पटना। CAA, NPR और NRC को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है। बीजेपी हर हाल में नागरिकता संशोधन कानून लागू करना चाहती है। एनपीआर कराए जाने के विरोध में विपक्ष लामबंद है लेकिन इस सबसे बड़ा कदम बिहार की नीतीश कुमार सरकार में उठाए जाने का मामला सामने आया है।
राजधानी पटना मुख्यालय के अंतर्गत आनेवाले मोकामा प्रखंड के बीडीओ सतीश कुमार ने एक कदम आगे बढ़कर बिहार में एनआरसी को लागू करा दिया है। इतना ही नहीं, इस संबंध में उन्होंने पत्र भी जारी कर दिया है।
बीडीओ का यह विवादित पत्र शुक्रवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। फेसबुक से लेकर ट्विटर होते हुए यह पत्र अब बिहार के सियासी गलियारे में भी पहुंच चुका है। इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव व रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
दरअसल, पटना के मोकामा प्रखंड के बीडीओ सतीश कुमार ने अपने ब्लॉक के तीन स्कूलों के प्रिंसिपल के नाम से पत्र लिखा है। पत्र के माध्यम से बीडीओ ने एनआरसी के काम के लिए हर स्कूल से दो-दो शिक्षकों के नाम मांगे हैं। यह पत्र 28 जनवरी को जारी हुआ है। खास बात कि यह रिमाइंडर लेटर (पुनर्प्रेषित पत्र) है।
पुनर्प्रेषित पत्र मरांची, मोर तथा रामपुर डुमरा स्कूल के नाम से जारी हुआ है। इस पत्र में यह भी कहा गया है कि इसके पहले 18 जनवरी को पत्र भेजा गया था। लेकिन 10 दिनों के बाद भी इस पर संज्ञान नहीं लिया गया। एनआरसी के लिए शिक्षकों का नाम नहीं भेजने वाले स्कूलों के प्राचार्य किसी खास राजनीतिक दल से प्रेरित होकर उसका विरोध करते दिख रहे हैं।
इतना ही नहीं, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस पत्र में तीनों प्राचार्यों को चेतावनी दी गयी है कि वे 24 घटे के अंदर शिक्षकों के नाम भेजें, अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। मोकामा बीडीओ का यह पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। फेसबुक व ट्विटर होते हुए पत्र राजनीतिक गलियारे में पहुंच गया है।
हालांकि बाद में बीडीओ ने टाइपिंग एरर बताते हुए नया लेटर जारी किया और कहा गया कि भूलवश एनपीआर की जगह एनआरसी लिखा गया था। इस बीच तेजस्वी यादव, उपेंद्र कुशवाहा आदि नेताओं ने नीतीश कुमार की खूब खिंचाई की है।
राजधानी पटना मुख्यालय के अंतर्गत आनेवाले मोकामा प्रखंड के बीडीओ सतीश कुमार ने एक कदम आगे बढ़कर बिहार में एनआरसी को लागू करा दिया है। इतना ही नहीं, इस संबंध में उन्होंने पत्र भी जारी कर दिया है।
बीडीओ का यह विवादित पत्र शुक्रवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। फेसबुक से लेकर ट्विटर होते हुए यह पत्र अब बिहार के सियासी गलियारे में भी पहुंच चुका है। इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव व रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
दरअसल, पटना के मोकामा प्रखंड के बीडीओ सतीश कुमार ने अपने ब्लॉक के तीन स्कूलों के प्रिंसिपल के नाम से पत्र लिखा है। पत्र के माध्यम से बीडीओ ने एनआरसी के काम के लिए हर स्कूल से दो-दो शिक्षकों के नाम मांगे हैं। यह पत्र 28 जनवरी को जारी हुआ है। खास बात कि यह रिमाइंडर लेटर (पुनर्प्रेषित पत्र) है।
पुनर्प्रेषित पत्र मरांची, मोर तथा रामपुर डुमरा स्कूल के नाम से जारी हुआ है। इस पत्र में यह भी कहा गया है कि इसके पहले 18 जनवरी को पत्र भेजा गया था। लेकिन 10 दिनों के बाद भी इस पर संज्ञान नहीं लिया गया। एनआरसी के लिए शिक्षकों का नाम नहीं भेजने वाले स्कूलों के प्राचार्य किसी खास राजनीतिक दल से प्रेरित होकर उसका विरोध करते दिख रहे हैं।
इतना ही नहीं, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस पत्र में तीनों प्राचार्यों को चेतावनी दी गयी है कि वे 24 घटे के अंदर शिक्षकों के नाम भेजें, अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। मोकामा बीडीओ का यह पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। फेसबुक व ट्विटर होते हुए पत्र राजनीतिक गलियारे में पहुंच गया है।
हालांकि बाद में बीडीओ ने टाइपिंग एरर बताते हुए नया लेटर जारी किया और कहा गया कि भूलवश एनपीआर की जगह एनआरसी लिखा गया था। इस बीच तेजस्वी यादव, उपेंद्र कुशवाहा आदि नेताओं ने नीतीश कुमार की खूब खिंचाई की है।