त्रिपुरा के रायबाडी में भूमि विवाद को लेकर हुईं सांप्रदायिक झड़पें

Written by Navnish Kumar | Published on: June 13, 2024


भूमि संघर्ष की पूरी पटकथा

त्रिपुरा उदयपुर उपमंडल के रायबाडी क्षेत्र में रहने वाले 17 अल्पसंख्यक (मुस्लिम) परिवारों को भूमि विवाद के चलते स्थानीय निवासियों से उत्पीड़न और हिंसा का सामना करना पड़ रहा है। पिछले दो वर्षों में क्षेत्र में झड़पों और हिंसा के कई मामले सामने आए हैं।

23 दिसंबर, 2023 की एक घटना में, उपद्रवियों ने मुस्लिम समुदाय के एक व्यक्ति के घर में आग लगा दी, कईयों के रबर के बागानों सहित फसलें उजाड़ दी। अल्पसंख्यक परिवारों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए पुलिस महानिदेशक को याचिका प्रस्तुत करने वाले सामाजिक संगठनों के अनुसार, हमले में एक असहाय महिला सहित कई ग्रामीण घायल हो गए।

मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले नौ सामाजिक संगठनों ने संयुक्त रूप से दावा किया कि हमलावर धमकी और उत्पीड़न के माध्यम से अल्पसंख्यक परिवारों को बेदखल करने की कोशिश कर रहे हैं। यही नहीं, उन्होंने दावा किया कि दबंगों ने अग्निशमन कर्मियों को आग बुझाने से रोक दिया और मौजूद पुलिसकर्मी चुपचाप निष्क्रिय खड़े रहे। 

स्थानीय और मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच लंबे समय से चला आ रहा यह विवाद, वन भूमि के एक हिस्से को लेकर है। स्थानीय लोग वन अधिकार अधिनियम- 2006 के तहत आवंटन के लिए भूमि की मांग कर रहे हैं, जबकि मुस्लिम परिवारों का कहना है कि उन्हें पूर्व जिला मजिस्ट्रेट (अविभाजित जिला) टीके देबनाथ द्वारा भूमि पर पुनर्वासित किया गया था।

सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने कहा, “उदयपुर किला के मध्य रायबाड़ी में यह 17 मुस्लिम परिवार लंबे समय से अत्यधिक असुरक्षा में जी रहे हैं। मई 2023 से, उन पर विभिन्न तरीकों से क्रूर हमले किए गए। यहां तक ​​कि धार्मिक मतभेदों के नाम पर कई परिवारों को उनके घरों और जमीनों से जबरन बेदखल कर दिया गया।” 

सामाजिक संगठनों ने संयुक्त रूप से, भूमि विवादों का समाधान निकालने और प्रभावित परिवारों को उनकी मौजूदा जमीन पर या फिर दूसरा विकल्प मुहैया कराते हुए, पुनर्वासित किए जाने का आह्वान किया। उन्होंने हमलों के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी अपील की।

राज्य पुलिस महानिदेशक ने आश्वस्त किया कि जरूरी उपाय किए जाएंगे। साथ ही, उन्होंने पुलिस अधिकारियों को अल्पसंख्यक परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और भविष्य में इस तरह के हमलों की घटनाओं को रोकने के भी निर्देश दिए।

मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठनों में त्रिपुरा अल्पसंख्यक विकास परिषद, मणिपुरी छात्र युवा समन्वय समिति, त्रिपुरा तपशीली जाति संग्राम परिषद, जनजातीय अधिकारों के लिए जन आंदोलन और त्रिपुरा महिला संग्राम परिषद शामिल हैं।

सितंबर 2022 में भी, इसी भूमि विवाद को लेकर दोनो पक्षों में झड़प हुई थी, जिसमें चार पुलिसकर्मियों सहित 22 लोग घायल हुए थे। उस समय, कांग्रेस पार्टी के उदयपुर जिला अध्यक्ष सौमित्र बिस्वास ने कहा था कि तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट टीके देबनाथ और वनाधिकारियों का  निर्णय इस घटना के लिए जिम्मेदार था जिसमें मुस्लिम लोगों को रॉय कमीशन की सिफारिश के अनुसार, भूमि पर पुनर्वासित किया गया था। और कहा कि अब पुनर्वासित लोगों को जमीन से बेदखल करने का राजनीतिक दबाव है।

रिपोर्ट: एमिलो यंथन 
कानूनी समीक्षा: अनमोल गुप्ता
संपादित: अनुपा सागर कुजूर
19 मई, 2024 को प्रकाशित
अनुवाद: नवनीश कुमार



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