नई दिल्ली: हिंदू देवताओं के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में करीब दो हफ्ते पहले गिरफ्तार किए गए स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी के खिलाफ दर्ज मामले ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। इंदौर पुलिस ने अदालत से कहा कि उनकी जमानत याचिका खारिज होनी चाहिए, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास फारूकी के खिलाफ दर्ज मामले में कोई सबूत नहीं है।
शुक्रवार को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ के सामने फारूकी की जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान इंदौर पुलिस केस डायरी पेश करने में विफल रही और उसने कहा कि कॉमेडियन तथा पांच अन्य लोगों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को साबित करने का उसके पास कोई सबूत नहीं है।
बता दें कि इंदौर से भाजपा विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ की शिकायत के बाद बीते 1 जनवरी को इंदौर पुलिस ने फारूकी और पांच अन्य- नलिन यादव, एडविन एंथनी, प्रखर व्यास, प्रियम व्यास और नलिन यादव, को गिरफ्तार किया था।
एकलव्य सिंह गौड़ ने मामला दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि इस कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर अभद्र टिप्पणियां की गई थीं। मामले के सामने आने के बाद से ही कई लोग इस मामले में की गई मनमानी गिरफ्तारियों की ओर इशारा कर चुके हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, छह में से एक शो के आयोजक का भाई है जो दर्शकों में शामिल था, एक अन्य फारूकी का एक दोस्त है, जिसका घटना से कोई लेना-देना नहीं था और एक तीसरा जिसके परिवार में केवल उसका छोटा भाई है, जो उसके लिए भटक रहा है।
24 वर्षीय प्रखर ने शो के लिए फारूकी से संपर्क किया था। मुंबई से आने वाले फारूकी मुख्य एक्ट करने वाले थे जबकि प्रखर और यादव छोटे-छोटे एक्ट करने वाले थे। प्रखर के छोटे भाई प्रियम केवल शो में शामिल होने आए थे। सदाकत हिरासत में रखे गए फारूकी से मिलने आए थे और इस दौरान उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, मामले के पहले आरोपी एंथनी के बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता है। वे इंदौर के रहने वाले हैं और शो के इवेंट कोऑर्डिनेटर हैं।
6 जनवरी को इंदौर सेशन कोर्ट की सुनवाई में तुकोगंज स्टेशन पुलिस ने प्रखर और प्रियम की जमानत याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा, प्रखर ने शो के लिए सारी व्यवस्था की थी। इंदौर सत्र अदालत ने तब गिरफ्तार लोगों की सभी जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया था। 13 जनवरी को एक न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने सदाकत को छोड़कर सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत को अगले दो सप्ताह के लिए बढ़ा दिया था।
शुक्रवार को हाईकोर्ट में जमानत याचिका को केस डायरी की अनुपलब्धता के कारण स्थगित कर दिया गया और अगले सप्ताह की शुरुआत में सुनवाई होगी जब पुलिस द्वारा केस डायरी पेश किए जाने की उम्मीद है। भले ही पुलिस केस डायरी पेश करने में विफल रही, लेकिन यह आग्रह किया गया कि उज्जैन और इंदौर में कानून और व्यवस्था की समस्याओं को रोकने के लिए सभी को हिरासत में रखा जाए।
फारूकी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 295-ए (किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जान-बूझकर किए गए विद्वेषपूर्ण कार्य), धारा 269 (ऐसा लापरवाही भरा काम करना जिससे किसी जानलेवा बीमारी का संक्रमण फैलने का खतरा हो) और अन्य सम्बद्ध प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है।
फारूकी और यादव के वकील अंशुमान श्रीवास्तव ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा जमानत के लिए आवेदनकर्ताओं की ओर से पेश हुए और उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि वह दूसरे पहर में मामले की सुनवाई करे क्योंकि तुकोगंज पुलिस स्टेशन (जहां मामला दर्ज किया गया है) हाईकोर्ट परिसर के सामने है और पुलिस को डायरी लाने के लिए कहा जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘हालांकि सुनवाई स्थगित कर दी गई। पुलिस द्वारा स्थगन की ऐसी अपील उनके मुवक्किलों को परेशान करने की रणनीति है।’ श्रीवास्तव ने कहा, ‘आपराधिक कानून मान्यताओं पर काम नहीं करता है, लेकिन उनकी जमानत को इस धारणा से इनकार किया गया है कि यह कानून और व्यवस्था की समस्याओं को जन्म देगा और किसी तकनीकी या कानूनी आधार पर नहीं।’
उन्होंने कहा कि गौड़ (हिंदू रक्षक संगठन के संयोजक) द्वारा दायर की गई एफआईआर में कथित रूप से फारूकी द्वारा की गई टिप्पणियों का साफ-साफ उल्लेख नहीं किया था और जोर देकर कहा कि कम से कम पुलिस गिरफ्तारी करने से पहले दावों का सत्यापन कर सकती थी।
उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह और गोधरा कांड के खिलाफ फारूकी की कथित टिप्पणी करीब चार साल पहले शूट किए गए वीडियो पर आधारित था, न कि इंदौर के शो से। नलिन के छोटे भाई ने कहा कि जब उसे गिरफ्तार किया गया था, तब भी नलिन ने इंदौर शो में अपना एक्ट प्रस्तुत नहीं किया था।
उन्होंने कहा, ‘जब मैं जेल में नलिन से मिलने गया, तो वह मेरी सुरक्षा को लेकर चिंतित थे क्योंकि अभी सिर्फ हम दोनों हैं। वो दोहराते रहे कि उन्होंने धर्म पर कोई मजाक नहीं किया। दो महीने पहले ही उनकी मां का निधन हो गया था।’ फारूकी के टूर मैनेजर और स्टैंडअप निर्माता विशेष अरोड़ा ने कहा कि फारूकी ने नवंबर 2020 के बाद 25 बार इस विशेष कॉमिक रूटीन को किया था और इंदौर के बाद अलग-अलग शहरों में 20 बार और करने वाले थे।
उन्होंने कहा कि फारूकी को ऑनलाइन धमकी मिल रही है। फारूकी के एक चचेरे भाई ने भी कहा कि परिवार को 2020 के बाद से ऑनलाइन धमकियां मिल रही थीं जब उन्होंने ‘दाऊद, यमराज और औरत’ नामक एक कॉमेडी पोस्ट किया। उन्होंने कहा कि फारूकी की बहनों को भी बलात्कार की धमकी मिली है। तुकोगंज पुलिस स्टेशन के टाउन इंस्पेक्टर कमलेश शर्मा ने पहले इंडियन एक्सप्रेस को पुष्टि की थी कि पुलिस के पास सीधे फारूकी के खिलाफ कोई सबूत नहीं है और उन्हें आयोजक के रूप में बुक किया गया था। उन्होंने कहा था, ‘उनके खिलाफ हिंदू आराध्यों या केंद्रीय मंत्री अमित शाह के अपमान का कोई सबूत नहीं है।’ उन्होंने कहा था कि शिकायतकर्ता द्वारा जमा किए गए दो अन्य वीडियो उनके साथ के अन्य कॉमेडियनों के हैं, जो कि कथित तौर पर भगवान गणेश का मजाक उड़ा रहे थे।’ फिर भी पुलिस सभी आरोपियों को हिरासत में रखना चाहती है।
शुक्रवार को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ के सामने फारूकी की जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान इंदौर पुलिस केस डायरी पेश करने में विफल रही और उसने कहा कि कॉमेडियन तथा पांच अन्य लोगों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को साबित करने का उसके पास कोई सबूत नहीं है।
बता दें कि इंदौर से भाजपा विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ की शिकायत के बाद बीते 1 जनवरी को इंदौर पुलिस ने फारूकी और पांच अन्य- नलिन यादव, एडविन एंथनी, प्रखर व्यास, प्रियम व्यास और नलिन यादव, को गिरफ्तार किया था।
एकलव्य सिंह गौड़ ने मामला दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि इस कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर अभद्र टिप्पणियां की गई थीं। मामले के सामने आने के बाद से ही कई लोग इस मामले में की गई मनमानी गिरफ्तारियों की ओर इशारा कर चुके हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, छह में से एक शो के आयोजक का भाई है जो दर्शकों में शामिल था, एक अन्य फारूकी का एक दोस्त है, जिसका घटना से कोई लेना-देना नहीं था और एक तीसरा जिसके परिवार में केवल उसका छोटा भाई है, जो उसके लिए भटक रहा है।
24 वर्षीय प्रखर ने शो के लिए फारूकी से संपर्क किया था। मुंबई से आने वाले फारूकी मुख्य एक्ट करने वाले थे जबकि प्रखर और यादव छोटे-छोटे एक्ट करने वाले थे। प्रखर के छोटे भाई प्रियम केवल शो में शामिल होने आए थे। सदाकत हिरासत में रखे गए फारूकी से मिलने आए थे और इस दौरान उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, मामले के पहले आरोपी एंथनी के बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता है। वे इंदौर के रहने वाले हैं और शो के इवेंट कोऑर्डिनेटर हैं।
6 जनवरी को इंदौर सेशन कोर्ट की सुनवाई में तुकोगंज स्टेशन पुलिस ने प्रखर और प्रियम की जमानत याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा, प्रखर ने शो के लिए सारी व्यवस्था की थी। इंदौर सत्र अदालत ने तब गिरफ्तार लोगों की सभी जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया था। 13 जनवरी को एक न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने सदाकत को छोड़कर सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत को अगले दो सप्ताह के लिए बढ़ा दिया था।
शुक्रवार को हाईकोर्ट में जमानत याचिका को केस डायरी की अनुपलब्धता के कारण स्थगित कर दिया गया और अगले सप्ताह की शुरुआत में सुनवाई होगी जब पुलिस द्वारा केस डायरी पेश किए जाने की उम्मीद है। भले ही पुलिस केस डायरी पेश करने में विफल रही, लेकिन यह आग्रह किया गया कि उज्जैन और इंदौर में कानून और व्यवस्था की समस्याओं को रोकने के लिए सभी को हिरासत में रखा जाए।
फारूकी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 295-ए (किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जान-बूझकर किए गए विद्वेषपूर्ण कार्य), धारा 269 (ऐसा लापरवाही भरा काम करना जिससे किसी जानलेवा बीमारी का संक्रमण फैलने का खतरा हो) और अन्य सम्बद्ध प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है।
फारूकी और यादव के वकील अंशुमान श्रीवास्तव ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा जमानत के लिए आवेदनकर्ताओं की ओर से पेश हुए और उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि वह दूसरे पहर में मामले की सुनवाई करे क्योंकि तुकोगंज पुलिस स्टेशन (जहां मामला दर्ज किया गया है) हाईकोर्ट परिसर के सामने है और पुलिस को डायरी लाने के लिए कहा जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘हालांकि सुनवाई स्थगित कर दी गई। पुलिस द्वारा स्थगन की ऐसी अपील उनके मुवक्किलों को परेशान करने की रणनीति है।’ श्रीवास्तव ने कहा, ‘आपराधिक कानून मान्यताओं पर काम नहीं करता है, लेकिन उनकी जमानत को इस धारणा से इनकार किया गया है कि यह कानून और व्यवस्था की समस्याओं को जन्म देगा और किसी तकनीकी या कानूनी आधार पर नहीं।’
उन्होंने कहा कि गौड़ (हिंदू रक्षक संगठन के संयोजक) द्वारा दायर की गई एफआईआर में कथित रूप से फारूकी द्वारा की गई टिप्पणियों का साफ-साफ उल्लेख नहीं किया था और जोर देकर कहा कि कम से कम पुलिस गिरफ्तारी करने से पहले दावों का सत्यापन कर सकती थी।
उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह और गोधरा कांड के खिलाफ फारूकी की कथित टिप्पणी करीब चार साल पहले शूट किए गए वीडियो पर आधारित था, न कि इंदौर के शो से। नलिन के छोटे भाई ने कहा कि जब उसे गिरफ्तार किया गया था, तब भी नलिन ने इंदौर शो में अपना एक्ट प्रस्तुत नहीं किया था।
उन्होंने कहा, ‘जब मैं जेल में नलिन से मिलने गया, तो वह मेरी सुरक्षा को लेकर चिंतित थे क्योंकि अभी सिर्फ हम दोनों हैं। वो दोहराते रहे कि उन्होंने धर्म पर कोई मजाक नहीं किया। दो महीने पहले ही उनकी मां का निधन हो गया था।’ फारूकी के टूर मैनेजर और स्टैंडअप निर्माता विशेष अरोड़ा ने कहा कि फारूकी ने नवंबर 2020 के बाद 25 बार इस विशेष कॉमिक रूटीन को किया था और इंदौर के बाद अलग-अलग शहरों में 20 बार और करने वाले थे।
उन्होंने कहा कि फारूकी को ऑनलाइन धमकी मिल रही है। फारूकी के एक चचेरे भाई ने भी कहा कि परिवार को 2020 के बाद से ऑनलाइन धमकियां मिल रही थीं जब उन्होंने ‘दाऊद, यमराज और औरत’ नामक एक कॉमेडी पोस्ट किया। उन्होंने कहा कि फारूकी की बहनों को भी बलात्कार की धमकी मिली है। तुकोगंज पुलिस स्टेशन के टाउन इंस्पेक्टर कमलेश शर्मा ने पहले इंडियन एक्सप्रेस को पुष्टि की थी कि पुलिस के पास सीधे फारूकी के खिलाफ कोई सबूत नहीं है और उन्हें आयोजक के रूप में बुक किया गया था। उन्होंने कहा था, ‘उनके खिलाफ हिंदू आराध्यों या केंद्रीय मंत्री अमित शाह के अपमान का कोई सबूत नहीं है।’ उन्होंने कहा था कि शिकायतकर्ता द्वारा जमा किए गए दो अन्य वीडियो उनके साथ के अन्य कॉमेडियनों के हैं, जो कि कथित तौर पर भगवान गणेश का मजाक उड़ा रहे थे।’ फिर भी पुलिस सभी आरोपियों को हिरासत में रखना चाहती है।