बदहाल स्कूल व्यवस्था राजस्थान की

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: August 16, 2018
राजस्थान में तकरीबन 5 साल तक मनमाने तरीके से शासन करने के बाद भी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सरकार ने बच्चों को पढ़ाई के लिए ऐसे विद्यालय भवन तक मुहैया नहीं कराए जहां वे सुरक्षित तरीके से पढ़ाई कर सकें।

Rajasthan School

स्कूलों की बदहाली की एक मिसाल है करौली जिले के सूरौठ में उदासी का बाग का स्कूल राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय क्रमांक-एक। पूरे विद्यालय की इमारत इतनी जर्जर है कि बच्चों और शिक्षकों को उसके कभी भी गिर जाने का खतरा बना रहता है।

पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार, इस स्कूल में करीब 230 विद्यार्थी पढ़ते हैं, लेकिन कायदे से बच्चों के बैठने लायक एक भी कमरा नहीं है। कहने को तो स्कूल में 7 कमरे हैं लेकिन इनमें से 4 कमरों की हालत तो बहुत ही खराब और खतरनाक है।

विद्यालय परिसर में तीन पाटोरपोश भी बनी हुई हैं लेकिन इन अस्थायी निर्माणों में भी बैठने लायक स्थिति नहीं है।

बारिश के दिनों में तो स्कूल की हालत बहुत ही खराब हो जाती है। लगभग सभी कमरों में छत से पानी टपकता है, जिससे फर्श गीला हो जाता है और कमरों में पानी तक भर जाता है। मजबूरन छात्रों की छुट्टियां करनी पड़ जाती हैं।

स्कूल का मुख्य द्वार भी टूटा हुआ है जिससे स्कूल में आवारा जानवर भी घुस आते हैं और गंदगी फैला जाते हैं। स्कूल के बाद असामाजिक तत्व भी स्कूल परिसर में आ जाते हैं और सुबह बच्चों को उसी स्थिति में पढ़ाई करने के लिए बैठना पड़ता है।

स्कूल के सामने की सड़क ऊंची है जिसके कारण स्कूल परिसर में पानी भरा रहता है और बच्चे भी परेशान होते हैं, और स्टाफ भी।

गर्मियों में भी स्कूल की हालत खराब रहती है और बच्चे बिना पंखे के ही गर्मी में बैठे पसीने-पसीने होते रहते हैं। गर्मी से बचने के लिए अध्यापक बच्चों को खुले में पेड़ के नीचे बैठाते हैं तो गर्म लू उनकी हालत खराब करने लगती है।

यह हालत किसी एक स्कूल की नहीं है। राजस्थान के गांवों के स्कूलों की आमतौर पर यही हालत है और ऐसे ही माहौल में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे दोबारा सरकार बनाने के लिए वोट मांगने निकल पड़ी हैं।
 

बाकी ख़बरें