तुम सब मरोगे, बच्चे भी: वसीम रिजवी की गिरफ्तारी पर नरसिंहानंद

Written by Sabrangindia Staff | Published on: January 14, 2022
हरिद्वार धर्म संसद में मुस्लिमों के खिलाफ हेट स्पीच देने के मामले में पुलिस ने गुरुवार को पहली गिरफ्तारी की। इस गिरफ्तारी से भड़के यति नरसिंहानंद ने पुलिस अधिकारियों से कहा, "तुम सब मरोगे"। हेट स्पीच देने के मामले में आरोपी धर्मगुरुओं में  यति नरसिंहानंद भी शामिल हैं।  हरिद्वार में संपन्न ‘धर्म संसद' में हुए कथित हेट स्पीच के संबंध में पुलिस ने गुरुवार को वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को गिरफ्तार किया है। इस मामले में यह पहली गिरफ्तारी है।



उत्तराखंड पुलिस ने यति नरसिंहानंद और एक अन्य आरोपी साध्वी अन्नपूर्णा को नोटिस जारी कर पेश होने को कहा है। 

सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर हो रहा है, जिसमें पुलिस अधिकारी त्यागी को हिरासत में लेने वक्त नरसिंहानंद से सहयोग करने का अनुरोध करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

कार में बैठे यति नरसिंहानंद अधिकारियों से पूछते दिख रहे हैं कि त्यागी को क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है। अधिकारियों ने समझाया कि त्यागी के खिलाफ दर्ज मामलों के सिलसिले में उनकी गिरफ्तारी की जा रही है।



नरसिंहानंद ने कहा, "मैं तीनों मामलों में उनके साथ हूं। क्या उन्होंने अकेले ऐसा किया?" अधिकारियों ने नरसिंहानंद से कार से बाहर निकलने के लिए कहा ताकि वे गिरफ्तारी की प्रक्रिया को आगे बढ़ सकें। हालांकि, नरसिंहानंद अपनी बात पर अड़े रहे।

अधिकारी उनसे कहते हैं कि "त्यागी स्थिति को समझ रहे हैं"। इस पर नरसिंहानंद ने जवाब देते हुए कहा, "लेकिन मैं नहीं। वह हमारे समर्थन से हिंदू बन गए हैं।"

उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने पिछले महीने हिंदू धर्म ग्रहण कर लिया था और उनका नाम जितेंद्र सिंह नारायण त्यागी रखा गया। विवादास्पद टिप्पणी करने के लिए जाने जाते गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के मुख्य पुजारी नरसिंहानंद ने इस समारोह का आयोजन किया था।

अधिकारियों के बार-बार गुजारिश करने पर, नरसिंहानंद ने कहा, "तुम सब मरोगे, अपने बच्चों को भी..."

हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक योगेंद्र रावत ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि त्यागी को रुड़की में गिरफ्तार किया गया था। 

हेट सपीच मामले में दर्ज प्राथमिकी में 10 से अधिक लोगों के नाम हैं। इसमें नरसिंहानंद, त्यागी और अन्नपूर्णा शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुधवार को उत्तराखंड सरकार को मामले में की गई कार्रवाई पर 10 दिनों के भीतर एक हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश देने के बाद मामले में पहली गिरफ्तारी  हुई है।

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