ललितपुर। उत्तर प्रदेश में ललितपुर की गोशाला में एक दर्जन से अधिक गोवंशों की मौत का मामला सामने आया है। इसे लेकर कांग्रेस की यूपी प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक ने योगी सरकार पर निशाना साथा है। पंखुड़ी ने एक वीडियो ट्वीट किया है जिसमें मृत गौवंशों का ढेर नजर आ रहा है।
पंखुड़ी ने ट्वीट में लिखा है- 'ललितपुर के सोजना गौशाला में करोड़ों खर्च करने के बाद आदित्यनाथ की गौ सेवा देखिए। 17 दिसंबर को दर्जनों मवेशी मृत पाए गए। प्रदेश भर में गौशालाओं की स्थिति एक सी है। ठंड से मवेशी मरते जा रहे हैं और इनके नाम पर राजनीति करने वाले घरों में बैठे हैं, उनका अब कोई अता पता नहीं है।'
गोवंशों की मौत मामले में प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। डीएम ने रविवार को तीन कर्मचारियों को निलंबित करते हुए ग्राम प्रधान के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है। दूसरी ओर, गोवंशों की मौत के विरोध में कांग्रेस नेताओं ने गोशाला के बाहर धरना-प्रदर्शन किया।
गौरतलब है कि शनिवार को एक दर्जन से अधिक गोवंशों के शवों के ढेर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। कांग्रेसी नेताओं ने यह वीडियो कस्बा सौजना स्थित जुमनझिर गोशाला का बताते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य के नेतृत्व में धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शन की जानकारी लगते ही जिलाधिकारी अन्नावि दिनेश कुमार मौके पर पहुंचे और गोशाला का निरीक्षण किया। इस दौरान निरीक्षण में तमाम खामियां मिलीं। इस पर डीएम ने ग्राम पंचायत अधिकारी सौरभ यादव, लेखपाल घनश्याम दास सेन और पशु चिकित्सा अधिकारी रंजीत कुशवाहा दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया। वहीं, ग्राम प्रधान अजयवीर विक्रम के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए।
बता दें कि बुंदेलखंड में बांदा जिले के एक दर्जन से अधिक पंचायत प्रमुखों ने आदित्यनाथ को एक संयुक्त पत्र लिखकर करीब 15 हज़ार गायों को छोड़ने की धमकी दी थी। पंचायत प्रमुखों का आरोप है कि सरकार गायों के लिए निर्धारित फंड नहीं दे रही है।
पत्र में पंचायत प्रमुखों ने कहा कि अप्रैल 2020 के बाद हमें कोई धनराशि प्राप्त नहीं हुई है। हम अपने आप ही गौशाला चला रहे हैं। प्रमुखों ने कहा कि आशा है कि धनराशि जल्द ही जारी की जाएगी। जिले के ग्राम प्रधान संघ के एक नेता ज्ञान सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ग्राम पंचायत प्रमुख के रूप में हमारे कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हो जाएंगे। हम तब मवेशियों को छोड़ देंगे, ताकि वे गौशाला में भूख से न मर जाएं।
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पंखुड़ी ने ट्वीट में लिखा है- 'ललितपुर के सोजना गौशाला में करोड़ों खर्च करने के बाद आदित्यनाथ की गौ सेवा देखिए। 17 दिसंबर को दर्जनों मवेशी मृत पाए गए। प्रदेश भर में गौशालाओं की स्थिति एक सी है। ठंड से मवेशी मरते जा रहे हैं और इनके नाम पर राजनीति करने वाले घरों में बैठे हैं, उनका अब कोई अता पता नहीं है।'
गोवंशों की मौत मामले में प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। डीएम ने रविवार को तीन कर्मचारियों को निलंबित करते हुए ग्राम प्रधान के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है। दूसरी ओर, गोवंशों की मौत के विरोध में कांग्रेस नेताओं ने गोशाला के बाहर धरना-प्रदर्शन किया।
गौरतलब है कि शनिवार को एक दर्जन से अधिक गोवंशों के शवों के ढेर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। कांग्रेसी नेताओं ने यह वीडियो कस्बा सौजना स्थित जुमनझिर गोशाला का बताते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य के नेतृत्व में धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शन की जानकारी लगते ही जिलाधिकारी अन्नावि दिनेश कुमार मौके पर पहुंचे और गोशाला का निरीक्षण किया। इस दौरान निरीक्षण में तमाम खामियां मिलीं। इस पर डीएम ने ग्राम पंचायत अधिकारी सौरभ यादव, लेखपाल घनश्याम दास सेन और पशु चिकित्सा अधिकारी रंजीत कुशवाहा दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया। वहीं, ग्राम प्रधान अजयवीर विक्रम के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए।
बता दें कि बुंदेलखंड में बांदा जिले के एक दर्जन से अधिक पंचायत प्रमुखों ने आदित्यनाथ को एक संयुक्त पत्र लिखकर करीब 15 हज़ार गायों को छोड़ने की धमकी दी थी। पंचायत प्रमुखों का आरोप है कि सरकार गायों के लिए निर्धारित फंड नहीं दे रही है।
पत्र में पंचायत प्रमुखों ने कहा कि अप्रैल 2020 के बाद हमें कोई धनराशि प्राप्त नहीं हुई है। हम अपने आप ही गौशाला चला रहे हैं। प्रमुखों ने कहा कि आशा है कि धनराशि जल्द ही जारी की जाएगी। जिले के ग्राम प्रधान संघ के एक नेता ज्ञान सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ग्राम पंचायत प्रमुख के रूप में हमारे कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हो जाएंगे। हम तब मवेशियों को छोड़ देंगे, ताकि वे गौशाला में भूख से न मर जाएं।
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