AMU के छात्रों ने VC को 24 घंटे का दिया अल्टीमेटम

Written by SabrangindiaROMA (AIUFWP) | Published on: October 21, 2017
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों ने वाइस चांसलर तारिक मंसूर को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। ये अल्टीमेटम विश्वविद्यालय परिसर में सर सैयद की 200वीं जयंती समारोह में बीजेपी नेता के शामिल होने को लेकर दी गई है।

AMU

टू सर्किल की रिपोर्ट के मुताबिक विद्यार्थियों ने आरोप लगाया है कि उन्हें अलीगढ़ जिला के बीजेपी अध्यक्ष देवराज सिंह और संदीप कुमार सिंह दिए गए निमंत्रण को लेकर अंधेरे में रखा गया। संदीप इटाह के सांसद राजवीर सिंह और राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के पोते हैं।

वाइस चांसलर को लिखे गए एक पत्र में, छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से पूछा है कि क्या राज्य सरकार से दबाव के कारण बीजेपी नेताओं को आमंत्रित किया गया है। पत्र में पूछा गया है कि "कृपया बताएं कि क्या प्रशासन ने बीजेपी नेताओं को आमंत्रित करने के लिए सरकार की तरफ से फैक्स मिला है और अगर मिला है तो इसे सार्वजनिक किया जाए। छात्रों ने कहा कि समझाने या माफी माँगने में असफल होने के कारण प्रशासन को सरकार के क्रोध का सामना करना होगा।

"सर सैयद जैसे लोगों की याद में इस तरह के लोगों को आमंत्रित करना जो सांप्रदायिक राजनीति को बढ़ावा देते हैं तो ऐसे में सर सैयद और एएमयू के छात्रों का अपमान करना है।

हम हमेशा उन लोगों और दलों के खिलाफ खड़े रहे हैं जो हमारे समाज को बांटना चाहते हैं और यह कोई अलग नहीं है। हमने हमेशा से बीजेपी सदस्यों को परिसर में प्रवेश करने से रोका है, यह स्पष्ट रूप से पार्टी द्वारा परिसर में घुसपैठ करने का एक प्रयास था। वे बस आये, बैठे और देखा ... यहां तक की कुछ बोला भी नहीं। वे यहां क्या कर रहे थें?” टू सर्किल से बात करते हुए एएमयू छात्र फैसल नदीम ने ये बात कही। एएमयू छात्र के क्रोध की दूसरी वजह ये है कि जब कुछ दिनों पहले डीयू के छात्रों ने सर सैयद के 200वीं जयंती पर चर्चा का आयोजन किया था तो एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने इसे बाधित किया था। एबीवीपी के सदस्य सर सैयद को राष्ट्र विरोधी कहते हैं, उनका कहना है कि सैयद ने दो राष्ट्र सिद्धांतों का समर्थन किया था। नदीम ने आगे कहा कि "ऐसे समय में जब हम देश के लिए किए गए सर सैयद के महान कार्यों को याद कर रहे हैं तो एबीवीपी उनके नाम को मिट्टी मिलाना चाहती है... एएमयू के छात्रों के रूप में, हम ऐसा नहीं होने देंगे।" एमएमयू छात्रों को सबसे ज्यादा परेशान करने वाली वह चीज है कि बीजेपी नेताओं को ऐसे समय में बुलाया गया है जब संघ परिवार का मिशन उनके विरासत को बदनाम करना है।

बीजेपी नेताओं के परिसर में आने के एक दिन बाद, अलीगढ़ के हिंदू महासभा इकाई ने सर सैयद पर भी एक कार्यक्रम का आयोजन किया और उक्त मंच का इस्तेमाल उन्हें बदनाम करने के लिए किया और उन्हें राष्ट्र विरोधी बताया। विरोध प्रदर्शन करने वाले छात्रों ने आरोप लगाया है कि एएमयू प्रशासन ने बीजेपी के लाभों के लिए खुद को इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी। नाम न छापने की शर्त पर एक अन्य छात्र ने कहा कि "हम हर किसी के खिलाफ हैं जो सांप्रदायिक राजनीति में शामिल हैं... हमने 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के बाद भी मुलायम सिंह यादव का विरोध किया और यह कोई अलग नहीं है। एक तरफ, उनके नेता 'सर सैयद समारोह में शामिल होने के लिए आते हैं', जबकि उनके संघ के सदस्य उन्हें जब चाहते हैं बदनाम करते हैं। छात्र ने आगे कहा कि जब तक विश्वविद्यालय उनके विरोध का जवाब नहीं देता है तब तक उन्हें विरोध प्रदर्शनों का सामना करना होगा।

इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए, एएमयू प्रशासन के जनसंपर्क कार्यालय के आधिकारिक पेज 'अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी न्यूज' ने एक संदेश जारी किया है कि "प्रोटोकॉल के एक हिस्से के तौर पर पूर्व राष्ट्रपति के दौरे के लिए यूपी प्रदेश सरकार द्वारा एक मंत्री को 'मिनिस्टर इन वेटिंग' के रूप में नोमिनेट किया गया था। इस बारे में जिला प्रशासन द्वारा विश्वविद्यालय को सूचित किया गया था। इस प्रोटोकॉल का पालन सर सैयद डे समारोह में किया गया था।"
 

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