बीकानेर की दो दिन की बारिश ने शहर के नगर निगम और बिजली कंपनियों तथा प्रशासन की लापरवाही की पोल खोलकर रख दी है।
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बारिश के कारण बिजली के खंभे टूटकर गिर रहे हैं और उनमें करंट आने लगा है। करीब आधा दर्जन जानवरों की करंट लगने से मौत हो चुकी है। शहर में हाईमास्ट लाइटों और रोड लाइटों के बॉक्स खुले पड़े हादसों को न्यौता दे रहे हैं।
कई इलाकों में बिजली आपूर्ति ठप हो रही है और नगर निगम, बिजली कंपनी और प्रशासनिक अधिकारी बेपरवाह बैठे हैं।
जिले के ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में बिजली के खंभे, लाइनें और ट्रांसफार्मर गिरे पड़े हैं जिसके कारण गांवों में बिजली आपूर्ति में बाधा आ रही है। करीब पांच दर्जन खंभे गिरे पड़े हैं।
पीबीएम अस्पताल परिसर में भी बिजली का एक खंभा गिर गया और उसके तार टूट गए। इसका असर बिजली सप्लाई पर भी पड़ा।
पत्रिका ने अधीक्षण अभियंता कृष्णलाल घुघरवाल के हवाले से बताया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में छत्तरगढ़ में 15, लूणकनसर में 15, श्रीडूंगरगढ़ में 5, नोखा में 30, खाजूवाला में 12, बज्जू में 8, बीकानेर ग्रामीण में 3 ट्रांसफार्मर गिर गए हैं।
बारिश के कारण जिला प्रशासन, नगर विकास न्यास और नगर निगम के व्यवस्था चाक-चौबंद के दावों की पोल खुल चुकी है। ये बात साबित हो चुकी है कि बारिश से पूर्व कोई तैयारी नहीं की गई थी।
गड्ढों भरी सड़कें भी हादसों का कारण बन रही है। डूंगरपुर के पास रविवार को एक ऑटो एक गड्ढे में गिर गया जिसमें बरसाती पानी भरा था। हादसे में दो महिलाओं की मौत हो गई थी और छह लोग घायल हो गए थे।