लॉकडाउन के कारण देशभर में मजदूरों की अपने घरों की तरफ वापसी जारी है। दो महीने से ज्यादा समय से चल रही देशव्यापी तालाबंदी ने मजदूरों की कमर तोड़ दी है, सरकारें उदासीन हैं वे उऩ्हें सुरक्षित पहुंचाने के बजाय राजनीति करने में मगन हैं। बीजेपी शासित कर्नाटक के सीएम मजदूरों को वहीं फंसाकर रखने का प्रयास कर चुके हैं वहीं यूपी के सीएम प्रियंका गांधी द्वारा ऑफर की गई बसों को लेने में अपनी हेठी समझकर मजदूरों को पैदल चलने पर मजबूर कर चुके हैं। इस सबके बीच झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन अपने राज्यों के मजदूरों को वापस लाने के लिए लगातार सराहनीय कदम उठा रहे हैं।
इलेह की ऊंचाई में फंसे झारखंड के 60 मजदूरों को झारखंड सरकार न हवाई जहाज ने निकालकर उन्हें उनके घर तक भेजने की पहल की है। झारखंड पहला ऐसा राज्य है जिसने अपने राज्यों के मजदूरों को दूसरे जगहों से एयर लिफ्ट किया है। मालूम हो कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि किसी दूसरे जगह फंसे मजदूरों को लाने में सरकार किसी तरह की कोई शुल्क नहीं लेगी।
10 मई को लगायी थी गुहार
कारगिल सेक्टर में एक प्रोजेक्ट में काम कर रहे झारखंड के प्रवासी मजदूरों ने सीएम हेमंत सोरेनसे मदद की गुहार लगासी थी। इसके बाद हेमंत सोरेन ने लद्दाख प्रशासन से मदद देने का आग्रह किया। तब तत्काल उन्हें राशन सहित दूसरी सुविधा मुहैया करा दी गयी। इसके बाद उन्हें लाने का अभियान शुरू हुआ।
12 मई को झारखंड सरकार ने इन फंसे मजदूरों को एयर लिफ्ट करने की अनुमति मांगी। हालांकि चूंकि तब हवाई यात्रा की अनुमति नहीं दी थी केंद्र सरकार ने तत्काल इसकी अनुमति नहीं दी। 25 मई के बाद जब हवाई सेवा शुरू हुई तब हेमंत सोरेन ने फिर इसकी पहल की।
लद्दाख प्रशासन से मिलकर सभी 60 मजदूरों की स्वास्थ्य जांच की। इसके बाद उनके उड़ान की तैयारी हुई। वे जेट के हवाई जहाज से वहां से 12 बजे उड़ेंगे और 2 बजे दिल्ली आएंगे। फिर दिल्ली से दूसरे विमान से रांची जाएंगे। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि अब तक राज्य में लगभग 4 लाख मजदूरों को दूसरे राज्य से वापस लाया जा चुका है।
मुंबई से भी एयर लिफ्ट किए जा चुके हैं मजदूर
इससे पहले गुरुवार को झारखंड के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रयास से एयर एशिया की फ्लाइट से 174 प्रवासी मजदूर मुंबई से अपने गृह राज्य झारखंड लौटे। गुरुवार सुबह 8:15 बजे एयर एशिया की स्पेशल फ्लाइट से ये प्रवासी मजदूर रांची पहुंचे। इस दौरान लोगों के चेहरे पर एक खास खुशी नजर आ रही थी।
इलेह की ऊंचाई में फंसे झारखंड के 60 मजदूरों को झारखंड सरकार न हवाई जहाज ने निकालकर उन्हें उनके घर तक भेजने की पहल की है। झारखंड पहला ऐसा राज्य है जिसने अपने राज्यों के मजदूरों को दूसरे जगहों से एयर लिफ्ट किया है। मालूम हो कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि किसी दूसरे जगह फंसे मजदूरों को लाने में सरकार किसी तरह की कोई शुल्क नहीं लेगी।
10 मई को लगायी थी गुहार
कारगिल सेक्टर में एक प्रोजेक्ट में काम कर रहे झारखंड के प्रवासी मजदूरों ने सीएम हेमंत सोरेनसे मदद की गुहार लगासी थी। इसके बाद हेमंत सोरेन ने लद्दाख प्रशासन से मदद देने का आग्रह किया। तब तत्काल उन्हें राशन सहित दूसरी सुविधा मुहैया करा दी गयी। इसके बाद उन्हें लाने का अभियान शुरू हुआ।
12 मई को झारखंड सरकार ने इन फंसे मजदूरों को एयर लिफ्ट करने की अनुमति मांगी। हालांकि चूंकि तब हवाई यात्रा की अनुमति नहीं दी थी केंद्र सरकार ने तत्काल इसकी अनुमति नहीं दी। 25 मई के बाद जब हवाई सेवा शुरू हुई तब हेमंत सोरेन ने फिर इसकी पहल की।
लद्दाख प्रशासन से मिलकर सभी 60 मजदूरों की स्वास्थ्य जांच की। इसके बाद उनके उड़ान की तैयारी हुई। वे जेट के हवाई जहाज से वहां से 12 बजे उड़ेंगे और 2 बजे दिल्ली आएंगे। फिर दिल्ली से दूसरे विमान से रांची जाएंगे। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि अब तक राज्य में लगभग 4 लाख मजदूरों को दूसरे राज्य से वापस लाया जा चुका है।
मुंबई से भी एयर लिफ्ट किए जा चुके हैं मजदूर
इससे पहले गुरुवार को झारखंड के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रयास से एयर एशिया की फ्लाइट से 174 प्रवासी मजदूर मुंबई से अपने गृह राज्य झारखंड लौटे। गुरुवार सुबह 8:15 बजे एयर एशिया की स्पेशल फ्लाइट से ये प्रवासी मजदूर रांची पहुंचे। इस दौरान लोगों के चेहरे पर एक खास खुशी नजर आ रही थी।