सुबह इसी वन क्षेत्र में करीब 55 वर्षीय तीसरी महिला अलूमणि देवी का क्षत-विक्षत शव मिला।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, उन्हें रविवार दोपहर एक स्थानीय पत्रकार से तीन महिलाओं की हत्या की जानकारी मिली। ग्रामीणों के कड़े विरोध के बीच सोनाहातू थाने से 25 किमी से दूर जंगल में राहे और सोनाहातू पुलिस थानों द्वारा एक संयुक्त तलाशी ली गई। रविवार से लगभग सभी पुरुष गांव से फरार हैं।
पुलिस के मुताबिक, 1 सितंबर की रात तामार के एकलव्य विद्यालय के छात्र और गांव के मूल निवासी 18 वर्षीय राज किशोर मुंडा की सांप के काटने से मौत हो गई थी। वह रणडीह निवासी रामसकल सिंह मुंडा के पुत्र थे।
घटना के बाद, ग्रामीणों ने एक सांप पकड़ने वाले से संपर्क किया, जो रणडीह गांव में एक फर्जी हकीम के रूप में भी काम करता है और उसने उन्हें बताया कि मौत गांव में कुछ महिलाओं द्वारा किए जा रहे जादू टोने के कारण हुई है। अगर उन्हें खत्म नहीं किया गया तो वे रणडीह गांव को बर्बाद कर देंगी।
इस व्यक्ति ने ग्रामीणों को आश्वस्त कर दिया था कि महिलाएं जल्द ही अपने ही परिवार के एक और युवक को मार देंगी। उसके बाद शुक्रवार (दो सितंबर) को रैलू देवी के बेटे 19 वर्षीय ललित सिंह मुंडा को भी सांप ने काट लिया, हालांकि इलाज के बाद उन्हें बचा लिया गया।
ग्रामीणों ने शनिवार को एक बैठक बुलाई जहां रायलू देवी को लाया गया और जादू टोना करने के लिए पीटे जाने के बाद उन्होंने डर के चलते ऐसा किए जाने की बात स्वीकार ली। इसके बाद जब गांव वालों ने ऐसी और महिलाओं का नाम लेने के लिए दबाव डाला, तो उन्होंने ढोली देवी और अलूमणि का नाम लिया। इसके बाद ग्रामीणों ने तीनों महिलाओं को पकड़ लिया और रणडीह के पास पहाड़ी पर ले जाकर उनकी हत्या कर दी।
रांची के एसएसपी किशोर कौशल ने कहा, ‘हमने इस निर्मम घटना की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया है। अब तक एफआईआर में नामजद आठ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अन्य 16 लोगों की तलाश की जा रही है। हम उस झोलाछाप हकीम को भी गिरफ्तार करेंगे, जिसने ग्रामीणों को भड़काया था।’
उल्लेखनीय है कि झारखंड में महिलाओं पर जादू-टोने या डायन होने के आरोप लगाकर उनकी हत्या या उनके साथ हिंसा के मामले लगातार सामने आते रहे हैं। बीते जुलाई महीने में पश्चिमी सिंहभूम जिले के मंझारी थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति ने डायन होने के संदेह में कुछ लोगों के साथ मिलकर अपनी 45 वर्षीय चाची की हत्या कर शव को जंगल में छुपा दिया था।
इसी महीने गढ़वा जिले के खुरी गांव में ग्रामीणों ने 70 वर्षीय एक महिला को कथित तौर पर इस संदेह में पीट-पीटकर मार डाला कि वह जादू-टोना करती थीं। जादू-टोना करने के संदेह में किसी व्यक्ति की हत्या कर देना राज्य में एक बड़ी सामाजिक बुराई है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार, ऐसे मामलों में 2001 और 2020 के बीच कुल 590 लोगों की मौत हुई, जिनमें ज्यादातर महिलाएं शामिल थीं।