उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के नेताओं की सोशल मीडिया पर आलोचना करना आजकल लोगों को महंगा पड़ रहा है। हाल ही में पत्रकार प्रशांत कन्नौजिया को एक पोस्ट को लेकर गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश बाद उन्हें रिहा किया गया। अब ऐसा ही नया मामला सामने आया है। ब्रिटेन स्थित चर्चित रैपर हार्ड कौर के खिलाफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की आलोचना करने वाले सोशल मीडिया पोस्ट के लिए भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
हार्ड कौर का असली नाम तरन कौर ढिल्लन है। हार्ड कौर बॉलीवुड के विभिन्न गानों में अपने पंजाबी रैप गायकी के लिए जानी जाती हैं। वाराणसी में वकील शशांक शेखर द्वारा आईपीसी सेक्शन 124ए (देशद्रोह), 153 (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 500 (मानहानि) और 505 (भड़काने की कोशिश) और आईटी अधिनियम की धारा 66 के तहत मामला दर्ज कराया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कि शेखर आरएसएस के सदस्य हैं। कौर के फेसबुक और इंस्टाग्राम पेज पर आदित्यनाथ को ‘रेपमैन’ और हेमंत करकरे की मौत के लिए आरएसएस को जिम्मेदार ठहराते हुए पोस्ट लिखा गया है। करकरे 26/11 के मुंबई हमलों के दौरान आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए थे।
शेखर ने अपनी शिकायत में कहा कि वो कौर की टिप्पणियों की वजह से काफी ज्यादा आहत हुए हैं। अमर उजाला ने एक पुलिस निरीक्षक के हवाले से लिखा, इस मामले की जांच अपराध शाखा के निगरानी सेल को सौंपी जा रही है।
यह पहली बार नहीं है जब सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ राजद्रोह कानून लगाया जा रहा है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट द्वारा बार-बार कहा गया है कि ऐसा करना इस कानून का दुरुपयोग है। हाल ही में, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जोर देकर कहा कि उन लोगों के खिलाफ राजद्रोह के आरोप को रद्द किया जाना चाहिए जिन्होंने सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना की थी।
हार्ड कौर का असली नाम तरन कौर ढिल्लन है। हार्ड कौर बॉलीवुड के विभिन्न गानों में अपने पंजाबी रैप गायकी के लिए जानी जाती हैं। वाराणसी में वकील शशांक शेखर द्वारा आईपीसी सेक्शन 124ए (देशद्रोह), 153 (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 500 (मानहानि) और 505 (भड़काने की कोशिश) और आईटी अधिनियम की धारा 66 के तहत मामला दर्ज कराया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कि शेखर आरएसएस के सदस्य हैं। कौर के फेसबुक और इंस्टाग्राम पेज पर आदित्यनाथ को ‘रेपमैन’ और हेमंत करकरे की मौत के लिए आरएसएस को जिम्मेदार ठहराते हुए पोस्ट लिखा गया है। करकरे 26/11 के मुंबई हमलों के दौरान आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए थे।
शेखर ने अपनी शिकायत में कहा कि वो कौर की टिप्पणियों की वजह से काफी ज्यादा आहत हुए हैं। अमर उजाला ने एक पुलिस निरीक्षक के हवाले से लिखा, इस मामले की जांच अपराध शाखा के निगरानी सेल को सौंपी जा रही है।
यह पहली बार नहीं है जब सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ राजद्रोह कानून लगाया जा रहा है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट द्वारा बार-बार कहा गया है कि ऐसा करना इस कानून का दुरुपयोग है। हाल ही में, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जोर देकर कहा कि उन लोगों के खिलाफ राजद्रोह के आरोप को रद्द किया जाना चाहिए जिन्होंने सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना की थी।