बुलंदशहर में SHO की हत्या के बाद सीएम योगी ने कहा था गौरक्षा जरूरी, कासगंज में गायों की गणना शुरू

Written by Sabrangindia Staff | Published on: December 13, 2018
आगरा: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हाल ही में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा गाय के नाम पर जमकर उपद्रव किया गया। एक युवक और एसएचओ की जान इस उपद्रव में चली गई। इस मामले पर यूपी के मुख्यमंत्री हत्या पर चिंता जताने के बजाय गोरक्षा पर जोर देते नजर आए। सीएम के आदेश का असर यूपी के कासगंज जिले में दिखाई दिया। कासगंज के भार्गेन गांव में बुधवार को एक सार्वजनिक सभा बुलाकर पुलिस से गायों की गिनती के लिए कहा गया है। यह सभा कासगंज एसपी द्वारा बुलाई गई थी उन्होंने इसके पीछे कारण बताया था कि इससे गोवध पर लगाम लगेगी।


इस मामले पर एसपी अशोक कुमार शुक्ला ने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट से डिस्कशन के बाद तय किया गया है कि जिले के हर गांव में एक रजिस्टर मैंटेन किया जाएगा। इस रजिस्टर में गाय पालकों के नाम और उनके पास गायों की संख्या दर्ज की जाएगी। इसके अलावा, हर ग्राम पंचायत में एक गौरक्षण समिति होगी। ग्राम प्रधान, गांव का चौकीदार, लेखपाल, पंचायत सेक्रेट्री, सब इंस्पेक्टर औऱ एक बीट कांस्टेबल इस समिती के मेंबर होंगे। यह समिति गाय की तस्करी और गोकशी के लिए जवाबदेह होगी।  

एसपी ने कहा कि यह गणना 15 दिसंबर तक पूरी हो जाएगी। इसके बाद अगले दो महीने में हम देखेंगे कि इस कदम से गोतस्करी और गौकशी की घटनाओं में कितनी कमी आई है। अगर कोई गोतस्करी और गोकशी की घटना में लिप्त पाया जाता है तो उस पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (एनएसए) और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। 

कासगंज ऐसा करने वाला राज्य का पहला जिला बन जाएगा। 2011 की जनगणना के अनुसार कासगंज में सात ब्लॉक, 425 ग्राम पंचायत और 711 गांव हैं जिनमें 7.6 लाख की आबादी है। सुजावलपुर गांव के प्रधान वसीम खान ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि हम सभी की भावनाओं का सम्मान करते हैं। अगर गाय काटने से किसी समुदाय की भावनाएं आहत होती हैं तो हर किसी को इसे रोकने के लिए साथ आना चाहिए। हम प्रशासन के साथ सहयोग के लिए तैयार हैं।  

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