UP: सोनभद्र में आदिवासी युवक को पीटा- उसके ऊपर पेशाब किया, वीडियो बनाकर कर दिया वायरल,  परिवार ने लगाया पेशाब पिलाने का आरोप

Written by Navnish Kumar | Published on: October 5, 2024
एक आदिवासी युवक की आधा दर्जन दबंगों ने पहले तो पिटाई की, फिर उसके चेहरे पर पेशाब कर दिया। इतना ही नहीं पूरी घटना का वीडियो बनाकर वायरल भी कर दिया। वीडियो वायरल होने पर मामले में सियासत भी शुरू हो गई है। सपा ने योगी सरकार पर निशाना साधा है।


साभार : हिंदुस्तान

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में दलित युवक को चप्पल पर थूककर चटवाने का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि एक बार फिर मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। एक आदिवासी युवक की आधा दर्जन दबंगों ने पहले तो पिटाई की, फिर उसके चेहरे पर पेशाब कर दिया। इतना ही नहीं पूरी घटना का वीडियो बनाकर वायरल भी कर दिया। वीडियो वायरल होने पर मामले में सियासत भी शुरू हो गई है। सपा ने योगी सरकार पर निशाना साधा है।

सपा नेता आईपी सिंह ने अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ” दृश्य देखकर दिल दहल जाय। लहूलुहान युवक ...खरवार आदिवासी हैं। गालियों की बौछार करते हुए उनके ऊपर पेशाब करता यह व्यक्ति अंकित कितना बेख़ौफ़ और निडर है। लोगों के मुताबिक उसे बीजेपी सरकार का समर्थन प्राप्त है। CM योगी आदित्यनाथ के रामराज्य में SC ST के लिए अमृतकाल है।“

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में जिले के शक्ति नगर थाना क्षेत्र की एक बेहद अमानवीय और शर्मनाक घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में कुछ लोग एक आदिवासी युवक के ऊपर पेशाब करते हैं और उसकी बेरहमी से पिटाई करते हुए नजर आ रहे हैं। घटना 26 सितंबर की बताई जा रही है। जैसे ही वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वायरल हुआ, तब पुलिस ने संज्ञान लिया। सोनभद्र पुलिस ने बताया कि उन्होंने बुधवार को आदिवासी युवक की पिटाई करने और उस पर पेशाब करने के आरोप में अंकित भारती नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोनभद्र के एडिशनल एसपी (मुख्यालय) कालू सिंह ने बताया कि ... खरवार नाम के शख्स ने शिकायत दर्ज कराई है कि उसके भाई ... खरवार को अंकित भारती और आठ अन्य लोगों ने 26 सितंबर की शाम करीब सात बजे शक्तिनगर क्षेत्र में बैरियर नंबर एक के पास पीटा गया। उन्होंने न सिर्फ उसके साथ मारपीट की बल्कि पेशाब किया और घटना का वीडियो भी रिकॉर्ड कर लिया और उसे सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अंकित को हिरासत में ले लिया और उससे उसके साथियों के बारे में पूछताछ कर रही है, जिन्हें भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

वायरल वीडियो..

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ मनबढ़ युवक एक युवक के साथ न सिर्फ मारपीट कर रहे हैं, बल्कि उसके सिर और मुंह पर पेशाब भी कर रहे हैं। इस घटना से पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट और गलत जानकारी साझा न करें, जिससे कानून-व्यवस्था प्रभावित हो। पुलिस प्रशासन पूरी मुस्तैदी से मामले की जांच कर रहा है और जल्द ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उधर, वीडियो वायरल होने के बाद अब इस मामले में सियासत भी शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार पर निशाना साधा है।

सपा नेता आईपी सिंह ने एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “दृश्य देखकर दिल दहल जाए। लहूलुहान पवन खरवार आदिवासी हैं। गालियों की बौछार करते हुए उनके ऊपर पेशाब करता यह व्यक्ति अंकित कितना बेख़ौफ़ और निडर है। लोगों के मुताबिक उसे बीजेपी सरकार का समर्थन प्राप्त है। CM योगी आदित्यनाथ के रामराज्य में एससी एसटी के लिए अमृतकाल है।”

तहरीर में क्या बोला परिवार?

द क्विंट की एक रिपोर्ट में परिवार द्वारा पुलिस को दी गई तहरीर के हवाले से लिखा है कि....
"पिस्टल दिखाकर रोका-पेशाब पिलाया, मरा समझ छोड़ा"
सोनभद्र के शक्तिनगर में अनुसूचित जनजाति समुदाय के ...खरवार रहते हैं। उनके साथ ये वारदात हुई। परिवार की तरफ से दी गई तहरीर के अनुसार, 22 साल का युवक उस दिन अपने एक दोस्त को एक कालोनी छोड़ने गया था। तभी मुख्य आरोपी अंकित भारती ने बैरियर नंबर 1 के पास रेलवे पुलिया के सामने कार लगा दी। दूसरे आरोपी ने पिस्टल दिखाकर युवक को रोका जबकि एक अन्य आरोपी उसे रॉड से मारने लगा। इसके अलावा 4-5 लड़के और आए जिन्होंने उसपर चाकू से भी हमला किया। आखिर में वे कमल को मरा समझकर वहां से भाग गए।

"युवक का अपहरण करके उसे पेशाब पिलायी गई, उसे रॉड से मारते-मारते अधमरा किया गया। इस जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले गिरोह का मुखिया अंकित भारती और श्रवण हैं। यह गैंग बाइक चोरी, मोबाइल-चेन स्नैचिंग, ड्रग्स बेचने और पैसे लेकर मारपीट करने का काम करता है।" पुलिस को दिए तहरीर में परिवार का यह कहना है।

पीड़ित के भाई ने क्विंट हिंदी से बात करते हुए बताया कि इससे पहले भी अंकित भारती और उसके गैंग ने कमल पर हमला किया था। उस समय युवक के गर्दन पर चाकू से हमला किया गया था और गर्दन पर चाकू से वार के निशान अब भी हैं। भाई का आरोप है कि पुलिस ने तब कोई एक्शन नहीं लिया।

युवक के परिवार की तरफ से दी गई तहरीर में बताया है कि अंकित भारती पर इससे पहले भी 2022 और 2023 में कम से कम 4 एफआईआर दर्ज की गई थीं। अपर पुलिस अधीक्षक कालू सिंह ने बताया कि 26 सिंतबर की शाम करीब सात बजे बैरियर नंबर 1 के पास पीड़ित युवक खरवार को मुख्य आरोपी अंकित भारती समेत अन्य सात-आठ युवकों ने घेर लिया और उसे मारा पीटा। इसके बाद पीड़ित के ऊपर पेशाब भी किया गया जबकि अन्य युवक खड़े होकर इसका वीडियो बनाते रहे।

पुलिस की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार घटना को अंजाम देने वाले आरोपी पीड़ित के मोहल्ले के ही हैं। घटना के बाद पीड़ित को उसके परिजन इलाज के लिए मध्य प्रदेश के बैढ़न हॉस्पिटल ले चले गए। उनके द्वारा थाना या UP-112 पर कोई सूचना नहीं दी गयी थी। हालांकि वीडियो वायरल होने के बाद शक्तिनगर थाना की पुलिस ने ट्वीट का संज्ञान लिया और पीड़ित के भाई से संपर्क किया। क्विंट से बातचीत में के पिपरी सर्कल ऑफिसर अमित कुमार ने बताया कि पीड़ित पर भी 2-3 मामले पहले से दर्ज हैं और वो मुख्य आरोपी अंकित भारती के साथ कई मौकों पर मिलकर काम करता था। हालांकि युवक के भाई ने इस बात से इंकार किया है।

इन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा

पीड़ित के भाई की तहरीर के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई जिसमें निम्न धाराओं के आधार पर 5 नामजद आरोपी बनाए गए।

भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 191(2): साधारण दंगे के अपराध की सजा 
BNS की धारा 191(3): किसी गैर-कानूनी सभा में घातक हथियार के साथ हिंसा
BNS की धारा 190: गैरकानूनी सभाओं से जुड़े अपराधों से संबंधित
BNS की धारा 115(2): स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के अपराध के लिए सजा 
BNS की धारा 352: लोकशांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना
BNS की धारा 351(2): आपराधिक धमकी की सजा
BNS की धारा 109: हत्या करने का प्रयास करने का अपराध 
BNS की धारा 117 (2): गंभीर चोट पहुंचाने के अपराध की सजा
BNS की धारा 133: अपमान करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग
7 सीएलए एक्ट: रोजगार या बिजनेस के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर व्यक्ति को मोलेस्ट करना



यह पहला मामला नहीं

इस तरह का यह पहला मामला नहीं है। 'एमबीबी' की एक रिपोर्ट के अनुसार, इसी साल जुलाई महीने में सोनभद्र जिले के घटिहटा गांव से भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था। जहां एक व्यक्ति ने आदिवासी युवक के कान और चेहरे पर पेशाब कर दिया था। इस मामले में भी वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने संज्ञान लिया था और आरोपी को एससी/एसटी अधिनियम और दंड संहिता की कई धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था।

इसके अलावा इस साल जुलाई महीने की शुरुआत में एक वीडियो वायरल हुआ था, जो मध्य प्रदेश के सीधी जिले का था। जिसमें प्रवेश शुक्‍ला नाम का युवक शराब के नशे में सिगरेट पीते हुए आदिवासी युवक के चेहरे पर पेशाब करते देखा गया था। प्रवेश शुक्‍ला सीधी विधायक केदारनाथ शुक्‍ला का करीबी बताया गया। हालांकि केदारनाथ शुक्ला ने प्रवेश शुक्ला के प्रतिनिधि होने की खबरों का खंडन किया था। इस वीडियो के वायरल होने के साथ ही पुलिस ने तेज़ी से कार्रवाई करते हुए आरोपी को हिरासत में लिया था। इतना ही नहीं इस मामले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने पीड़ित दशमत रावत के पैर धोए थे और उन्हें कुछ उपहार दिए थे। उन्होंने दशमत रावत से माफ़ी मांगी थी और कहा कि वे उनकी पीड़ा का सांझा करना चाहते हैं।

दलित युवक को चप्पल पर थूककर चटवाया


एमपी में दलित के सिर पर पेशाब की घटना के बाद यूपी में दलित से चप्पल पर थूक कर चटवाने, कान पकड़ कर उठक बैठक कराने के मामले ने खूब तूल पकड़ा था। तब सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है कि, उप्र के सोनभद्र में, मप्र के सीधी ज‍िले से कम शर्मनाक घटना नहीं घटी है, जहां एक दलित युवक से चप्पल तक चटवाई गई है। ऐसे दोषियों को देखकर बुलडोजर पंचर क्यों हो जाता है। देखते हैं इस पीड़ित की चरण-वंदना का नाटक कब खेला जाता है। भाजपाई दलित उत्पीड़न का काला इतिहास रच रहे हैं।

आदिवासियों के खिलाफ बढ़ रहा अत्याचार

एमबीबी के अनुसार, हाल ही आई एक सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, एसटी के खिलाफ अत्याचार के अधिकांश मामले भी 13 राज्यों में हुए। एसटी से जुड़े 9,735 मामलों में से मध्य प्रदेश में 2,979 मामले (30.61%), राजस्थान में 2,498 मामले (25.66%) और ओडिशा में 773 मामले (7.94%) दर्ज किए गए। एसटी से संबंधित अन्य मामलों में महाराष्ट्र में 691 मामले (7.10%) और आंध्र प्रदेश में 499 मामले (5.13%) शामिल हैं। इस रिपोर्ट में जांच और चार्जशीट से संबंधित डेटा भी प्रस्तुत किया गया है। अनुसूचित जनजाति से संबंधित मामलों में 63.32 प्रतिशत मामलों में आरोप पत्र दाखिल किए गए, जबकि 14.71% मामलों में अंतिम रिपोर्ट दी गई. 2022 के अंत तक 2,702 मामलों की जांच जारी थी। जबकि रिपोर्ट में एक प्रमुख चिंता अधिनियम के तहत दोषसिद्धि दर में गिरावट है; साल 2022 में यह दर 2020 के 39.2 प्रतिशत से घटकर 32.4 प्रतिशत हो गई।

रिपोर्ट में इन मामलों के निपटारे के लिए विशेष अदालतों की अपर्याप्त संख्या पर भी चिंता व्यक्त की गई है। 14 राज्यों के 498 जिलों में से सिर्फ 194 जिलों ने विशेष अदालतें स्थापित की हैं ताकि मामलों की तेजी से सुनवाई हो सके।

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