हजारीबाग, दुमका और पलामू मेडिकल कॉलेज की मान्यता खत्म करने की साजिश कर रहा केंद्र- हेमंत सोरेन

Written by sabrang india | Published on: October 23, 2020
रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बीते कई महीनों से केंद्र की नीतियों की आलोचना करते रहे हैं। सोरेन ने इस बार आरोप लगाया है कि भाजपा एक सुनियोजित तरीके से झारखंडवासियों के हक और अधिकार पर हमला कर रही है। 



मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि बीते दिनों कोयला खदानों की नीलामी प्रक्रिया शुरू कर, जीएसटी बकाया को रोक कर केंद्र ने अपनी मंशा साफ कर दी थी। लेकिन इस पर भी केंद्र में बैठी भाजपा का मन नहीं भरा तो दुमका, पलामू, हज़ारीबाग़ के मेडिकल कॉलेजों की एनएमसी के माध्यम से वह मान्यता हटाने पर तुली है।

हेमंत सोरेन ने यह भी पूछा कि झारखंड में एम्स अभी बना भी नहीं हैं, मगर वहां मान्यता मिली हुई है। आखिर इसका क्या अर्थ है?

मुख्यमंत्री सोरेन ने आगे कहा कि गरीबों-वंचितों पर बीजेपी की यह कुदृष्टि इनकी हारी हुई मानसिकता को दिखाती है। पिछले दिनों झारखंड से बिना पूछे यहां के कोयला खदानों की नीलामी शुरू करने की कोशिश की गयी। डीवीसी पर 5000 करोड़ का बकाया लाद कर राज्य को गिरवी रखने का काम भाजपा ने किया, लेकिन इस कोरोना की संकट में केंद्र ने रात के अंधेरे में झारखंड के 1400 करोड़ रुपये काट लिए। जबकि हकीकत यही है कि आंध्र प्रदेश एवं महाराष्ट्र जैसे राज्यों पर 50-50 हज़ार से अधिक का बकाया है। हेमंत ने कहा कि राज्य का लगभग 74,000 करोड़ रूपये बकाया केंद्रीय संस्थानों पर है। लेकिन इसपर बीजेपी नेताओं ने कभी भी आवाज नहीं उठायी।

उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि हार से बौखलाई व डरी हुई बीजेपी चाहे जो चाहे कर लें, लेकिन हमारी सरकार मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे बच्चों की जिंदगी को ऐसे ही बर्बाद नहीं होने देगी। अपने अधिकारों के लिए जो भी जायज कदम उठाने होंगे, हम उठायेंगे। झारखंड ने संघर्ष करना सीखा है। अपने अधिकारों को हम लड़कर लेंगे।

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