परीक्षा में जलाने और दफनाने की खूबियां जानकर छात्रों का धर्म जानना चाहता है CBSE बोर्ड !

Published on: April 6, 2017
नई दिल्ली। देश में जबसे भाजपा की सरकार बनी है तबसे उन पर देश के शैक्षणिक संस्थानों का भगवाकरण करने के आरोप लग रहे हैं। कभी जेएनयू तो कभी हैदराबाद जैसे विश्वविद्यालय के छात्र यह आरोप लगाते रहे हैं कि उनके संस्थान का एक सोची समझी रणनीति के तहत भगवाकरण करने की कोशिश की जा रही है। अब ऐसा ही एक आरोप सीबीएसई बारहवीं के परीक्षा से लग रहा है।



दरअसल, इस बार के सीबीएसई बारहवीं के जीवविज्ञान के पेपर में एक प्रश्न पूछा गया है कि, वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए शव को जलाना ठीक है या दफनाना, तर्कसंगत उत्तर दें? यह प्रश्न सेक्शन डी के अन्तर्गत पूछा गया है। अंतिम संस्कार की प्रथा के बारे में पूछे गए इस सवाल ने मानव संसाधन विकास मंत्री पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है।
 
ट्विटर यूजर आलोक भट्ट ने मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को प्रश्नपत्र टैग करते हुए सवाल किया कि क्या यह प्रश्न जीवविज्ञान से संबंधित है? क्या सीबीएसई दफनाने को बढ़ावा देना चाहता है जलाने को नहीं? उन्होंने यह भी पूछा कि आप प्रभावशाली मन से समर्थन का कारण भी दें।

हालांकि, शिक्षकों का कहना है कि वायु प्रदूषण जीवविज्ञान के पाठ्यक्रम का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि प्रश्नपत्र में ज्यादातर प्रश्न एनसीईआरटी के पाठ्यपुस्तक से थे। एक सेक्शन 10 से 12 अंकों के विश्लेषण पर आधारित थे। वैसे ही मूल्य आधारित प्रश्न भी छात्रों के विश्लेषण पर थे। वहीं कुछ प्रश्न पिछले साल के सीबीएसई के पेपर से दोहराए गए थे।
 
एवरग्रीन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में जीवविज्ञान की टीचर श्रुति गुप्ता ने बताया कि इस पेपर में कम से कम एक कठिन प्रश्न 10 से 12 अंकों का था। यदि एक छात्र ने व्यापक अध्ययन किया है तो वह 3 मार्क्स और 5 मार्क्स वाले सवालों का ही जवाब दे पाएगा।

स्कूल के एक छात्र अभिषेक यादव ने कहा कि प्रश्नपत्र मुश्किल था। यादव ने कहा कि ज्यादातर प्रश्न कॉन्सेप्ट पर आधारित थे। उसमें स्थितिजन्य प्रश्न थे जिसमें खुद के कौशल का उपयोग करना था। वहीं दूसरे स्कूल के छात्रों ने भी पेपर को कठिन बताया। केंद्रीय विद्यालय गोले मार्केट की छात्रा प्रियंका शर्मा ने कहा कि प्रश्नपत्र में कुछ सवाल मुश्किल और अप्रत्यक्ष थे। उन्होंने कहा कि मुझे पेपर कुछ कम मुश्किल लगे।
 
वहीं कुछ छात्रों ने यह भी कहा कि पेपर थोड़ा लंबा था। कैंब्रिज स्कूल के छात्र रोहन राज ने कहा कि मैं सभी प्रश्नों को पूरा हल नहीं कर पाया और कुछ को छोड़ दिया। मुझे लगता है कि इस बार का पेपर पिछली बार की तुलना में थोड़ा मुश्किल था।

(संपादन- भवेंद्र प्रकाश)

Courtesy: National Dastak
 

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