गुजरातः सवर्ण लड़की से विवाह करने पर दलित युवक की बर्बर हत्या

Written by sabrang india | Published on: July 9, 2019
पीएम नरेंद्रम मोदी के गढ़ कहे जाने वाले गुजरात में दलितों पर एक के बाद एक हमले हो रहे हैं। इस बार फिर दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। अहमदाबाद के निकट एक कस्बे में कथित ऊंची जाति के लोगों ने एक दलित युवक को सोमवार की रात एक दलित युवक को इसलिए काट डाला, क्योंकि उसने अंतर्जातीय विवाह किया। 



'हिंदुस्तान' की रिपोर्ट के मुताबिक, युवक पर हमला उस समय किया गया, जब वह सुरक्षा के लिए गुजरात सरकार की अभयम हेल्पलाइन की एक टीम के साथ अपनी नवविवाहिता पत्नी को लाने के लिए उसके मायके गया था।

अहमदाबाद ग्रामीण पुलिस ने अत्याचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत हत्या का मुकदमा दर्ज कर इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, अन्य सात आरोपी फरार हैं। पुलिस ने कहा कि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है, वे सभी एक ही गांव के हैं।

अभयम हेल्पलाइन की काउंसलर बाविका भागोरा द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे के अनुसार, मृतक हरेश सोलंकी 25 साल का था और वह अहमदाबाद जिले की मंडल तहसील के गांव वारमोर में उच्च जाति दरबार समुदाय की अपनी पत्नी उर्मिला झाला को लेने गया था।

हरेश की धारदार हथियार से हत्या करने से पहले लगभग 10 लोगों के समूह ने उस पर हमला किया और गुजरात सरकार की अभयम हेल्पलाइन की आधिकारिक एसयूवी को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। हमलावरों ने वाहन की खिड़की के शीशे तोड़ दिए गए। हमले में अभयम टीम के सदस्यों को भी चोट आई है। 

मौके पर पहुंचे दलित अधिकार कार्यकर्ता किरीट राठौड़ ने मंडल पुलिस थाने के बाहर आईएएनएस को बताया कि हरेश और उर्मिला कादी कस्बे के एक कॉलेज में पढ़ रहे थे। उन्होंने छह महीने पहले शादी कर ली। हरेश सोलंकी कच्छ जिले के गांधीधाम का रहने वाला था।

राठौड़ ने कहा, एफआईआर और सोलंकी के परिजनों के अनुसार, “यह एक अंतर्जातीय विवाह था और लड़की का परिवार इसके खिलाफ था, क्योंकि हरेश सोलंकी दलित समुदाय का था। शादी के बाद लड़की के परिजनों ने उर्मिला से मीठी-मीठी बातें कीं और उसे इस वादे के साथ घर ले गए कि वह जल्द ही अपने पति के पास लौट आएगी।”

लड़की के परिवार ने जब उसे वापस भेजने से इनकार कर दिया, तब हरेश ने 181 अभयम महिला हेल्पलाइन से संपर्क किया।

राठौड़ ने कहा, “हेल्पलाइन की टीम ने लड़की के परिवार को समझाने और उसे हरेश के साथ भेजने का फैसला किया। वे अभयम की गाड़ी से गए। शुरुआत में लड़की के परिवार के सदस्यों ने हेल्पलाइन के सदस्यों और हरेश से बात नहीं की, लेकिन कुछ ही देर बाद वहां कई लोग जुट गए और उन पर हमला कर दिया।” 

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