रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व चीफ ए. एस. दुलत ने मोदी सरकार के जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांटने के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को जम्मू-कश्मीर को बांटने की क्या जरूरत थी? कश्मीर पर बारीकी से नजर रखने वाले पूर्व रॉ प्रमुख ने कहा कि 370 हटाया लेकिन राज्य को दो हिस्सों में क्यों बांटा गया। यह कदम उकसाने जैसा है। उन्होंने कहा कि सरकार को जो करना था वो तो कर दिया लेकिन अब इसका नतीजा क्या होगा यह देखने वाली बात है।
अटल सरकार के कार्यकाल में 2000 से 2004 के बीच कश्मीर मामलों में प्रधानमंत्री के सलाहकार रहे दुलत ने एनबीटी से कहा ‘मुझे बीते कई दिनों से महसूस हो रहा था कि कुछ होने वाला है लेकिन सरकार ऐसा भी कुछ कर देगी मुझे इसका बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था। आर्टिकल 370 का राज्य में अब कोई मतलब नहीं रह गया था लिहाजा इस फैसले की कोई जरूरत नहीं थी।’
उन्होंने कहा कि सरकार को जो करना था वह कर सकती थी। लेकिन बीजेपी के घोषणापत्र में यह शामिल था तो उन्होंने इसे पूरा किया। आर्टिकल 370 पर बहस की जरूरत थी जैसा कि संसद में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने भी कहा था। 370 हटाया लेकिन राज्य के दो हिस्सों में बांटने की जरूरत थी।
ए. एस. दुलत ने आगे कहा ‘सरकार को जो करना था वह कर चुकी। जहां तक मेरा अंदाजा है इसका नजीजा यह होगा कि राज्य में हिंसा बढ़ेगी। कश्मीर को बाहर से नहीं बल्कि राज्य के अंदर मौजूद तत्वों से ही खतरा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का यह कहना कि इस फैसले के बाद पुलवामा जैसे और हमले होंगे तो इसका मतलब यह है कि कश्मीरी लड़के ही इसमें शामिल होंगे क्योंकि पुलवामा आतंकी हमले में कश्मीरी युवक ही शामिल था।
अटल सरकार के कार्यकाल में 2000 से 2004 के बीच कश्मीर मामलों में प्रधानमंत्री के सलाहकार रहे दुलत ने एनबीटी से कहा ‘मुझे बीते कई दिनों से महसूस हो रहा था कि कुछ होने वाला है लेकिन सरकार ऐसा भी कुछ कर देगी मुझे इसका बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था। आर्टिकल 370 का राज्य में अब कोई मतलब नहीं रह गया था लिहाजा इस फैसले की कोई जरूरत नहीं थी।’
उन्होंने कहा कि सरकार को जो करना था वह कर सकती थी। लेकिन बीजेपी के घोषणापत्र में यह शामिल था तो उन्होंने इसे पूरा किया। आर्टिकल 370 पर बहस की जरूरत थी जैसा कि संसद में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने भी कहा था। 370 हटाया लेकिन राज्य के दो हिस्सों में बांटने की जरूरत थी।
ए. एस. दुलत ने आगे कहा ‘सरकार को जो करना था वह कर चुकी। जहां तक मेरा अंदाजा है इसका नजीजा यह होगा कि राज्य में हिंसा बढ़ेगी। कश्मीर को बाहर से नहीं बल्कि राज्य के अंदर मौजूद तत्वों से ही खतरा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का यह कहना कि इस फैसले के बाद पुलवामा जैसे और हमले होंगे तो इसका मतलब यह है कि कश्मीरी लड़के ही इसमें शामिल होंगे क्योंकि पुलवामा आतंकी हमले में कश्मीरी युवक ही शामिल था।