वरिष्ठ मजदूर नेता डॉ. बाबा आढव ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "ईद के अगले दिन मुसलमान अपने व्यस्त दिनचर्याओं से समय निकालकर बाहर घूमने, अपने बच्चों को घुमाने और खुद भी कुछ वक्त सुकून से बिताने जाते हैं। ऐसे में गार्डन में उन्हें प्रवेश न देना अन्याय है।"

फोटो साभार : मकतूब
पुणे नगर निगम (पीएमसी) ने रविवार को ऐतिहासिक सरसबाग गार्डन को पूरे दिन के लिए बंद कर दिया, यह निर्णय भाजपा राज्यसभा सांसद मेधा कुलकर्णी के अनुरोध के बाद लिया गया। कुलकर्णी का कहना था कि ईद-उल-अजहा के मौके पर पार्क में होने वाले उत्सव, पार्क के केंद्र में स्थित ऐतिहासिक मंदिर की पवित्रता को प्रभावित कर सकते हैं।
मकतूब की रिपोर्ट के अनुसार, पुणे नगर निगम प्रशासन ने सरसबाग गार्डन के सभी दरवाजे बंद कर दिए थे और वहां एक नोटिस चिपकाया गया था जिसमें लिखा था कि गार्डन आज के लिए बंद है और प्रांगण में खाना पीना सख्त मना है।
6 जून को पीएमसी को लिखे एक पत्र में भाजपा राज्यसभा सांसद मेधा कुलकर्णी ने कहा था कि सरसबाग परिसर में पेशवा काल का एक गणेश मंदिर स्थित है जो लाखों हिंदुओं के लिए एक पवित्र धार्मिक स्थल है।
भाजपा सांसद मेधा कुलकर्णी ने कहा था, “देखा गया है कि मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में सरसबाग गार्डन में इकट्ठा होते हैं और मांसाहार करते हैं, जो गार्डन के नियमों का उल्लंघन है। इससे हिंदू समुदाय की भावनाएं आहत होती हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर दोनों समुदाय आमने-सामने आ गए तो सांप्रदायिक तनाव की संभावना हो सकती है।” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, “हिंदू संगठनों की शिकायत में कुछ सच्चाई नजर आती है, क्योंकि कई मुस्लिम समुदाय के लोग कथित तौर पर वहां मांसाहार करते हैं, जिससे मंदिर की पवित्रता प्रभावित हो रही है।”
उन्होंने कहा, "यह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।"
उन्होंने पुणे नगर निगम (पीएमसी) से आग्रह किया कि "रविवार को गार्डन को बंद रखा जाए और केवल मंदिर दर्शनार्थियों को ही प्रवेश की अनुमति दी जाए। यह कदम किसी भी अप्रिय घटना से बचाव और शांति बनाए रखने के लिए जरूरी है।" उन्होंने आगे कहा, "मंदिर हिंदू समुदाय के लिए खुला रहना चाहिए।"
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर मेधा कुलकर्णी ने लिखा: "सरसबाग स्थित सिद्धिविनायक मंदिर परिसर की पवित्रता से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा!"
“हमें पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम और कर्नल सोफिया कुरैशी के प्रति काफी सम्मान है।” लेकिन मेधा कुलकर्णी ने चेतावनी दी कि, “अगर कोई जानबूझकर मंदिर के आसपास के गार्डन में मांसाहारी भोजन करके हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करता है, तो हिंदू समाज उसका माक़ूल जवाब देने में सक्षम है।”
वहीं मुस्लिम सत्यशोधक मंडल ने पुणे नगर निगम (पीएमसी) की आलोचना करते हुए कहा कि ईद के दिन बिना किसी उचित जांच के सरसबाग गार्डन को बंद करना नागरिक अधिकारों का हनन है और मुस्लिम समुदाय का अपमान भी। मंडल ने इसे "सिविल राइट्स की अनदेखी और धार्मिक भेदभाव" करार दिया है।
मंडल के अध्यक्ष डॉ. शम्सुद्दीन तंबोली ने कहा, "यह हैरानी की बात है कि वे यह नहीं समझ पा रहे कि इस तरह का व्यवहार-उन्हें (मुस्लिमों को) गार्डन में प्रवेश से रोकना—छुआछूत जैसी अमानवीय प्रथा को फिर से जिंदा कर रहा है। अगर कोई नियम तोड़ता है तो उसके लिए कानून हैं। एक व्यवस्थित व्यवस्था बनाई जा सकती है ताकि नियमों का पालन हो सके। अगर मांसाहार मंदिर की पवित्रता को भंग करता है, तो मांसाहार पर प्रतिबंध लगे, लेकिन किसी विशेष समुदाय के लिए नहीं।"
महाराष्ट्र मुस्लिम कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय संयोजक जुबैर मेमन ने इस घटना को “आधुनिक अस्पृश्यता” करार दिया।
उन्होंने कहा, “यहां का प्रगतिशील हिंदू समाज समय रहते आगे आए और इस अन्याय के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध दर्ज कराए।”
भाजपा सांसद कुलकर्णी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता धनंजय शिंदे ने कहा, "सिद्धिविनायक मंदिर की पवित्रता के लिए आपका यह प्रेम कुछ नया-नया सा लग रहा है, क्योंकि आपने तो पूरा जीवन धर्म के नाम पर राजनीति करने में बिताया है। पूजा स्थलों का इस्तेमाल ध्रुवीकरण के लिए बंद कीजिए। पुणेवासी संस्कारी हैं, वे भड़काऊ राजनीति के जाल में नहीं फंसते।"
प्रोफेसर अपूर्वानंद ने इस मामले को "मुस्लिम त्योहारों के प्रति उनकी हिंदुत्ववादी नफरत" बताया।
वरिष्ठ मजदूर नेता डॉ. बाबा आढव ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "ईद के अगले दिन मुसलमान अपने व्यस्त दिनचर्याओं से समय निकालकर बाहर घूमने, अपने बच्चों को घुमाने और खुद भी कुछ वक्त सुकून से बिताने जाते हैं। ऐसे में गार्डन में उन्हें प्रवेश न देना अन्याय है।"
उन्होंने सवाल किया, "क्या यह नैतिक है कि उन्हें गार्डन में प्रवेश न करने दिया जाए या गार्डन को ही बंद कर दिया जाए?" उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस तरह की कार्रवाइयां "किसी भी नियम-कायदे में नहीं आतीं" और "संविधान ने इस देश में हर नागरिक को समान अधिकार दिए हैं। उन अधिकारों से किसी को वंचित करना ठीक नहीं है।"
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फोटो साभार : मकतूब
पुणे नगर निगम (पीएमसी) ने रविवार को ऐतिहासिक सरसबाग गार्डन को पूरे दिन के लिए बंद कर दिया, यह निर्णय भाजपा राज्यसभा सांसद मेधा कुलकर्णी के अनुरोध के बाद लिया गया। कुलकर्णी का कहना था कि ईद-उल-अजहा के मौके पर पार्क में होने वाले उत्सव, पार्क के केंद्र में स्थित ऐतिहासिक मंदिर की पवित्रता को प्रभावित कर सकते हैं।
मकतूब की रिपोर्ट के अनुसार, पुणे नगर निगम प्रशासन ने सरसबाग गार्डन के सभी दरवाजे बंद कर दिए थे और वहां एक नोटिस चिपकाया गया था जिसमें लिखा था कि गार्डन आज के लिए बंद है और प्रांगण में खाना पीना सख्त मना है।
6 जून को पीएमसी को लिखे एक पत्र में भाजपा राज्यसभा सांसद मेधा कुलकर्णी ने कहा था कि सरसबाग परिसर में पेशवा काल का एक गणेश मंदिर स्थित है जो लाखों हिंदुओं के लिए एक पवित्र धार्मिक स्थल है।
भाजपा सांसद मेधा कुलकर्णी ने कहा था, “देखा गया है कि मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में सरसबाग गार्डन में इकट्ठा होते हैं और मांसाहार करते हैं, जो गार्डन के नियमों का उल्लंघन है। इससे हिंदू समुदाय की भावनाएं आहत होती हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर दोनों समुदाय आमने-सामने आ गए तो सांप्रदायिक तनाव की संभावना हो सकती है।” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, “हिंदू संगठनों की शिकायत में कुछ सच्चाई नजर आती है, क्योंकि कई मुस्लिम समुदाय के लोग कथित तौर पर वहां मांसाहार करते हैं, जिससे मंदिर की पवित्रता प्रभावित हो रही है।”
उन्होंने कहा, "यह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।"
उन्होंने पुणे नगर निगम (पीएमसी) से आग्रह किया कि "रविवार को गार्डन को बंद रखा जाए और केवल मंदिर दर्शनार्थियों को ही प्रवेश की अनुमति दी जाए। यह कदम किसी भी अप्रिय घटना से बचाव और शांति बनाए रखने के लिए जरूरी है।" उन्होंने आगे कहा, "मंदिर हिंदू समुदाय के लिए खुला रहना चाहिए।"
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर मेधा कुलकर्णी ने लिखा: "सरसबाग स्थित सिद्धिविनायक मंदिर परिसर की पवित्रता से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा!"
“हमें पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम और कर्नल सोफिया कुरैशी के प्रति काफी सम्मान है।” लेकिन मेधा कुलकर्णी ने चेतावनी दी कि, “अगर कोई जानबूझकर मंदिर के आसपास के गार्डन में मांसाहारी भोजन करके हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करता है, तो हिंदू समाज उसका माक़ूल जवाब देने में सक्षम है।”
वहीं मुस्लिम सत्यशोधक मंडल ने पुणे नगर निगम (पीएमसी) की आलोचना करते हुए कहा कि ईद के दिन बिना किसी उचित जांच के सरसबाग गार्डन को बंद करना नागरिक अधिकारों का हनन है और मुस्लिम समुदाय का अपमान भी। मंडल ने इसे "सिविल राइट्स की अनदेखी और धार्मिक भेदभाव" करार दिया है।
मंडल के अध्यक्ष डॉ. शम्सुद्दीन तंबोली ने कहा, "यह हैरानी की बात है कि वे यह नहीं समझ पा रहे कि इस तरह का व्यवहार-उन्हें (मुस्लिमों को) गार्डन में प्रवेश से रोकना—छुआछूत जैसी अमानवीय प्रथा को फिर से जिंदा कर रहा है। अगर कोई नियम तोड़ता है तो उसके लिए कानून हैं। एक व्यवस्थित व्यवस्था बनाई जा सकती है ताकि नियमों का पालन हो सके। अगर मांसाहार मंदिर की पवित्रता को भंग करता है, तो मांसाहार पर प्रतिबंध लगे, लेकिन किसी विशेष समुदाय के लिए नहीं।"
महाराष्ट्र मुस्लिम कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय संयोजक जुबैर मेमन ने इस घटना को “आधुनिक अस्पृश्यता” करार दिया।
उन्होंने कहा, “यहां का प्रगतिशील हिंदू समाज समय रहते आगे आए और इस अन्याय के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध दर्ज कराए।”
भाजपा सांसद कुलकर्णी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता धनंजय शिंदे ने कहा, "सिद्धिविनायक मंदिर की पवित्रता के लिए आपका यह प्रेम कुछ नया-नया सा लग रहा है, क्योंकि आपने तो पूरा जीवन धर्म के नाम पर राजनीति करने में बिताया है। पूजा स्थलों का इस्तेमाल ध्रुवीकरण के लिए बंद कीजिए। पुणेवासी संस्कारी हैं, वे भड़काऊ राजनीति के जाल में नहीं फंसते।"
प्रोफेसर अपूर्वानंद ने इस मामले को "मुस्लिम त्योहारों के प्रति उनकी हिंदुत्ववादी नफरत" बताया।
वरिष्ठ मजदूर नेता डॉ. बाबा आढव ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "ईद के अगले दिन मुसलमान अपने व्यस्त दिनचर्याओं से समय निकालकर बाहर घूमने, अपने बच्चों को घुमाने और खुद भी कुछ वक्त सुकून से बिताने जाते हैं। ऐसे में गार्डन में उन्हें प्रवेश न देना अन्याय है।"
उन्होंने सवाल किया, "क्या यह नैतिक है कि उन्हें गार्डन में प्रवेश न करने दिया जाए या गार्डन को ही बंद कर दिया जाए?" उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस तरह की कार्रवाइयां "किसी भी नियम-कायदे में नहीं आतीं" और "संविधान ने इस देश में हर नागरिक को समान अधिकार दिए हैं। उन अधिकारों से किसी को वंचित करना ठीक नहीं है।"
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