आज की सबसे बड़ी खबर!
आपको यह जानकर कैसा महसूस होगा कि सुप्रीम कोर्ट के जिस जज ने उदय ललित के साथ मिलकर SC,ST एक्ट को बर्बाद कर दिया, उसे नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने बहुत बड़ा पुरस्कार दिया है. सबसे बड़ा पुरस्कार.
जज आदर्श गोयल कल रिटायर हुए और कल ही सरकार ने उन्हें नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का पांच साल के लिए चेयरमैन नियुक्त कर दिया है.
यह पूरी न्यायपालिका और नौकरशाही के लिए RSS-BJP की तरफ से संदेश है कि अगर आप बहुजन तबकों के खिलाफ काम करोगे, तो इनाम मिलेगा.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का चेयरमैन न्यायपालिका से रिटायर होने वालों के लिए सबसे मालदार पद है. यहां सारी कंपनियों के प्रोजेक्ट से जुड़े पर्यावरण संबंधी मामलों का निपटारा होता है. जमीन अधिग्रहण से लेकर जंगल कटने और नदियों के प्रदूषण समेत सारे मामले यहां आते हैं.
आप समझ सकते हैं कि यह कैसा पद है.
इस पद पर रहते हुए मिस्टर गोयल अगले पांच साल तक सुप्रीम कोर्ट के जज की कोठी पर जमे रहेंगे. वेतन मिलता रहेगा. गाड़ी-स्टाफ-प्रोटोकॉल सब मिलता रहेगा.
उन्हें इस पद पर नियुक्त करने की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने की, जिसे सरकार ने कल मान लिया.
SC-ST एक्ट को बर्बाद करने का मोदी सरकार गोयल को इससे बड़ा इनाम नहीं दे सकती थी.
एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ फैसला देने वाले सुप्रीम कोर्ट के जज आदर्श गोयल को रिटायरमेंट वाले दिन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का पांच साल के लिए चेयरमैन बनाकर मोदी सरकार ने देश के वंचित समाज के जले पर नमक छिड़कने का काम किया है.
सरकार का नजरिया साफ है. वंचित समाज की उसे परवाह नहीं है. सवर्ण साथ है, तो वह वंचित समाज के बड़े हिस्से को समझा-बुझाकर-फुसलाकर-अफवाह फैलाकर बीजेपी के साथ ले ही आएगा. कुल मिलाकर बीजेपी-आरएसएस को इसके लिए हिंदू-मुसलमान ही तो करना है.
आपको यह जानकर कैसा महसूस होगा कि सुप्रीम कोर्ट के जिस जज ने उदय ललित के साथ मिलकर SC,ST एक्ट को बर्बाद कर दिया, उसे नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने बहुत बड़ा पुरस्कार दिया है. सबसे बड़ा पुरस्कार.
जज आदर्श गोयल कल रिटायर हुए और कल ही सरकार ने उन्हें नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का पांच साल के लिए चेयरमैन नियुक्त कर दिया है.
यह पूरी न्यायपालिका और नौकरशाही के लिए RSS-BJP की तरफ से संदेश है कि अगर आप बहुजन तबकों के खिलाफ काम करोगे, तो इनाम मिलेगा.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का चेयरमैन न्यायपालिका से रिटायर होने वालों के लिए सबसे मालदार पद है. यहां सारी कंपनियों के प्रोजेक्ट से जुड़े पर्यावरण संबंधी मामलों का निपटारा होता है. जमीन अधिग्रहण से लेकर जंगल कटने और नदियों के प्रदूषण समेत सारे मामले यहां आते हैं.
आप समझ सकते हैं कि यह कैसा पद है.
इस पद पर रहते हुए मिस्टर गोयल अगले पांच साल तक सुप्रीम कोर्ट के जज की कोठी पर जमे रहेंगे. वेतन मिलता रहेगा. गाड़ी-स्टाफ-प्रोटोकॉल सब मिलता रहेगा.
उन्हें इस पद पर नियुक्त करने की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने की, जिसे सरकार ने कल मान लिया.
SC-ST एक्ट को बर्बाद करने का मोदी सरकार गोयल को इससे बड़ा इनाम नहीं दे सकती थी.
एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ फैसला देने वाले सुप्रीम कोर्ट के जज आदर्श गोयल को रिटायरमेंट वाले दिन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का पांच साल के लिए चेयरमैन बनाकर मोदी सरकार ने देश के वंचित समाज के जले पर नमक छिड़कने का काम किया है.
सरकार का नजरिया साफ है. वंचित समाज की उसे परवाह नहीं है. सवर्ण साथ है, तो वह वंचित समाज के बड़े हिस्से को समझा-बुझाकर-फुसलाकर-अफवाह फैलाकर बीजेपी के साथ ले ही आएगा. कुल मिलाकर बीजेपी-आरएसएस को इसके लिए हिंदू-मुसलमान ही तो करना है.