छत्तीसगढ़ का नारायणपुर जिला भारी बारिश के बाद अब महामारियों का शिकार हो रहा है, लेकिन सरकार की तरफ से इलाज के कोई इंतजाम नहीं हो पा रहे हैं।
अबूझमाड़ इलाके में भारी बारिश के बाद पैदा हो रही बीमारियों में दो बच्चों की मौत हो चुकी है और कई लोग बीमार हैं। कई लोग छोटी माता की बीमारी से भी ग्रस्त हैं। अधिकतर बीमारों को उल्टी-दस्त भी हो रहे हैं।
( स्त्रोत: नईदुनिया)
गांव की हालत से परेशान एक सरपंच ने मीडिया को पत्र लिखकर अपनी तकलीफ सरकार तक पहुंचाने की अपील की है।
गांव के सरपंच रामजी ध्रुव ने नईदुनिया को लिखे पत्र में बताया है कि बारिश के मौसम में गांव में महामारी के हालात बन रहे हैं। अब तक दो बच्चों की मौत हो चुकी है। गांव में कई लोगों को छोटी माता बीमारी का प्रकोप है साथ ही उल्टी-दस्त के चलते हैजा के हालात बन रहे हैं।
पत्र में कहा गया है कि कि साल 2013 में भी यहां महामारी फैली थी, लेकिन तब भी इस गांव में कोई मेडिकल टीम नहीं पहुंची थी। मीडिया मे खबरें आने के बाद ही डॉक्टर वहां गए थे तब वहां हालात नियंत्रण में आए थे।
बस्तर के अबूझमाड़ इलाके में आजादी के 7 दशक बाद भी स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत बेहद खराब है और डॉक्टर वहां काम करने को तैयार नहीं हैं।
अबूझमाड़ इलाके में भारी बारिश के बाद पैदा हो रही बीमारियों में दो बच्चों की मौत हो चुकी है और कई लोग बीमार हैं। कई लोग छोटी माता की बीमारी से भी ग्रस्त हैं। अधिकतर बीमारों को उल्टी-दस्त भी हो रहे हैं।
( स्त्रोत: नईदुनिया)
गांव की हालत से परेशान एक सरपंच ने मीडिया को पत्र लिखकर अपनी तकलीफ सरकार तक पहुंचाने की अपील की है।
गांव के सरपंच रामजी ध्रुव ने नईदुनिया को लिखे पत्र में बताया है कि बारिश के मौसम में गांव में महामारी के हालात बन रहे हैं। अब तक दो बच्चों की मौत हो चुकी है। गांव में कई लोगों को छोटी माता बीमारी का प्रकोप है साथ ही उल्टी-दस्त के चलते हैजा के हालात बन रहे हैं।
पत्र में कहा गया है कि कि साल 2013 में भी यहां महामारी फैली थी, लेकिन तब भी इस गांव में कोई मेडिकल टीम नहीं पहुंची थी। मीडिया मे खबरें आने के बाद ही डॉक्टर वहां गए थे तब वहां हालात नियंत्रण में आए थे।
बस्तर के अबूझमाड़ इलाके में आजादी के 7 दशक बाद भी स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत बेहद खराब है और डॉक्टर वहां काम करने को तैयार नहीं हैं।