भीमा कोरेगांव मामला: HC के आदेश के बाद स्टेन स्वामी निजी अस्पताल में भर्ती

Written by Sabrangindia Staff | Published on: May 29, 2021
मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को तलोजा सेंट्रल जेल प्रशासन को कार्यकर्ता स्टेन स्वामी को पंद्रह दिनों के लिए मुंबई के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराने के निर्देश दिए, जिसके बाद उन्हें निजी क्षेत्र के होली फैमिली अस्पताल में भर्ती कराया गया।



मामले की पिछली सुनवाई में स्टेन स्वामी ने सरकारी जेजे अस्पताल में भर्ती होने की अदालत की सलाह से इनकार करते हुए कहा था  कि वह अस्पताल में भर्ती नहीं होना चाहते और उसकी जगह कष्ट सहना पसंद करेंगे और संभवत: स्थितियां जैसी हैं, वैसी रहीं तो जल्द ही मर जाएंगे। एल्गार परिषद मामले में कथित भूमिका के आरोप में स्टेन स्वामी मौजूदा समय में नवी मुंबई की तलोजा जेल में बंद हैं।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बॉम्बे हाईकोर्ट की अवकाशकालीन पीठ में शामिल जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एनआर बोरकर ने स्वामी की याचिका पर त्वरित सुनवाई कर यह निर्देश दिया। याचिका में स्वामी ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज करने के बाद अंतरिम जमानत दिए जाने की मांग की थी। स्वामी ने अपने खराब स्वास्थ्य और कोविड-19 की स्थिति के मद्देनजर जमानत की गुहार लगाई थी।

स्वामी को शुक्रवार देर रात बांद्रा स्थित होली फैमिली अस्पताल में भर्ती कराया गया। 19 मई को हाईकोर्ट ने सरकारी जेजे अस्पताल के डीन को स्वामी की मेडिकल स्थिति की जांच करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन का निर्देश कर रिपोर्ट 21 मई तक पेश करने का निर्देश दिया था।

21 मई को जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये अदालत के समक्ष पेश किए गए स्वामी ने कहा था, ‘आठ महीने पहले यहां लाया गया था। जब मुझे तलोजा जेल लाया गया तो मेरी पूरी प्रणाली, मेरा शरीर काफी सक्रिय था, लेकिन इन आठ महीनों में मेरे शरीर के काम करने के स्तर में तेजी से गिरावट आई है।’ उन्होंने हालांकि जेजे अस्पताल शिफ्ट करने के अदालत के सुझाव से इनकार करते हुए कहा था कि वह वहां शिफ्ट नहीं होना चाहते, क्योंकि वहां उन्हें परेशानी होगी और संभवतः जल्द ही उनकी मौत हो सकती है।

स्वामी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मिहिर देसाई ने स्वामी से बात करने और उन्हें इलाज के लिए मनाने के लिए स्थगन की मांग की थी। शुक्रवार को देसाई ने हाईकोर्ट को बताया था कि स्वामी होली फैमिली अस्पताल में इलाज कराने के लिए तैयार हैं और वह खुद ही इलाज का खर्च उठाएंगे। उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल का स्वास्थ्य लगातार खराब हो रहा है और यह जरूरी है कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाए, ताकि उन्हें उचित इलाज मिल सके।

देसाई ने कहा कि उन्हें अस्पताल में हर समय एक अटेंडेंड की जरूरत होगी और मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल और मौजूदा समय में बांद्रा के सेंट पीटर चर्च में पैरिश पादरी फादर फ्रेजर मासेरेनहास जो स्वामी के दोस्त भी हैं, उन्हें अस्पताल में उनके साथ रहने की मंजूरी दी जानी चाहिए।

एनआईए की ओर से मामले में पैरवी कर रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि स्वामी को होली फैमिली अस्पताल में भर्ती करना जरूरी नहीं है, क्योंकि जेजे अस्पताल में उनका इलाज करने के लिए सभी सुविधाएं मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि पीठ की ओर से निजी अस्पताल में अपीलकर्ता को भर्ती करने की मंजूरी देने से सरकारी अस्पतालों की क्षमता कमतर आंकी जाएगी और गलत धारणा बनेगी। सिंह ने अस्पताल में किसी भी निजी शख्स की मौजूदगी का भी विरोध किया, जब तक कि हाईकोर्ट खुद इसकी मंजूरी नहीं देता। उन्होंने कहा कि अस्पताल का स्टाफ ही स्वामी की देखभाल और इलाज में सक्षम है।

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