पूर्व आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन बोले- ICU में जा रही आर्थव्यवस्था

Written by sabrang india | Published on: December 14, 2019
पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था बड़ी मंदी की ओर बढ़ रही है। उन्होंने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था ICU में जा रही है। उन्होंने दोहरे बैलेंस शीट की समस्या को इंगित करते हुए सरकार को बड़ा खामियाजा भुगतने की चेतावनी दी है।



सुब्रमण्यन ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट के एक ड्राफ्ट वर्किंग पेपर में कहा है कि वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था को ट्विन (दोहरे) बैलेंस शीट (टीबीएस) संकट की “दूसरी लहर” का सामना करना पड़ रहा है, जो कि “महान मंदी” के रूप में है।

देश के पूर्व CEA ने कहा, “स्पष्ट रूप से यह एक सामान्य मंदी नहीं है। यह भारत की महान मंदी है, जहां अर्थव्यवस्था को गहन देखभाल की जरूरत आ पड़ी है।” सुब्रमण्यन ने टीबीएस संकट की ओर ध्यान खींचा है जो मोदी सरकार में उनके मुख्य आर्थिक सलाहकार पद पर रहते हुए निजी कॉरपोरेट्स द्वारा एनपीए के रूप में बढ़ते कर्ज से जुड़ा है।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के भारत स्थित कार्यालय के पूर्व प्रमुख जोश फेलमैन के साथ सह-लेखक के रूप में लिखे आर्टिकल में सुब्रमणियन, जो अब हार्वर्ड केनेडी स्कूल में पढ़ाते हैं, ने अपने मूल TBS और “TBS-2” के बीच अंतर किया है।

TBS-1 साल 2004 से 2011 के बीच के बैंक लोन्स का है जब निवेश चरम पर था और बैंकों ने स्टील, बिजली और बुनियादी ढांचा क्षेत्र की कंपनियों को खूब ऋण दिए थे। हालांकि, TBS-2 नोटबंदी के बाद से जुड़ी आर्थिक गतिविधियों से है, जिसमें गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और रियल एस्टेट फर्मों को शामिल किया गया है।

पेपर में कहा गया है कि नोटबंदी के बाद बड़ी मात्रा में नकदी बैंक पहुंची। इसका बड़ा हिस्सा एनबीएफसी को दिया गया। इसके बाद एनबीएफसी ने इस पैसे को रियल एस्टेट सेक्टर में लगाया। 2017-18 तक रियल एस्टेट के 5,00,000 करोड़ रुपये के बकाया अचल संपत्ति ऋण के आधे हिस्से के लिए एनबीएफसी जिम्मेदार थे।

सुब्रमणियन के मुताबिक, सितंबर 2018 में IL&FS का डूबना एक “भूकंपीय घटना” थी, जो न केवल 90,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के बकाए के कारण थी, बल्कि बुनियादी ढांचे के लिए ऋण देने तथा बाजारों को जगाने और पूरे एनबीएफसी क्षेत्र को आश्वस्त करने के लिए भी प्रेरित कर रहा था।

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