आर्थिक संकट का सही आकलन नहीं कर पा रहीं वित्त मंत्री, उनके पास न क्षमता है और न ही दृष्टि- कांग्रेस

Written by Sabrangindia Staff | Published on: September 15, 2019
अर्थव्यवस्था में सस्ती को लेक कांग्रेस ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस का कहना है कि देश में मंदी को खत्म करने के लिए निवेश की जरूरत है, लेकिन सरकार के पास राजस्व ही नहीं है। 



कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश में आर्थिक संकट को देखते हुए उम्मीद थी कि सरकार अर्थव्यवस्था की बेहतरी और विश्वास बहाल करने के लिए कदम उठाएगी। लेकिन वित्त मंत्री ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया। देश में आर्थिक संकट को देखते हुए उम्मीद थी कि सरकार अर्थव्यवस्था की बेहतरी और विश्वास बहाल करने के लिए कदम उठाएगी। लेकिन वित्त मंत्री ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया।

उन्होंने कहा कि यह सरकार और वित्त मंत्री इस आर्थिक संकट का सही रूप में आकलन नहीं कर पा रहे। उनके पास न तो क्षमता है और न ही दृष्टि। जीडीपी कम होकर 5% तक आ गई। रोजगार लगातार कम हो रहे हैं। अकेले ऑटोमोबाइल सेक्टर में 38% की कमी आई है। यात्री वाहनों में 41% और दोपहिया वाहनों के निर्माण में 22% की कमी आई है। इस सेक्टर में 21 साल का सबसे बड़ा संकट आया है।

कांग्रेस ने कहा कि देश में कारखानों के मजदूर और इंजीनियर्स की नौकरी जा रही है। साथ ही टॉप लेवल के मैनेजर्स की नौकरी खत्म हो रही है। वित्त मंत्री कहती हैं कि युवाओं की वजह से देश में अर्थव्यवस्था टूटी है। ऑटो सेक्ट सेक्टर उनकी वजह से डाउन है। अगर घर नहीं बिक रहे, कर्ज नहीं लेना चाहते, तो उनकी वजह से। इतना बड़ा अपमान पहले किसी वित्तमंत्री ने देश के लोगों का नहीं किया।

उन्होने कहा कि सरकार के पास राज्यस्व की बहुत बड़ी कमी है। पिछले साल 1.70 लाख करोड़ रुपये सरकार के पास कम टैक्स आया। इस बार सरकार का करीब 24.6 लाख करोड़ टैक्स रैवन्यू का टारगेट है। इसमें से अभी तक सिर्फ 5.4 लाख करोड़ ही आया है।

आनंद शर्मा ने कहा कि वित्तमंत्री ने कहा कि इन्फ्लेशन काबू है। अर्थशास्त्री जानते हैं, मंदी की स्थिति में इन्फ्लेशन नहीं देखा जाता है। निवेश को देखा जाता है, निर्यात को देखा जाता है, मांग बढ़ाई जाती है। आज मांग बिल्कुल खत्म हो चुकी है।

उन्होंने कहा कि ऐसी कौन सी उपल्ब्धि है, जिसका प्रधानमंत्री और उनके मंत्री खुद को शाबाशी दे रहे हैं। सरकार का छठा साल चल रहा है। पहले पांच साल निर्यात बहुत कम रहा। जहां 2014 में हम छोड़कर गए थे, वहां तक सरकार आखिरी साल में जाकर पहुंची है।

उन्होंने कहा कि सरकार 5 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी तक पहुंचने की बात करते हैं। सरकार के पास ऐसी कौन-सी जादू की छड़ी है कि सरकार अगले 4 साल तक यहां पहुंच जाएगी। यहां तक पहुंचने के लिए सरकार को हर साल निरंतर 9 फीसदी की ग्रोथ चाहिए।

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