स्टिंग ऑपरेशनः सनातन संस्था का आतंकी चेहरा आया सामने, 2008 बम धमाकों में हाथ!

Published on: October 10, 2018

हिंदू संगठन सनातन संस्था का असली चेहरा बेनकाब हो गया है. इंडिया टुडे के एक स्टिंग ऑपरेशन में सनातन संस्था के साधक मंगेश दिनकर निकम और रिभाऊ कृष्ण दिवेकर  ने साल 2008 में महाराष्ट्र में हुए बम धमाकों में शामिल होने की बात को स्वीकार करते नजर आ रहे हैं. 



बता दें कि आंतक विरोधी दस्ते ने महाराष्ट्र में सिनेमा हॉल के बाहर बम धमाकों के आरोप में मंगेश दिनकर निकम और रिभाऊ कृष्ण दिवेकर का नाम चार्जशीट में नामजद किया था. दोनों को कोर्ट ने पहले आरोपी बनाया था, फिर बाद में सबूत के अभाव में 2011 में इन्हें रिहा कर दिया गया था. लेकिन अब सात साल बाद कैमरे के सामने इन्होंने खुद अपना गुनाह कबूल किया है.  

मंगेश दिनकर निकम ने इंडिया टुडे की स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम के कैमरे के सामने कहा, "वाशी में था तो सिर्फ रखा और आ गया था. इतना ही रोल था." निकम ने कैमरे के सामने कबूला है कि 2008 में वाशी में एक सिनेमाहॉल के बाहर उसी ने बम रखा था.

स्‍ट‍िंग में निकम ने ऐसा करने की वजह भी बताई. निकम का कहना है कि वाशी थिएटर में हिंदू देवी-देवताओं की गलत छवि पेश की जा रही थी, इसीलिए उस थिएटर को बंद करवाने के लिए वहां बम प्लांट किया. निकम ने ये भी कबूल किया कि सनातन संस्था का दूसरा साधक हरिभाऊ कृष्णा दिवेकर भी उसके साथ इस काम में शामिल था.


सनातन संस्था की स्थापना करीब 20 साल पहले 1999 में डॉ. जयंत आठवले ने की थी. महाराष्ट्र, गोवा समेत देश के कई हिस्सों में इसके केंद्र फैले हैं. हिंदुत्व के नाम पर हिंसा के विवादों से अक्‍सर सनातन संस्था सुर्खियों में आती रहती है.

बता दें कि 2008 में महाराष्ट्र के सिनेमाघरों में हुए बम धमाकों में एटीएस ने 6 संदिग्धों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. इनमें मंगेश दिनकर निकम, हरिभाऊ कृष्ण दिवेकर, विक्रम विनय भावे, संतोष सीताराम आंगरे, रमेश हनुमंत गडकरी और हेंमत तुकाराम के नाम शामिल थे.

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