मंगलवार को साजिद का जला हुआ शव एक खेत में मिला। रिपोर्ट के अनुसार उसे बहला-फुसलाकर एक जगह ले जाया गया, उसकी पिटाई की, उस पर डीजल डाला और फिर उसे आग लगा दिया।
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प्रतीकात्मक तस्वीर; साभार : मथरूभूमि
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है जहां अदालत में सुनवाई से पहले एक मुस्लिम व्यक्ति साजिद का जला हुआ शव मिला। आरोपी उस पर केस वापस लेने का दबाव बना रहे थे। वह महीनों तक अपनी पत्नी के लिए न्याय की लड़ाई लड़ता रहा। उसकी पत्नी का अपहरण कर लिया गया था, उसे बंधक बनाकर रखा गया और उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। अदालत में सुनवाई से कुछ दिन पहले उसके परिवार को उसका जला हुआ शव मिला।
द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को साजिद का जला हुआ शव एक खेत में मिला। रिपोर्ट के अनुसार उसे बहला-फुसलाकर एक जगह ले जाया गया, उसकी पिटाई की, उस पर डीजल डाला और फिर उसे आग लगा दिया। उसके पिता आशिक अली ने यादव पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने दुख जताते हुए कहा, "अब मेरे पास क्या बचा है? मैं मरना चाहता हूं। मेरे बेटे को मार दिया गया है।"
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने मंगलवार को कहा कि 40 वर्षीय व्यक्ति का शव मैनपुरी जिले के एक खेत में पाया गया। एक स्थानीय अदालत ने गुरुवार को मामले की सुनवाई होनी थी। व्यक्ति ने पूर्व ग्राम प्रधान भोला यादव पर मामला वापस लेने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया था। उसके परिवार ने हत्या का आरोप लगाया है और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
मैनपुरी के एएसपी राहुल मिठास ने कहा, "शव मिलने के तुरंत बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। गहन जांच चल रही है और उसके अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।"
शव को जला दिया गया ताकि उसकी पहचान न हो सके: मृतक के पिता
पीड़िता ने अखबार को बताया, "गांव के प्रधान ने मुझे खाना बनाने के बहाने अपने घर बुलाया और अपने दो साथियों के साथ मिलकर मेरा बलात्कार किया। यह घटना जून 2022 की है। अगले दिन, जब मैं शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन जा रही थी, तो उसने मुझे अगवा कर लिया और चार महीने और 10 दिनों तक अपने घर में बंधक बनाकर रखा। हमने स्थानीय अदालत में उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया। वह मेरे पति पर समझौता करने का दबाव बना रहा था, लेकिन हमने मना कर दिया। वह मेरे भाई को जान से मारने की धमकी भी दे रहा है।"
उसने कहा कि उसके पति और उसके परिवार के बार-बार अनुरोध करने के बाद उसे कैद से मुक्त किया गया।
पीड़िता के वकील महेंद्र भारद्वाज ने कहा, "शुरू में मामला धारा 376 (बलात्कार) और 364 (अपहरण) के तहत दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में जांच अधिकारी ने बलात्कार के आरोप को मामले से हटा दिया। हमारे विरोध के बाद कोर्ट ने पुलिस को मामले में गैंगरेप की धाराएं जोड़ने का आदेश दिया था। वह केस अभी चल रहा है।"
मृतक के पिता ने कहा, "मेरे बेटे की लाश को जला दिया गया ताकि उसकी पहचान न हो सके। उसकी पत्नी के साथ गैंगरेप का केस पहले से ही कोर्ट में है। आरोपी हम पर कोर्ट के बाहर समझौता करने का दबाव बना रहे थे। पूर्व ग्राम प्रधान ने केस वापस लेने के लिए पैसे देने की पेशकश की, लेकिन हमने मना कर दिया।"
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प्रतीकात्मक तस्वीर; साभार : मथरूभूमि
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है जहां अदालत में सुनवाई से पहले एक मुस्लिम व्यक्ति साजिद का जला हुआ शव मिला। आरोपी उस पर केस वापस लेने का दबाव बना रहे थे। वह महीनों तक अपनी पत्नी के लिए न्याय की लड़ाई लड़ता रहा। उसकी पत्नी का अपहरण कर लिया गया था, उसे बंधक बनाकर रखा गया और उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। अदालत में सुनवाई से कुछ दिन पहले उसके परिवार को उसका जला हुआ शव मिला।
द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को साजिद का जला हुआ शव एक खेत में मिला। रिपोर्ट के अनुसार उसे बहला-फुसलाकर एक जगह ले जाया गया, उसकी पिटाई की, उस पर डीजल डाला और फिर उसे आग लगा दिया। उसके पिता आशिक अली ने यादव पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने दुख जताते हुए कहा, "अब मेरे पास क्या बचा है? मैं मरना चाहता हूं। मेरे बेटे को मार दिया गया है।"
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने मंगलवार को कहा कि 40 वर्षीय व्यक्ति का शव मैनपुरी जिले के एक खेत में पाया गया। एक स्थानीय अदालत ने गुरुवार को मामले की सुनवाई होनी थी। व्यक्ति ने पूर्व ग्राम प्रधान भोला यादव पर मामला वापस लेने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया था। उसके परिवार ने हत्या का आरोप लगाया है और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
मैनपुरी के एएसपी राहुल मिठास ने कहा, "शव मिलने के तुरंत बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। गहन जांच चल रही है और उसके अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।"
शव को जला दिया गया ताकि उसकी पहचान न हो सके: मृतक के पिता
पीड़िता ने अखबार को बताया, "गांव के प्रधान ने मुझे खाना बनाने के बहाने अपने घर बुलाया और अपने दो साथियों के साथ मिलकर मेरा बलात्कार किया। यह घटना जून 2022 की है। अगले दिन, जब मैं शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन जा रही थी, तो उसने मुझे अगवा कर लिया और चार महीने और 10 दिनों तक अपने घर में बंधक बनाकर रखा। हमने स्थानीय अदालत में उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया। वह मेरे पति पर समझौता करने का दबाव बना रहा था, लेकिन हमने मना कर दिया। वह मेरे भाई को जान से मारने की धमकी भी दे रहा है।"
उसने कहा कि उसके पति और उसके परिवार के बार-बार अनुरोध करने के बाद उसे कैद से मुक्त किया गया।
पीड़िता के वकील महेंद्र भारद्वाज ने कहा, "शुरू में मामला धारा 376 (बलात्कार) और 364 (अपहरण) के तहत दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में जांच अधिकारी ने बलात्कार के आरोप को मामले से हटा दिया। हमारे विरोध के बाद कोर्ट ने पुलिस को मामले में गैंगरेप की धाराएं जोड़ने का आदेश दिया था। वह केस अभी चल रहा है।"
मृतक के पिता ने कहा, "मेरे बेटे की लाश को जला दिया गया ताकि उसकी पहचान न हो सके। उसकी पत्नी के साथ गैंगरेप का केस पहले से ही कोर्ट में है। आरोपी हम पर कोर्ट के बाहर समझौता करने का दबाव बना रहे थे। पूर्व ग्राम प्रधान ने केस वापस लेने के लिए पैसे देने की पेशकश की, लेकिन हमने मना कर दिया।"