लॉक़डाउन की स्थिति में मजदूरों को पीट रही पुलिस, खेत से गेहूं और आलू कैसे निकालें किसान?

Written by Sabrangindia Staff | Published on: March 25, 2020
जिस वक्त कोरोना वायरस को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश भर में लॉकडाउन की घोषणा कर रहे थे, हरियाणा, पंजाब, यूपी, बिहार और हिमाचल के किसान एक ही बात सोच रहे थे। अब गेहूं की फसल का क्या होगा? क्योंकि फसल तैयार है। किसी भी वक्त कटायी शुरू होने वाली थी। अब कैसे होगा यह सब? यहीं चिंता किसानों के चेहरे पर बनी हुई है।

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लॉकडाउन अचानक से हुआ। किसानों ने बताया कि अप्रैल के पहले सप्ताह में गेहूं की कटाई शुरू हो जाती है। इस बार पहले ही मौसम की वजह से गेहूं को खासा नुकसान हुआ है। यदि अब समय पर गेहूं की कटायी नहीं होती तो फिर खेत में ही फसल खराब हो जाएगी।

किसानों ने बताया कि एक दिन भी यदि गेहूं की कटायी लेट होती है तो समझो 5 प्रतिशत फसल खराब हो जाएगी। पकी फसल की समय पर कटायी न होने से इसक दाना खराब हो सकता है। फसल खेत में झड़ सकती है। इसके साथ ही यदि मौसम खराब हो गया तो पूरी फसल ही बर्बाद हो जाएगी।

हाल की स्थिति की बात करें तो यूपी के किसानों के खेत में आलू बोया हुआ है, आलू की खुदाई/बिनाई का काम बगैर मजदूरों के नहीं हो सकता। ऐसे में किसान क्या करें? यह स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। 24 मार्च की मध्य रात्रि से देशबंदी होने के बाद पुलिस मजदूरों पर भी सख्ती कर रही है। एक जगह चार मजदूर नहीं लग सकते, ऐसे में किसानों के पास क्या विकल्प है, यह बताने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नाकाम रहे हैं। लॉकडाउन की स्थिति में किसानों के पास अपनी फसल लेने के लिए क्या समाधान हैं यह बताने में भी मोदी नाकाम रहे हैं। 

 

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