मुंबई। रिपब्लिक टीवी के फाउंडर और एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। हाल ही में उनके खिलाफ देशभर के अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में सौ से भी ज्यादा एफआईआर दर्ज की गई थीं। ये मामला अभी चल ही रहा है कि नागपुर पुलिस ने भी उनके खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज कर ली है।
अंग्रेजी समाचार पत्र 'द हिंदू' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गोस्वामी के खिलाफ नागपुर में सदर बाज़ार पुलिस ने पीधोनी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया है। शिकायत शनिवार 2 मई को एक ऐजुकेशनल सोसायटी के सचिव की ओर दर्ज कराई गई थी जिसमें उनपर एक समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक शिकायतकर्ता रजा ऐजुकेशनल वेलफेयर सोसायटी के इमरान शेक ने 29 अप्रैल को चैनल पर प्रसारित एक रिपोर्ट का हवाला दिया जो 14 अप्रैल को बांद्रा में हंगामें को लेकर केंद्रित थी। सैकड़ों प्रवासी बांद्रा रेलवे स्टेशन के बाहर जमा हो गए थे। उनकी मांग थी कि उन्हें गर कस्बों में वापस भेजा जाए क्योंकि लॉकडाउन के कारण उनका बचना मुश्किल हो रहा था।
शिकायतकर्ता ने कहा, 'श्री गोस्वामी ने उस जगह के पास जामा मस्जिद का बार-बार संदर्भ दिया था, जहाँ प्रवासी इकट्ठा हुए थे, इस तथ्य के बावजूद कि मस्जिद का घटना से कोई लेना-देना नहीं था। उन्होंने यह भी बयान दिया था कि लॉकडाउन में हर भीड़ मस्जिद के पास ही क्यों जुटती है और इस घटना को धार्मिक रंग देने की कोशिश की थी।' इमरान शेख के बयान को दर्ज करने के बाद पुलिस ने शनिवार देर शाम मामला दर्ज किया।
एक अधिकारी ने कहा, 'हमने धर्म, मानहानि और भारतीय दंड संहिता के तहत सार्वजनिक दुर्व्यवहार वाले बयानों के साथ ही विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए श्री गोस्वामी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। शिकायतकर्ता ने एक इलेक्ट्रॉनिक स्टोरेज डिवाइस जमा किया है जिसमें टेलीकास्ट किया गया वीडियो है और इसको लेकर श्री गोस्वामी को समन जारी किया जाएगा।'
अंग्रेजी समाचार पत्र 'द हिंदू' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गोस्वामी के खिलाफ नागपुर में सदर बाज़ार पुलिस ने पीधोनी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया है। शिकायत शनिवार 2 मई को एक ऐजुकेशनल सोसायटी के सचिव की ओर दर्ज कराई गई थी जिसमें उनपर एक समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक शिकायतकर्ता रजा ऐजुकेशनल वेलफेयर सोसायटी के इमरान शेक ने 29 अप्रैल को चैनल पर प्रसारित एक रिपोर्ट का हवाला दिया जो 14 अप्रैल को बांद्रा में हंगामें को लेकर केंद्रित थी। सैकड़ों प्रवासी बांद्रा रेलवे स्टेशन के बाहर जमा हो गए थे। उनकी मांग थी कि उन्हें गर कस्बों में वापस भेजा जाए क्योंकि लॉकडाउन के कारण उनका बचना मुश्किल हो रहा था।
शिकायतकर्ता ने कहा, 'श्री गोस्वामी ने उस जगह के पास जामा मस्जिद का बार-बार संदर्भ दिया था, जहाँ प्रवासी इकट्ठा हुए थे, इस तथ्य के बावजूद कि मस्जिद का घटना से कोई लेना-देना नहीं था। उन्होंने यह भी बयान दिया था कि लॉकडाउन में हर भीड़ मस्जिद के पास ही क्यों जुटती है और इस घटना को धार्मिक रंग देने की कोशिश की थी।' इमरान शेख के बयान को दर्ज करने के बाद पुलिस ने शनिवार देर शाम मामला दर्ज किया।
एक अधिकारी ने कहा, 'हमने धर्म, मानहानि और भारतीय दंड संहिता के तहत सार्वजनिक दुर्व्यवहार वाले बयानों के साथ ही विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए श्री गोस्वामी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। शिकायतकर्ता ने एक इलेक्ट्रॉनिक स्टोरेज डिवाइस जमा किया है जिसमें टेलीकास्ट किया गया वीडियो है और इसको लेकर श्री गोस्वामी को समन जारी किया जाएगा।'