यूपी: युवक को पेड़ से बांधकर पीटा, गंजा किया, ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाने को मजबूर किया

Published on: June 19, 2023
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर ज़िले का मामला। पुलिस ने शुरू में आरोपियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के बजाय पीड़ित साहिल ख़ान को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया था। बाद में उनके साथ मारपीट के तीन आरोपियों पर केस दर्ज किया गया, इनमें से दो को गिरफ़्तार कर लिया गया है।



नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में तीन लोगों द्वारा बीते 14 जून को मोबाइल फोन चोरी करने के संदेह में एक 28 वर्षीय व्यक्ति को कथित तौर पर एक पेड़ से बांधकर पीटा गया और उसका सिर मुंडवाकर ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने के लिए मजबूर किया गया।

इंडियन एक्सप्रेस के रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने शुरू में कथित रूप से पीड़ित साहिल खान के साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें ही गिरफ्तार ​कर लिया था। इसके अगले दिन 15 जून को उनके कब्जे से कथित रूप से चाकू बरामद करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया। हालांकि पीड़ित की बहन ने जिले के वैर गांव में हुई इस घटना से संबंधित कथित वीडियो देखने के बाद इसकी शिकायत पुलिस से की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) श्लोक कुमार के हस्तक्षेप के बाद तीन आरोपियों – सौरभ ठाकुर, गजेंद्र और धनी पंडित के खिलाफ शनिवार (17 जून) को एफआईआर दर्ज की गई।

एसएसपी ने कहा कि सौरभ ठाकुर और गजेंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि धनी पंडित को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है।

श्लोक कुमार ने ककोड़ थाने के प्रभारी अमर सिंह को आरोपियों के खिलाफ कथित रूप से कोई कार्रवाई नहीं करने और पीड़ित को जेल भेजने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। एसएसपी ने कहा कि उन्होंने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र नाथ तिवारी को जल्द रिपोर्ट देने को कहा है।

साहिल की बहन रुबीना (25 वर्ष) ने इलाके के थाने में दर्ज अपनी शिकायत में कहा है कि उनका भाई दिहाड़ी मजदूर है। उन्होंने पुलिस को बताया कि वह 14 जून की सुबह गांव के एक घर में पुताई करने के लिए घर से निकला था।

उन्होंने कहा, ‘मेरा भाई देर रात तक घर नहीं लौटा और जब मैंने अपने मोबाइल पर एक वीडियो देखा, जिसमें मेरे भाई को एक पेड़ से बांधकर पीटा गया और ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए मजबूर किया गया, तो मैं ककोड़ पुलिस स्टेशन गई, लेकिन पुलिस ने मेरी शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया और मेरे भाई को 15 जून को गिरफ्तार कर लिया।’

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार (17 जून) को एक ट्वीट में घटना से संबंधित कथित वीडियो साझा करते हुए दो घटनाओं का जिक्र किया, जिसमें से एक गुजरात के जूनागढ़ का है, जहां पुलिस ने कथित तौर पर दरगाह तोड़े जाने का विरोध करने पर मुस्लिम युवकों की पिटाई की थी।

औवेसी ने ओवैसी ने ट्वीट किया, ‘पहली खबर गुजरात के जूनागढ़ में दरगाह को तोड़ने का मुस्लिम युवकों ने विरोध किया तो जनता का रक्षक कहे जाने वाली पुलिस, मुस्लिम युवकों को उसी दरगाह के सामने अपने पट्टे से सबके सामने पीट रही है।’

उन्होंने आगे कहा, ‘दूसरी खबर, बुलंदशहर में एक दिहाड़ी मज़दूर को एक दरख़्त से बांधकर पीटा गया और जय श्रीराम के नारे लगाने पर मजबूर किया गया। बाद में पुलिस की हमदर्दी तो देखिए मुजरिमों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय साहिल को ही जेल भेज दिया।’

ओवैसी ने कहा, ‘हम अपने ऊपर हो रहे ज़ुल्म के खिलाफ फरयाद लेकर जाए तो कहां जाए?’

मालूम हो कि बीते 16 जून को गुजरात के जूनागढ़ शहर में अतिक्रमण-रोधी अभियान के तहत एक दरगाह को दिए गए नगर निगम के नोटिस के बाद हुई हिंसक झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि कम से कम पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।

पुलिस ने बताया था कि जूनागढ़ के मजेवाड़ी दरवाजा दरगाह को नोटिस दिए जाने के खिलाफ लगभग 500 से 600 प्रदर्शनकारियों ने पथराव करने के साथ पुलिस के साथ संघर्ष किया था। इस घटना के सिलसिले में कम से कम 174 लोगों को हिरासत में लिया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि जूनागढ़ नगर निगम ने 14 जून को मजेवाड़ी दरगाह को एक नोटिस जारी किया था, जिसमें प्रशासन से पांच दिनों के भीतर जमीन के स्वामित्व से संबंधित कानूनी दस्तावेज पेश करने को कहा गया था।

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