मुजफ्फरपुर, देवरिया, गाजियाबाद के बाद अब छत्तीसगढ़ के बालगृहों से भी चिंताजनक खबरें सामने आती रही हैं। हालांकि छत्तीसगढ़ में पहले भी महिला छात्रावासों और बालिकागृहों में बच्चियों और युवतियों के साथ बलात्कार की घटनाएं सामने आती रही हैं, लेकिन उन्हें मीडिया में ज्यादा जगह नहीं मिली।
अब अन्य राज्यों से इस तरह की खबरें आने के बाद, छत्तीसगढ़ में भी ऐसी घटनाओं पर ध्यान गया है।
सोमवार को रायपुर में बालिका गृह की जांच करने पहुंची राज्य बाल आयोग की अध्यक्ष प्रभा दुबे ने भी राज्य के बाल गृहों से बच्चियां गायब होने के मामले पर चिंता तो जाहिर की लेकिन कितनी बच्चियां गायब हुई हैं, इसकी जानकारी वे नहीं दे पा रही हैं।
नईदुनिया के मुताबिक बिहार और उत्तर प्रदेश के बालिका गृहों में हुई शोषण की घटनाओं को देखते हुए प्रदेश की बाल आयोग अध्यक्ष दुबे ने सोमवार को रायपुर के बालिका आश्रय गृह का निरीक्षण किया और संस्था के प्रभारी को बालिका आश्रय गृह में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था करने निर्देश दिए।
2012 में बस्तर के झलियामारी बालिका आश्रम की बालिकाओं के साथ आश्रम के संचालकों द्वारा सामूहिक बलात्कार का मामला सामने आया था। इस मामले में आश्रम अधीक्षिका श्रीमती बबीता मरकाम की मौजूदगी में शिक्षाकर्मी और एक चौकीदार बालिकाओं को डरा धमकाकर दैहिक शोषषण कर रहे थे। बाद में जिला एवं सत्र न्यायाधीश जगदलपुर ने आश्रम अधीक्षिका, घटना में लिप्त सहायक शिक्षक और चौकीदार को 10-10 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी।
कांकेर के नरहरपुर आदिमजाति कन्या आश्रम में तो शिक्षाकर्मी और चौकीदार बच्चों का बाकायदा सेक्स पीरियड लगाते थे और जमकर शोषण करते थे। रात में बच्चों के ही बिस्तर पर जाकर सेक्स एजूकेशन के नाम पर बलात्कार करते थे। इस आश्रम में 5 से 12 साल की 46 बच्चियां रहती थीं। मामला उजागर होने के बाद चौकीदार और शिक्षाकर्मी को गिरफ्तार किया गया था।
अब अन्य राज्यों से इस तरह की खबरें आने के बाद, छत्तीसगढ़ में भी ऐसी घटनाओं पर ध्यान गया है।
सोमवार को रायपुर में बालिका गृह की जांच करने पहुंची राज्य बाल आयोग की अध्यक्ष प्रभा दुबे ने भी राज्य के बाल गृहों से बच्चियां गायब होने के मामले पर चिंता तो जाहिर की लेकिन कितनी बच्चियां गायब हुई हैं, इसकी जानकारी वे नहीं दे पा रही हैं।
नईदुनिया के मुताबिक बिहार और उत्तर प्रदेश के बालिका गृहों में हुई शोषण की घटनाओं को देखते हुए प्रदेश की बाल आयोग अध्यक्ष दुबे ने सोमवार को रायपुर के बालिका आश्रय गृह का निरीक्षण किया और संस्था के प्रभारी को बालिका आश्रय गृह में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था करने निर्देश दिए।
2012 में बस्तर के झलियामारी बालिका आश्रम की बालिकाओं के साथ आश्रम के संचालकों द्वारा सामूहिक बलात्कार का मामला सामने आया था। इस मामले में आश्रम अधीक्षिका श्रीमती बबीता मरकाम की मौजूदगी में शिक्षाकर्मी और एक चौकीदार बालिकाओं को डरा धमकाकर दैहिक शोषषण कर रहे थे। बाद में जिला एवं सत्र न्यायाधीश जगदलपुर ने आश्रम अधीक्षिका, घटना में लिप्त सहायक शिक्षक और चौकीदार को 10-10 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी।
कांकेर के नरहरपुर आदिमजाति कन्या आश्रम में तो शिक्षाकर्मी और चौकीदार बच्चों का बाकायदा सेक्स पीरियड लगाते थे और जमकर शोषण करते थे। रात में बच्चों के ही बिस्तर पर जाकर सेक्स एजूकेशन के नाम पर बलात्कार करते थे। इस आश्रम में 5 से 12 साल की 46 बच्चियां रहती थीं। मामला उजागर होने के बाद चौकीदार और शिक्षाकर्मी को गिरफ्तार किया गया था।