अब Parle-G पर भी आर्थिक मंदी का असर, करीब 10,000 कर्मचारियों के रोजगार पर संकट

Written by Sabrangindia Staff | Published on: August 21, 2019
आर्थिक सुस्ती का असर ऑटो औऱ टेक्सटाइल सेक्टर के बाद अब मशहूर बिस्किट कंपनी पारजे जी पर भी मंडराने लगा है। जानकारी के मुताबिक पारले-जी प्रोडक्स कभी भी दस हजार कर्मचारियों की छंटनी कर सकती है। कंपनी के कैटिगरी हेड मंयक शाह के मुताबिक हमने 100 रुपये प्रति किलो या उससे कम कीमत वाले बिस्किट पर GST घटाने की मांग की है। ये आमतौर पर 5 रुपये या कम के पैक में बिकते हैं। हालांकि अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो हमें अपनी फैक्टरियों में काम करने वाले 8,000-10,000 लोगों को निकालना पड़ेगा। सेल्स घटने से हमें भारी नुकसान हो रहा है।



पारले-जी, मोनैको और मैरी बिस्किट बनाने वाली पारले की सेल्स 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा होती है। 10 प्लांट ऑपरेट करने वाली इस कंपनी में एक लाख एंप्लॉयी काम करते हैं। पारले के पास 125 थर्ड पार्टी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट हैं। कंपनी की सेल्स का आधा से ज्यादा हिस्सा ग्रामीण बाजारों से आता है।

GST लागू होने से पहले 100 रुपये प्रति किलो से कम कीमत वाले बिस्किट पर 12 पर्सेंट टैक्स लगाया जाता था। कंपनियों को उम्मीद थी कि प्रीमियम बिस्किट के लिए 12 पर्सेंट और सस्ते बिस्किट के लिए 5 पर्सेंट का GST रेट तय किया जाएगा। हालांकि, सरकार ने दो साल पहले जब GST लागू किया तो सभी बिस्किटों को 18 पर्सेंट स्लैब में डाला गया। इसके चलते कंपनियों को इनके दाम बढ़ाने पड़े, जिसका असर सेल्स पर पड़ा। शाह ने बताया कि पारले को भी 5 पर्सेंट दाम बढ़ाना पड़ा, जिससे सेल्स में गिरावट आई। 

देश की एक अन्य बड़ी बिस्किट और डेयरी प्रॉडक्ट्स कंपनी ब्रिटानिया के मैनेजिंग डायरेक्टर वरुण बेरी ने पिछले हफ्ते कहा था कि कन्ज्यूमर 5 रुपये के बिस्किट पैकेट भी खरीदने में कतरा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि वे 5 रुपये के भी प्रॉडक्ट्स खरीदने पहले दो बार सोच रहे हैं, जिससे वित्तीय समस्या की गंभीरता का पता चलता है। 

बेरी ने कहा था, 'हमारी ग्रोथ सिर्फ छह पर्सेंट हुई है। मार्केट ग्रोथ हमसे भी सुस्त है।' नुस्ली वाडिया की कंपनी ब्रिटानिया का साल-दर-साल का शुद्ध लाभ जून तिमाही में 3.5 पर्सेंट घटकर 249 करोड़ रुपये रहा। 
 

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