किसानों ने चेताया: दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे की सभी 14-लेन को कर देंगे बंद

Written by Navnish Kumar | Published on: December 20, 2020
यूपी गेट पर शनिवार देर शाम किसान संगठनों ने प्रेस-वार्ता के दौरान प्रदेश सरकार को किसानों का उत्पीड़न बंद करने को चेताया। कहा यदि किसानों को आंदोलन में आने से रोका गया और आंदोलन में शामिल किसानों के परिवारों पर किसी तरह का दबाव बनाया गया। यानि उत्पीड़न बंद नहीं किया तो दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे की सभी 14 लेन बंद कर दी जाएगी। 



दरअसल, उत्तर प्रदेश खासकर पश्चिमी उप्र में पुलिस प्रशासन, गांव गांव साम दाम दंड भेद की तर्ज पर, किसानों को आंदोलन में भाग लेने से रोकने को लेकर डराने धमकाने व समझाने का अभियान चल रहा है जिसकी गूंज दिल्ली आंदोलन में भी पहुंच रही है।

इसी को लेकर राकेश टिकैत व अन्य किसान नेताओं के साथ संयुक्त वार्ता में किसान नेता वीएम सिंह ने कहा कि पुलिस प्रशासन आंदोलन में आने वाले किसानों को जगह-जगह रोक रहा है। ट्रैक्टर-ट्रॉली को जब्त किया जा रहा है।

आंदोलन में बैठे किसानों की गाड़ियों के नंबर के आधार पर पुलिस उनके घर जाकर परिवार पर किसानों को वापस बुलाने का दबाव बना रही है। संगठन ने किसानों के उत्पीड़न के समाधान के लिए मेरठ कमिश्नर और पुलिस अधिकारियों को रविवार सुबह वार्ता के लिए आमंत्रित किया है।

शाम चार बजे यूपी गेट पर वीएम सिंह, भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, तेजेंद्र सिंह, बलराज भाटी, डीपी सिंह और ओमपाल भाटी ने यह संयुक्त प्रेस-वार्ता की है।

वीएम सिंह ने आरोप लगाया कि शुक्रवार की रात कई ट्रॉलियों में किसान बैठकर गाजीपुर आंदोलन में आ रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया फिर तीन बजे छोड़ा, कुछ दूरी पर पुलिस ने दोबारा से उन्हें पकड़ लिया। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं चलेगा, सुप्रीम कोर्ट ने भी किसानों को शांतिपूर्ण धरना देने की बात कही है लेकिन प्रशासन उन्हें परेशान कर रहा है।

उन्होंने कहा कि गाजीपुर पर खड़ी किसानों की गाड़ियों के नंबर के आधार पर पुलिस उनके घर जा रही है। एक किसान के पिता को पुलिस पकड़ कर ले गई, परिवार पर किसान को वापस बुलाने का दबाव बनाया गया। गृहमंत्री से कहूंगा कि किसानों को रोकने का काम न करें, अगर रोकने या डराने का काम करोगे तो दो गुना किसान आंदोलन में आएगा। उसे प्रशासन रोक नहीं पाएगा।

वहीं, राकेश टिकैत ने किसानों को लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहने का आह्वान किया है। टिकैत ने कहा कि उनकी लड़ाई उत्तर प्रदेश सरकार या उत्तराखंड सरकार से नहीं है, हमारी लड़ाई तो भारत सरकार से है। यह लड़ाई लंबी चलेगी। किसान तैयारी कर लें। मजबूत रणनीति तैयारी करनी होगी। इसके आगे उन्होंने कहा कि बिजली बिल, एमएसपी पर गारंटी कानून और कई तरह के मुद्दे हैं उन पर भी बात होनी है। जब तक सरकार मांग नहीं मानेगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार हर किसी को कृषि कानून किसानों के हित में बता रही है। सात वर्षों बाद सरकार गांव में गई है। सरकार की तरफ से सात सौ जगह पर पंचायत करने की बात कही जा रही है। इसके जरिए सरकार हर आदमी को कानून बढ़िया बता रही है।

व्यापारियों से बोला जा रहा है आपके लिए कानून बढ़िया बन गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के बयान आते हैं चालीस प्रतिशत लोगों को खेती से हटना है। सरकार ने प्लान बना लिया है, इसलिए यह कानून लेकर आई है।

उन्होंने कहा कि व्यापारी हल चलाना नहीं जानता, बीज बोना नहीं जानता। वो खेती फायदे की कैसे करेगा। हमारी कई पीढ़ी हो गई खेती करते हुए इसके बाद भी हम नुकसान में हैं। ऐसे में शहर का व्यापारी खेती करेगा तो फिर मुनाफा कमाने के लिए कुछ न कुछ हेराफेरी तो करेगा ही।

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