व्हाट्सएप चैट लीक से मुश्किल में अर्नब! NBA की मांग- रिपब्लिक TV को निलंबित करे IBF

Written by Sabrangindia Staff | Published on: January 19, 2021
नई दिल्ली। मुंबई पुलिस द्वारा जारी की गई कथित वॉट्सऐप चैट के लीक होने के बाद आलोचनाओं का सामना कर रहे रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फ़ेडरेशन (आईबीएफ़) से मांग की है कि रिपब्लिक टीवी की प्राथमिक सदस्यता को निलंबित कर दिया जाना चाहिए। आईबीएफ़ देश के टीवी चैनलों की संस्था है और इसके प्रमुख इंडिया टीवी के चेयरमैन और संपादक रजत शर्मा हैं। 



एनबीए ने एक बयान जारी कर कहा है कि अर्णब और न्यूज़ चैनलों की रेटिंग देने वाली एजेंसी ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता के बीच की जो कथित वॉट्सऐप चैट लीक हुई है, वह बेहद हैरान करने वाली है। एनबीए ने कहा, ‘इन मैसेज से साफ है कि दोनों के बीच आपसी साठगांठ थी और इससे हर महीने फर्जी तरीक़े से बाक़ी चैनलों की रेटिंग घटाई जाती थी और रिपब्लिक टीवी को ग़लत फ़ायदा पहुंचाया जाता था।’ 

एनबीए ने आगे कहा है कि दोनों के बीच जो बातचीत हुई है, जिसमें सचिवों की नियुक्ति, कैबिनेट में फेरबदल, पीएमओ तक पहुंच होना और सूचना और प्रसारण मंत्रालय के कामकाज से जुड़े संदेश शामिल हैं, इससे एनबीए की ओर से पिछले चार साल से जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वे सही साबित होते हैं। 

एनबीए का कहना है कि वह टीआरपी रेटिंग में छेड़छाड़ की बात को कहती रही है और एनबीए से बाहर का कोई सदस्य बार्क के प्रबंधन के शीर्ष अफ़सरों के साथ मिलकर इस काम को अंजाम देता रहा है। 

एनबीए ने मांग की है कि जब तक टीआरपी में छेड़छाड़ के मसले का अदालत से समाधान नहीं हो जाता है तब तक आईबीएफ़ रिपब्लिक टीवी की सदस्यता को सस्पेंड कर दे। संस्था ने यह भी कहा है कि टीआरपी में छेड़छाड़ की ख़बरों से प्रसारण मंत्रालय की छवि को भी नुक़सान पहुंचा है।

एनबीए ने कहा है कि बार्क की ओर से हर महीने फर्जी आंकड़े जारी किए जाते रहे और इससे न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स को जबरदस्त नुक़सान हुआ। एनबीए ने बार्क से कहा है कि वह हिंदी न्यूज़ चैनलों को लेकर जारी की गई टीआरपी का ऑडिट करवाए और साथ ही यह भी बताए कि उसने पिछले तीन महीने में इस दिशा में कौन से क़दम उठाए हैं। संस्था ने कहा है कि वह अपने काम में पारदर्शिता लाए। 

न्यूज़ चैनलों की दुनिया में बीते साल अक्टूबर में तब हंगामा खड़ा हो गया था जब मुंबई पुलिस ने दावा किया था कि कुछ टीवी चैनल पैसे देकर अपनी टीआरपी बढ़ाया करते थे। इस मामले में रिपब्लिक टीवी पर गंभीर आरोप लगे थे। रिपब्लिक भारत टीवी अचानक ही नंबर एक चैनल बन गया था। सुशांत सिंह मामले में चैनल की कवरेज को लेकर भी ढेरों सवाल खड़े हुए थे।

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