आम आदमी पार्टी (आप) सांसद और उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह ने रविवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आस्था प्रभु राम में नहीं बल्कि उनके नाम पर भ्रष्टाचार करने में दिखायी देती है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में अवैध कालोनियां बनाने वाले और अयोध्या में ज़मीनों का घोटाला करने वालों के नामों की सूची जारी हुई है जिसमें पहला नाम भाजपा के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय का है, दूसरे नामों में भाजपा के नगर विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, भाजपा के पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ और ऐसे कई और नाम हैं जो भाजपा के सदस्य हैं।
संजय सिंह ने कहा कि ये दुर्भाग्य है कि देश के करोड़ों लोगों ने प्रभु श्रीराम के नाम पर चंदा दिया है लेकिन वहां ट्रस्ट और भाजपा सदस्यों द्वारा लूट मची हुई है। जनता इनके असली उद्देश्य को पहचाने कि इन लोगों की आस्था श्रीराम में नहीं बल्कि श्रीराम के नाम पर करोड़ों का गबन करने में है।
आप सांसद ने कहा कि प्रभु श्रीराम और मंदिर के नाम पर भाजपा के लोगों ने किस तरह अयोध्या जैसी पवित्र धरती पर ज़मीनों का घोटाला किया है, ये अत्यंत दुखद और शर्मनाक है। इस बात का खुलासा सबसे पहले खुद उन्होनें तथ्यों के आधार पर किया था कि ट्रस्ट ने दो करोड़ रूपये की ज़मीन 16.5 करोड़ की खरीद कर बड़े घोटाले को अंजाम दिया था। उस समय सबसे पहले इस घोटाले में भाजपा के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय का नाम आया था जिसकी पुष्टि खुद भाजपा के स्थानीय सांसद लल्लू सिंह ने चिट्ठी लिख कर की थी।
इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार, अयोध्या में सरयू के नजदीक जमीनों की जमकर अवैध खऱीद फरोख्त की गई है जिसमें बीजेपी के कई नेता भी शामिल हैं। दरअसल, अयोध्या में जमीन का अवैध कारोबार करने वाले प्रॉपर्टी डीलरों के नाम विकास प्राधिकरण द्वारा सार्वजनिक किए गए हैं। इनमें कई बीजेपी नेताओं के नाम शामिल हैं, जो जमीन की खरीद या बिक्री के अवैध कारोबार में लिप्त हैं। बीजेपी सांसद लल्लू सिंह ने भी राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर जमीनों की खरीद-बिक्री को लेकर जांच कराने की मांग की थी।
सरयू नदी के किनारे डूब क्षेत्र की जमीनों को अधिकारियों की मिलीभगत से प्रॉपर्टी डीलरों ने बेची हैं। इस खरीद-फरोख्त में किसी भी प्रकार के मानक का पालन नहीं किया गया। अयोध्या विकास प्राधिकरण ने 40 ऐसे प्रॉपर्टी डीलरों की लिस्ट जारी की जिसमें उन जमीनों पर प्लॉटिंग कराकर कॉलोनी बसा दीं। अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा जारी की गई लिस्ट में बीजेपी नेताओं के भी नाम शामिल हैं। अयोध्या से बीजेपी विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय और अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट से पूर्व विधायक गोरखनाथ का नाम भी लिस्ट में शामिल है। इनका नाम आते ही हड़कंप मच गया और विपक्ष ने सरकार और बीजेपी को घेरना शुरू कर दिया।
बता दें कि पिछले वर्ष अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई जमीन को लेकर भी विवाद हुआ था। इस विवाद में भी अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय का नाम सामने आया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले हफ्ते अयोध्या से बीजेपी सांसद लल्लू सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि अयोध्या में बड़े पैमाने पर प्रॉपर्टी डीलरों ने अवैध तरीके से जमीनों की प्लॉटिंग की और उसे लोगों को बेचा है। उन्होंने अधिकारियों की मिलीभगत का भी आरोप लगाया था। सांसद लल्लू सिंह ने एसआईटी गठित कर जांच की मांग की थी।
खास है कि सरयू के किनारे का पूरा इलाका डूब क्षेत्र में आता है और इस भूमि पर निर्माण नहीं हो सकता, क्योंकि इसका नक्शा ही विकास प्राधिकरण से पास नहीं होता। लेकिन जिन लोगों की जमीन एक हजार स्क्वायर फीट तक की है, उन्हें नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं होती। केवल आवास के नक्शे को जमा कराने की जरूरत होती है। अवैध जमीन बेचने वालों प्रॉपर्टी डीलरों ने इसी का फायदा उठाया और लोगों को हजार स्क्वायर फीट तक की जमीन बेच दी।
उधर, सपा नेता व पूर्व राज्य मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन ने तो अयोध्या की जमीनों की खरीद फरोख्त व अवैध कब्जे की उच्च स्तरीय जांच के लिए कमिश्नर को पत्र भी भेजा है। उनकी मांग है कि भूमि घोटाले में शामिल अधिकारियों की भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने मांग की है कि नजूल व एडीए के पटल को सील कर दिया जाए नहीं तो कागजात भी गायब हो सकते हैं।
राज्य के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक ट्वीट कर इस मामले पर कहा, ‘हमने पहले भी कहा है, फिर दोहरा रहे हैं… भाजपा के भ्रष्टाचारी कम-से-कम अयोध्या को तो छोड़ दें।’
इससे पहले सपा ने अपने आधिकारिक हैंडल से किए ट्वीट में कहा था, ‘अयोध्या में भाजपाइयों का पाप! भाजपा के महापौर, नगर विधायक और पूर्व विधायक भू-माफियाओं के साथ मिलकर बसा रहे अवैध कॉलोनियां। जिम्मेदार विभागों से सांठगांठ कर अब तक 30 अवैध कॉलोनियां बसाकर सरकार को अरबों रुपये के राजस्व का लगाया चूना। मामले की हो जांच। दोषियों के खिलाफ हो कार्रवाई।
संजय सिंह ने कहा कि ये दुर्भाग्य है कि देश के करोड़ों लोगों ने प्रभु श्रीराम के नाम पर चंदा दिया है लेकिन वहां ट्रस्ट और भाजपा सदस्यों द्वारा लूट मची हुई है। जनता इनके असली उद्देश्य को पहचाने कि इन लोगों की आस्था श्रीराम में नहीं बल्कि श्रीराम के नाम पर करोड़ों का गबन करने में है।
आप सांसद ने कहा कि प्रभु श्रीराम और मंदिर के नाम पर भाजपा के लोगों ने किस तरह अयोध्या जैसी पवित्र धरती पर ज़मीनों का घोटाला किया है, ये अत्यंत दुखद और शर्मनाक है। इस बात का खुलासा सबसे पहले खुद उन्होनें तथ्यों के आधार पर किया था कि ट्रस्ट ने दो करोड़ रूपये की ज़मीन 16.5 करोड़ की खरीद कर बड़े घोटाले को अंजाम दिया था। उस समय सबसे पहले इस घोटाले में भाजपा के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय का नाम आया था जिसकी पुष्टि खुद भाजपा के स्थानीय सांसद लल्लू सिंह ने चिट्ठी लिख कर की थी।
इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार, अयोध्या में सरयू के नजदीक जमीनों की जमकर अवैध खऱीद फरोख्त की गई है जिसमें बीजेपी के कई नेता भी शामिल हैं। दरअसल, अयोध्या में जमीन का अवैध कारोबार करने वाले प्रॉपर्टी डीलरों के नाम विकास प्राधिकरण द्वारा सार्वजनिक किए गए हैं। इनमें कई बीजेपी नेताओं के नाम शामिल हैं, जो जमीन की खरीद या बिक्री के अवैध कारोबार में लिप्त हैं। बीजेपी सांसद लल्लू सिंह ने भी राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर जमीनों की खरीद-बिक्री को लेकर जांच कराने की मांग की थी।
सरयू नदी के किनारे डूब क्षेत्र की जमीनों को अधिकारियों की मिलीभगत से प्रॉपर्टी डीलरों ने बेची हैं। इस खरीद-फरोख्त में किसी भी प्रकार के मानक का पालन नहीं किया गया। अयोध्या विकास प्राधिकरण ने 40 ऐसे प्रॉपर्टी डीलरों की लिस्ट जारी की जिसमें उन जमीनों पर प्लॉटिंग कराकर कॉलोनी बसा दीं। अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा जारी की गई लिस्ट में बीजेपी नेताओं के भी नाम शामिल हैं। अयोध्या से बीजेपी विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय और अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट से पूर्व विधायक गोरखनाथ का नाम भी लिस्ट में शामिल है। इनका नाम आते ही हड़कंप मच गया और विपक्ष ने सरकार और बीजेपी को घेरना शुरू कर दिया।
बता दें कि पिछले वर्ष अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई जमीन को लेकर भी विवाद हुआ था। इस विवाद में भी अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय का नाम सामने आया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले हफ्ते अयोध्या से बीजेपी सांसद लल्लू सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि अयोध्या में बड़े पैमाने पर प्रॉपर्टी डीलरों ने अवैध तरीके से जमीनों की प्लॉटिंग की और उसे लोगों को बेचा है। उन्होंने अधिकारियों की मिलीभगत का भी आरोप लगाया था। सांसद लल्लू सिंह ने एसआईटी गठित कर जांच की मांग की थी।
खास है कि सरयू के किनारे का पूरा इलाका डूब क्षेत्र में आता है और इस भूमि पर निर्माण नहीं हो सकता, क्योंकि इसका नक्शा ही विकास प्राधिकरण से पास नहीं होता। लेकिन जिन लोगों की जमीन एक हजार स्क्वायर फीट तक की है, उन्हें नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं होती। केवल आवास के नक्शे को जमा कराने की जरूरत होती है। अवैध जमीन बेचने वालों प्रॉपर्टी डीलरों ने इसी का फायदा उठाया और लोगों को हजार स्क्वायर फीट तक की जमीन बेच दी।
उधर, सपा नेता व पूर्व राज्य मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन ने तो अयोध्या की जमीनों की खरीद फरोख्त व अवैध कब्जे की उच्च स्तरीय जांच के लिए कमिश्नर को पत्र भी भेजा है। उनकी मांग है कि भूमि घोटाले में शामिल अधिकारियों की भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने मांग की है कि नजूल व एडीए के पटल को सील कर दिया जाए नहीं तो कागजात भी गायब हो सकते हैं।
राज्य के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक ट्वीट कर इस मामले पर कहा, ‘हमने पहले भी कहा है, फिर दोहरा रहे हैं… भाजपा के भ्रष्टाचारी कम-से-कम अयोध्या को तो छोड़ दें।’
इससे पहले सपा ने अपने आधिकारिक हैंडल से किए ट्वीट में कहा था, ‘अयोध्या में भाजपाइयों का पाप! भाजपा के महापौर, नगर विधायक और पूर्व विधायक भू-माफियाओं के साथ मिलकर बसा रहे अवैध कॉलोनियां। जिम्मेदार विभागों से सांठगांठ कर अब तक 30 अवैध कॉलोनियां बसाकर सरकार को अरबों रुपये के राजस्व का लगाया चूना। मामले की हो जांच। दोषियों के खिलाफ हो कार्रवाई।