आदिवासी लड़की को बंधक बनाने वाला फरार एएसआई दे रहा है धमकी

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: July 13, 2018
छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के हौंसले इस कदर बुलंद हैं कि वो न केवल पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं, बल्कि पीड़ितों को मुकदमे वापस लेने के लिए भी धमकाने लगे हैं।



ऐसा ही एक मामला सामने आया है बीजापुर में, जहां की एक आदिवासी लड़की एक एएसआई शैलेंद्र सिंह और उसकी शिक्षिका पत्नी शशि सिंह पढ़ाई कराने के बहाने बिलासपुर ले आए थे और उसे बंधक बनाकर उसे प्रताड़ित करने लगे थे।

शैलेंद्र सिंह और शशि सिंह ने बिलासपुर में पीड़ित लड़की को घर के काम में लगा लिया और उसके साथ मारपीट करने लगे। ये सिलसिला दो साल तक चलता रहा। इसके बाद एएसआई के घर में काम करने वाली एक महिला ने जब महिला और बाल विकास विभाग को खबर दी तब पुलिस की मदद से लड़की को छुड़ाया गया था। मई माह में पड़े इस छापे के दौरान एएसआई शैलेंद्र सिंह और उसकी पत्नी शशि सिंह शादी में शामिल होने गए थे।

पुलिस ने पीड़ित लड़की को बहुत बुरी हालत में पाया था। इसके बाद एसपी आसिफ शेख ने एएसआई के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए थे, लेकिन खबर मिलते ही पति-पत्नी फरार हो गए।

पूछताछ में ये बात सामने आई थी कि लड़की के परिजनों की गरीबी की हालत का फायदा उठाकर एएसआई शैलेंद्र और उसकी पत्नी शशि उन्हें झांसा देकर लड़की को बिलासपुर ले आए थे, लेकिन उसके बाद उन्हें कभी अपनी बच्ची से मिलने भी नहीं दिया गया। छापे के दौरान मिली लड़की आंखें सूजी हुई थीं और उसके शरीर पर पिटाई के निशान थे।

अब पीड़ित लड़की ने आरोप लगाया है कि एएसआई शैलेंद्र सिंह उसके परिजनों पर मुकदमा वापस लेने की धमकी दे रहे हैं, जिससे उन्हें खतरा महसूस हो रहा है।

गुरुवार को पीड़ित लड़की के परिजनों ने बीजापुर एसपी ऑफिस पहुंचकर शिकायत की कि शैलेंद्र और उसकी पत्नी शशि अपने रिश्तेदार के जरिए लड़की के पिता और मामा को अगवा करने की धमकी दे रहे हैं और बयान बदलकर मामला रफा-दफा करने का दबाव डाल रहे हैं। इन लोगों ने डरा-धमकाकर पीड़िता के परिजनों से एक शपथपत्र और सादे कागज़ पर दस्तखत भी करा लिए हैं। एसपी ने सिरिगट्टी थाने में अलग से मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है।
 
 

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