मुंबई। महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार द्वारा पिछले साल मांगें मानने का आश्वासन किसानों के लिए अभी तक आश्वासन ही बना हुआ है। ऐसे में ऑल इंडिया किसान सभा के बैनर तले आज से किसान आंदोलन शुरू हो रहा है। आंदोलन के तहत किसान नासिक से मुंबई तक लॉन्ग मार्च निकालेंगे। कहा जा रहा है कि शाम चार बजे सभी आंदोलित किसान मुम्बई नाका और नासिक में जुटेंगे। फिर इसके बाद मुम्बई के लिए पैदल कूच करेंगे। 6 दिन का लम्बा मार्च करने के बाद वे 27 फरवरी को मुम्बई पहुंचेंगे। आंदोलन को देखते हुए पुलिस ने मुम्बई में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है।
ऑल इंडिया किसान सभा के मुताबिक, इस लॉन्ग मार्च में विभिन्न राज्यों से लगभग 80000 किसान शामिल होंगे। किसानों के अनुसार आधा महाराष्ट्र सूखे के हालात का सामना कर रहा है। यही वजह है कि सरकार से अपनी मांगे मनवाने के लिए किसानों ने मार्च निकालने का फैसला किया है। कहा जा रहा है कि किसानों ने मार्च में अपनी पांच मांगों को शामिल किया है।
जिनमें मनरेगा के तहत नियमित कार्य, राज्य में मवेशियों की देखभाल के लिए पशु शिविर, सूखा प्रभावित फसल के लिए मुआवजा, पीडि़त किसानों के बच्चों की स्कूल और ट्यूशन फीस और पेयजल मुहैया कराने की सुविधा शामिल है। साथ ही किसानों ने कुछ अन्य दीर्घावधि मांगें भी रखी हैं। उनका कहना है कि सरकार ने राज्य में बांध बनाए, जिन्हें अभी तक नहरों से नहीं जोड़ा गया है। इनमें से कुछ का काम अधूरा है, लेकिन अन्य बांधों को भी चालू किया जाना बाकी है। ऐसे में सरकार को जल्द से जल्द इन परियोजनाओं को पूरा करना चाहिए।
अखिल भारतीय किसान सभा के मुताबिक नासिक में जिला प्रशासन ने इस आंदोलन के लिए अनुमति नहीं दी है और उनसे एक प्रदर्शन आयोजित करने को कहा है। हालांकि, एआईकेएस ने मंगलवार को दोहराया कि यह किसान मार्च हर हाल में आगे बढ़ेगा। एआईकेएस ने एक बयान में कहा कि उनके महासचिव डॉ अजीत नवले को पुलिस बलों द्वारा उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा था।
ऑल इंडिया किसान सभा के मुताबिक, इस लॉन्ग मार्च में विभिन्न राज्यों से लगभग 80000 किसान शामिल होंगे। किसानों के अनुसार आधा महाराष्ट्र सूखे के हालात का सामना कर रहा है। यही वजह है कि सरकार से अपनी मांगे मनवाने के लिए किसानों ने मार्च निकालने का फैसला किया है। कहा जा रहा है कि किसानों ने मार्च में अपनी पांच मांगों को शामिल किया है।
जिनमें मनरेगा के तहत नियमित कार्य, राज्य में मवेशियों की देखभाल के लिए पशु शिविर, सूखा प्रभावित फसल के लिए मुआवजा, पीडि़त किसानों के बच्चों की स्कूल और ट्यूशन फीस और पेयजल मुहैया कराने की सुविधा शामिल है। साथ ही किसानों ने कुछ अन्य दीर्घावधि मांगें भी रखी हैं। उनका कहना है कि सरकार ने राज्य में बांध बनाए, जिन्हें अभी तक नहरों से नहीं जोड़ा गया है। इनमें से कुछ का काम अधूरा है, लेकिन अन्य बांधों को भी चालू किया जाना बाकी है। ऐसे में सरकार को जल्द से जल्द इन परियोजनाओं को पूरा करना चाहिए।
अखिल भारतीय किसान सभा के मुताबिक नासिक में जिला प्रशासन ने इस आंदोलन के लिए अनुमति नहीं दी है और उनसे एक प्रदर्शन आयोजित करने को कहा है। हालांकि, एआईकेएस ने मंगलवार को दोहराया कि यह किसान मार्च हर हाल में आगे बढ़ेगा। एआईकेएस ने एक बयान में कहा कि उनके महासचिव डॉ अजीत नवले को पुलिस बलों द्वारा उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा था।