नई दिल्ली। यूपी पुलिस ने दलित पत्रकार प्रशांत कनौजिया के खिलाफ एक बार फिर एफआईआर दर्ज की है। यह एफआईआर हिंदू आर्मी के सुशील तिवारी की ओर से दर्ज कराई गई। इसके बाद मंगलवार को प्रशांत कनौजिया को उनके दिल्ली स्थित आवास से गिरफ्तार किया गया।
कनौजिया की यह गिरफ्तारी अयोध्या के राम मंदिर को लेकर किए गए कथित सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर की गई है। हालांकि पुलिस की ओर से इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है। गिरफ्तारी के बाद पुलिस प्रशांत कनौजिया को दिल्ली के वसंत विहार थाने लेकर गई जहां से उन्हें लखनऊ ले जाया जाएगा।
प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी की भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने आलोचना करते हुए ट्वीट में लिखा है कि बहुजन पत्रकार प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी उत्तर प्रदेश सरकार के तानाशाह रवैए का प्रमाण है। अब लोगों के लिखने-पढ़ने और आवाज उठाने से सरकार को तकलीफ होने लगी है। हम लगातार आपातकाल के दौर से घिरते जा रहे हैं। तत्काल प्रशांत कनौजिया की रिहाई सुनिश्चित की जाए।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि प्रशांत कनौजिया ने सोशल मीडिया पोस्ट में राम मंदिर के साथ ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की है। आरोप है कि कनौजिया ने जाति-धर्म को बांटने वाली टिप्पणी की थी। इस संबंध में लखनऊ में हजरतगंज कोतवाली में मामला दर्ज किया गया है।
फेक न्यूज से दंगा फैलाने के आरोप में दिल्ली पुलिस और यूपी पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई कर प्रशांत कनौजिया को गिरफ्तार किया है। बता दें कि यूपी पुलिस द्वारा इससे पहले भी एक मामले में प्रशांत कनौजिया को गिरफ्तार कर चुकी है। इससे पहले बीती साल प्रशांत कनौजिया पर सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। जिस पर यूपी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार भी किया था।
बता दें कि हिंदू आर्मी के जिस शख्स सुशील तिवारी की एफआईआर पर यह गिरफ्तारी की गई है, वह अपने फेसबुक पेज पर लगातार मुस्लिम विरोध पोस्ट करता रहता है, कई वीडियो में वह मुस्लिमों के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करता हुआ भी दिखाई दे रहा है, लेकिन इसके खिलाफ अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सोशल मीडिया पर भी इसकी चर्चा हो रही है।
पत्रकार ज्योति यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, जिन सुशील तिवारी की शिकायत पर पत्रकार को गिरफ्तार किया गया, वही सुशील मुसलमानों को भारत छोड़कर पाकिस्तान जाने की धमकी दे रहे हैं। ना सिर्फ लिखा है, बल्कि नफरती वीडियो भी बनाया है। ऐसे एक नहीं, दर्जनों पोस्ट किये हैं सुशील ने।
कनौजिया की यह गिरफ्तारी अयोध्या के राम मंदिर को लेकर किए गए कथित सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर की गई है। हालांकि पुलिस की ओर से इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है। गिरफ्तारी के बाद पुलिस प्रशांत कनौजिया को दिल्ली के वसंत विहार थाने लेकर गई जहां से उन्हें लखनऊ ले जाया जाएगा।
प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी की भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने आलोचना करते हुए ट्वीट में लिखा है कि बहुजन पत्रकार प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी उत्तर प्रदेश सरकार के तानाशाह रवैए का प्रमाण है। अब लोगों के लिखने-पढ़ने और आवाज उठाने से सरकार को तकलीफ होने लगी है। हम लगातार आपातकाल के दौर से घिरते जा रहे हैं। तत्काल प्रशांत कनौजिया की रिहाई सुनिश्चित की जाए।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि प्रशांत कनौजिया ने सोशल मीडिया पोस्ट में राम मंदिर के साथ ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की है। आरोप है कि कनौजिया ने जाति-धर्म को बांटने वाली टिप्पणी की थी। इस संबंध में लखनऊ में हजरतगंज कोतवाली में मामला दर्ज किया गया है।
फेक न्यूज से दंगा फैलाने के आरोप में दिल्ली पुलिस और यूपी पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई कर प्रशांत कनौजिया को गिरफ्तार किया है। बता दें कि यूपी पुलिस द्वारा इससे पहले भी एक मामले में प्रशांत कनौजिया को गिरफ्तार कर चुकी है। इससे पहले बीती साल प्रशांत कनौजिया पर सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। जिस पर यूपी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार भी किया था।
बता दें कि हिंदू आर्मी के जिस शख्स सुशील तिवारी की एफआईआर पर यह गिरफ्तारी की गई है, वह अपने फेसबुक पेज पर लगातार मुस्लिम विरोध पोस्ट करता रहता है, कई वीडियो में वह मुस्लिमों के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करता हुआ भी दिखाई दे रहा है, लेकिन इसके खिलाफ अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सोशल मीडिया पर भी इसकी चर्चा हो रही है।
पत्रकार ज्योति यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, जिन सुशील तिवारी की शिकायत पर पत्रकार को गिरफ्तार किया गया, वही सुशील मुसलमानों को भारत छोड़कर पाकिस्तान जाने की धमकी दे रहे हैं। ना सिर्फ लिखा है, बल्कि नफरती वीडियो भी बनाया है। ऐसे एक नहीं, दर्जनों पोस्ट किये हैं सुशील ने।