तीस हजारी कोर्ट में की गई थी महिला DCP की ‘लिंचिंग’ की कोशिश- जांच रिपोर्ट का खुलासा

Published on: November 8, 2019
दिल्ली की तीस हजारी अदालत परिसर में वकीलों और पुलिस से झड़प के दौरान भीड़ ने महिला डीसीपी मोनिका भारद्वाज की लिंचिंग की कोशिश की थी। यह खुलासा मामले की हाई लेवल जांच में हुआ है। इस हमले में कई पुलिस वाले गंभीर रुप से घायल हुए हैं।



दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच की एक टॉप सीक्रेट रिपोर्ट में कहा गया है कि 2 नवंबर को तीस हज़ारी कोर्ट में करीब 200 लोगों की भीड़ ने दिल्ली पुलिस की डीसीपी मोनिका भारद्वाज पर हमला कर दिया था और उनकी ‘लिंचिंग’ की जा सकती थी। इसी दिन अदालत परिसर में वकीलों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी। रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि अगर कुछ पुलिस वालों ने उन्हें नहीं बचाया होता तो उनके साथ कुछ भी हो सकता था। स्पेशल ब्रांच की इस रिपोर्ट की तस्दीक डीसीपी के पीएसओ के उस ऑडियो क्लिप से भी होती है जिसमें वह अपने किसी साथी को पूरा घटनाक्रम बता रहे हैं।

इस घटना का वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें साफ दिख रहा है कि कैसे वकीलों और दूसरे लोगों की भीड़ डीसीपी मोनिका भारद्वाज का पीछा कर रही है। इसके अलावा अन्य वीडियों में दिख रहा है कि अदालत परिस में पुलिस की गाड़ियों को आग लगाई जा रही है। ये वीडियो अब मामले की जांच का अहम हिस्सा हैं। विडियो से स्पष्ट है कि भारद्वाज का पीएसओ और कुछ अन्य कांस्टेबिल को उत्तेजित भीड़ ने घेर रखा है। इस भीड़ में ज्यादातर लोग वकीलों की पोशाक पहने हुए हैं और मोनिका भारद्वाज और दूसरे पुलिस वालों पर हमला कर रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला डीसीपी और उनके स्टाफ की बुरी तरह पिटाई की गई और नजदीक की पुलिस चौकी को मदद के लिए भेजे गए संदेश पर तुरंत कार्यवाही की गई। दिल्ली कोतवाली के एसएचओ इंस्पेक्टर राजीव भारद्वाज 10-12 पुलिसवालों के साथ तुरंत मौके पर पहुंच गए थे और उन्होंने मोनिका भारद्वाज और अन्य पुलिस वालों को भीड़ से बचाया था।

रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि अगर यह पुलिस दल मौके पर नहीं पहुंचता तो भीड़ डीसीपी मोनिका भारद्वाज और उनके साथियों की ‘लिंचिंग’ कर सकती थी। डीसीपी को बचाने की कवायद में इंस्पेक्टर भारद्वाज को भी सिर में चोट लगी थी और दूसरे कांस्टेबिल भी गंभीर रुप से जख्मी हुए थे। इनमें से एक कांस्टेबिल के कान का पर्दा फट गया और उसे गंभीर अवस्था में नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

वीडियो के अलावा करीब 5 मिनट का ऑडियो क्लिप भी वायरल हो रहा है, जिसमें पुलिस वाला कहते सुना जा सकता है कि कैसे मौके पर मौजूद डीसीपी मोनिका भारद्वाज को साथ गाली-गलौज और मारपीट की गई। इतना ही नहीं उनके पीएसओ का रिवॉल्वर भी छीनने की कोशिश की गई। ऑडियो क्लिप में कहा जा रहा है कि पीएसओ को लोहे की चेन से बेहोश होने तक पीटा गया और घटना के बाद अदालत से बाहर आकर मोनिका भारद्वाज किस तरह देर तक रोती रहीं।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि ऑडियो क्लिप डीसीपी के पीएसओ और उसके एक सहयोगी के बीच बातचीत का है। उसने अपने साथी को बताया कि इस हमले में उसके कंधे की हड्डी टूट गई है और हाथ और पसलियों में चोटें लगी हैं। ऑडियो क्लिप से पता चलता है कि 300-400 लोगों ने उन पर हमला किया था और उसका रिवॉल्वर छीनने की कोशिश की गई और डीसीपी को पीटा गया। बातचीत में कहा गया है कि जिस लोहे की चेन से गेट बंद करते हैं उसी से पीएसओ को सिर पर हमला किया गया था।

दिल्ली पुलिस मुख्यालय में तैनात एक डीसीपी ने कहा कि इस मामले में एक हाई लेवल जांच की जा रही है और इस घटना से जुड़े ऑडियो और वीडियो क्लिप से बहुत सी जानकारियां मिल रही हैं। इसके अलावा सीसीटीवी फुटेज को भी जांच में शामिल किया जा रहा है।

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसे पत्रकार विनोद कापड़ी ने भी अपने ट्विटर हैंडल से शेयर करते हुए मोनिका भारद्वाज के लिए इंसाफ की मांग की है।

 

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