शनिवार के कार्यक्रम के लिए दिल्ली पहुंचे पंजाब के किसान नेताओं ने उपस्थित लोगों को भारत सरकार के 'केवल-पंजाब-हरियाणा-विरोध' के दावे का खंडन करने के लिए धन्यवाद दिया।

केंद्र सरकार द्वारा जबरन थोपे गए तीन कृषि कानूनों को वापस कराने के लिए जूझ रहे भारत के किसानों के समर्थन में 16 जनवरी को मुंबई के आज़ाद मैदान में करीब 10,000 लोगों ने आमद दर्ज कराई।
मुंबई अमन कमेटी, ऑल इंडिया उलेमा काउंसिल, सिटिजंस फॉर जस्टिस एंड पीस (CJP), स्वाभिमानी शेतकरी संगठन (SSS) जैसे संगठनों के संयुक्त आह्वान पर इस्लाम जिम की तरफ से किसानों के समर्थन में विशाल हुजूम आजाद मैदान पहुंचा। नेशनल एलायंस ऑफ पीपुल्स मूवमेंट्स, हम भारत के लोग, अखिल भारतीय बंजारा समाज, छत्रपति संभाजी ब्रिगेड और कई अन्य संगठनों ने भी इस जुटान का आह्वान किया था।
संगठनों ने 2 बजे से 4 बजे तक बड़े पैमाने पर आजाद मैदान में लोगों के जुटान के लिए पूरे शहर में "किसानों के साथ मुंबई" के स्लोगन वाले होर्डिंग्स लगाए थे।
CJP की सचिव और प्रसिद्ध पत्रकार तीस्ता सीतलवाड़ ने देश की जनता को जगाने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों को बधाई दी। उन्होंने आजाद मैदान में उपस्थित लोगों को याद दिलाया कि हर भारतीय नागरिक को खाद्य सुरक्षा और लोगों के अधिकारों के लिए इस संघर्ष में एकजुट रहना होगा।
सेतलवाड ने कहा, “किसान, जो अपना सारा कुछ प्रयास जमीन में लगाते हैं, वे सभी इस बात से अवगत हैं कि जब कृषि का कॉर्पोरेटकरण होता है, तब क्या होता है। हमारे किसान आदिवासी (मूलनिवासी), दलित, ओबीसी, मुस्लिम, सिख और ईसाई हैं। इसलिए, हमें एक साथ खड़े होने की जरूरत है।”
उन्होंने कहा कि किसानों ने राजधानी दिल्ली की "सीमाओं" पर विरोध प्रदर्शन कर शासन की नीतियों के लिए एक राजनीतिक चुनौती दी है। 1800 के दशक के अंत में पगड़ी संभाल जट्टा के नारे के साथ अंग्रेजों को चुनौती देने वाले पंजाब के किसान आज 21 वीं सदी के नव उपनिवेशवाद को चुनौती दे रहे हैं।
इसी तरह, SSS के संस्थापक राजू शेट्टी ने किसानों के साथ अपनी एकजुटता का वादा करने के लिए इकट्ठे हुए मुंबईकरों की सराहना की।
शेट्टी ने कहा, “वे हमें अन्नदाता कहते हैं। लेकिन दिल्ली के बॉर्डर पर इन अन्नदाता को दो महीने के लिए भिखारियों की तरह रहना पड़ा। भारत का किसान अपने स्वयं के अधिकार का दावा करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश नहीं कर सकता है। यह कैसी आजादी है। किसके लिए है?”
सबरंगइंडिया के लिए एक्सक्लुसिवली बात करते हुए शेट्टी ने कहा कि तीन कानूनों को किसानों की मांग का झूठा दावा कर उनपर लादा गया है। जबकि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का वैधीकरण चाहते हैं जिसपर सरकार तैयार नहीं है।
उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार एक झूठी कहानी फैला रही है कि यह एक किसान संघर्ष है जबकि वास्तव में खाद्य सुरक्षा पर इसके प्रभाव के कारण किसान और गरीब दोनों तबके इन कानूनों के तहत पीड़ित होंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार को किसानों की बात सुनने की संभावना है, शेट्टी ने कहा कि विकल्प 1980 के दशक के समान परिणाम देगा जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किसानों को चुप कराने की कोशिश की थी।
राज्य के नेताओं के साथ, पंजाब के तीन किसान नेता अमरजीत सिंह, मुकेश चंदर शर्मा और जंगबीर सिंह चौहान ने भी शनिवार को कृषि कानूनों को रद्द करने और किसानों के अधिकारों की मांग के विरोध में भाग लिया।
नेताओं ने भारत की "आर्थिक राजधानी" में इकट्ठा होने और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को दिखाने के लिए मुंबई के लोगों को धन्यवाद दिया कि भारत के प्रत्येक राज्य ने इन कानूनों का विरोध किया, क्योंकि यह पंजाब-हरियाणा आंदोलन के झूठे दावे के विपरीत था।
यहां उपस्थित एक किसान नेता ने कहा “यह देश का संघर्ष है। [केंद्रीय गृह मंत्री] अमित शाह अपनी इच्छानुसार कानून बनाते रहे। हम चुप रहे। लेकिन अब जब 78 प्रतिशत लोगों का जीवन खतरे में है, तो पूरा देश आपके खिलाफ खड़ा हो गया है। आप गरीबों का भोजन चुरा रहे हैं!"
उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजी क्षेत्रों को बेचने के लिए भी सरकार की निंदा की।
शनिवार के कार्यक्रम में भाग लेने वाले कुछ संगठन ये हैं:
1. Mumbai Aman Committee
2. Chhatrapati Sambhaji Brigade
3. National Alliance of People’s Movements
4. All India Ulema Council, Mumbai
5. Jamiat Ulema-e-Hind
6. Citizen for Justice and Peace
7. Jamiatul Ulema Ahle Sunnat
8. Movement for Human Welfare
9. All India Banjara Samaj
10. Subai Jamiat Ahle Hadees, Mumbai
11. Jamaat e Islami Hind
12. All India Majlis e Mashwerat
13. Kamgar Sanghatna Sanyukt Kruti Smiti
14. Hum Bharat Ke Log
15. Panjabi Sanjhi Sabha
16. Jan Andolanachi Sangharch Samiti
17. Milli Council
18. Guru Singh Sabha
19. Teachers Democratic Front
20. Yuva Kranti Sabha
21. National Christian Forum.
22. Ghar bacho ghar banao andolan.
23. Akhil bhartiya Obc Mahasabha.
24. Sadbhavna Sangh
25. Sambhaji Brigade Paksha
26. Janasena Samajik Sanstha
27. Sanvidhanvadi Republican Paksha
28. Republic Yuva Sena.
29. Manav Uddhar Samajik Sanstha
30. Bhartiya Aatma Sanghthana
31. Youth Wing JIH Maharashtra
32. Professional Solidarity Forum
33. Ham Bhartiya Mira Bhayandar
34. Mujtama e Olama wo Khotaba, Mumbai
35. Mahfil e Sani e Zahra (s.a.), Zaib Palace, Mumbai
36. Kisan Morcha All Kurla Committee
37. Bhartiya Bodh Mahasabha Kurla
38. Kurla Voice
39. Mulbhut Adhikar Sangharsh Samiti.
40. Rashtra Seva Dal-Mumbai
41. Students Islamic Organisation of India, Mumbai
42. Hadana Education and Welfare Trust (India)
43. Lokanchi Shakti Jogeshwari West
44. Kamgar Ekta Committee
45. Siri Guru Harrai Charitable Trust
46. ACBS Initiative
47. Chhatrapati Shahu Maharaj Vichaar Manch
48. Lok Hind Party
49. Lok Sangharsha Morcha
50. Swaraj Abhiyan
51. Satyashodhak Shetkari Sabha
52. Swabhimani Shetkari Sanghatana
53. Aam Aadmi Sarva Shramik Sanghatan

केंद्र सरकार द्वारा जबरन थोपे गए तीन कृषि कानूनों को वापस कराने के लिए जूझ रहे भारत के किसानों के समर्थन में 16 जनवरी को मुंबई के आज़ाद मैदान में करीब 10,000 लोगों ने आमद दर्ज कराई।
मुंबई अमन कमेटी, ऑल इंडिया उलेमा काउंसिल, सिटिजंस फॉर जस्टिस एंड पीस (CJP), स्वाभिमानी शेतकरी संगठन (SSS) जैसे संगठनों के संयुक्त आह्वान पर इस्लाम जिम की तरफ से किसानों के समर्थन में विशाल हुजूम आजाद मैदान पहुंचा। नेशनल एलायंस ऑफ पीपुल्स मूवमेंट्स, हम भारत के लोग, अखिल भारतीय बंजारा समाज, छत्रपति संभाजी ब्रिगेड और कई अन्य संगठनों ने भी इस जुटान का आह्वान किया था।
संगठनों ने 2 बजे से 4 बजे तक बड़े पैमाने पर आजाद मैदान में लोगों के जुटान के लिए पूरे शहर में "किसानों के साथ मुंबई" के स्लोगन वाले होर्डिंग्स लगाए थे।
CJP की सचिव और प्रसिद्ध पत्रकार तीस्ता सीतलवाड़ ने देश की जनता को जगाने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों को बधाई दी। उन्होंने आजाद मैदान में उपस्थित लोगों को याद दिलाया कि हर भारतीय नागरिक को खाद्य सुरक्षा और लोगों के अधिकारों के लिए इस संघर्ष में एकजुट रहना होगा।
सेतलवाड ने कहा, “किसान, जो अपना सारा कुछ प्रयास जमीन में लगाते हैं, वे सभी इस बात से अवगत हैं कि जब कृषि का कॉर्पोरेटकरण होता है, तब क्या होता है। हमारे किसान आदिवासी (मूलनिवासी), दलित, ओबीसी, मुस्लिम, सिख और ईसाई हैं। इसलिए, हमें एक साथ खड़े होने की जरूरत है।”
उन्होंने कहा कि किसानों ने राजधानी दिल्ली की "सीमाओं" पर विरोध प्रदर्शन कर शासन की नीतियों के लिए एक राजनीतिक चुनौती दी है। 1800 के दशक के अंत में पगड़ी संभाल जट्टा के नारे के साथ अंग्रेजों को चुनौती देने वाले पंजाब के किसान आज 21 वीं सदी के नव उपनिवेशवाद को चुनौती दे रहे हैं।
इसी तरह, SSS के संस्थापक राजू शेट्टी ने किसानों के साथ अपनी एकजुटता का वादा करने के लिए इकट्ठे हुए मुंबईकरों की सराहना की।
शेट्टी ने कहा, “वे हमें अन्नदाता कहते हैं। लेकिन दिल्ली के बॉर्डर पर इन अन्नदाता को दो महीने के लिए भिखारियों की तरह रहना पड़ा। भारत का किसान अपने स्वयं के अधिकार का दावा करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश नहीं कर सकता है। यह कैसी आजादी है। किसके लिए है?”
सबरंगइंडिया के लिए एक्सक्लुसिवली बात करते हुए शेट्टी ने कहा कि तीन कानूनों को किसानों की मांग का झूठा दावा कर उनपर लादा गया है। जबकि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का वैधीकरण चाहते हैं जिसपर सरकार तैयार नहीं है।
उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार एक झूठी कहानी फैला रही है कि यह एक किसान संघर्ष है जबकि वास्तव में खाद्य सुरक्षा पर इसके प्रभाव के कारण किसान और गरीब दोनों तबके इन कानूनों के तहत पीड़ित होंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार को किसानों की बात सुनने की संभावना है, शेट्टी ने कहा कि विकल्प 1980 के दशक के समान परिणाम देगा जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किसानों को चुप कराने की कोशिश की थी।
राज्य के नेताओं के साथ, पंजाब के तीन किसान नेता अमरजीत सिंह, मुकेश चंदर शर्मा और जंगबीर सिंह चौहान ने भी शनिवार को कृषि कानूनों को रद्द करने और किसानों के अधिकारों की मांग के विरोध में भाग लिया।
नेताओं ने भारत की "आर्थिक राजधानी" में इकट्ठा होने और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को दिखाने के लिए मुंबई के लोगों को धन्यवाद दिया कि भारत के प्रत्येक राज्य ने इन कानूनों का विरोध किया, क्योंकि यह पंजाब-हरियाणा आंदोलन के झूठे दावे के विपरीत था।
यहां उपस्थित एक किसान नेता ने कहा “यह देश का संघर्ष है। [केंद्रीय गृह मंत्री] अमित शाह अपनी इच्छानुसार कानून बनाते रहे। हम चुप रहे। लेकिन अब जब 78 प्रतिशत लोगों का जीवन खतरे में है, तो पूरा देश आपके खिलाफ खड़ा हो गया है। आप गरीबों का भोजन चुरा रहे हैं!"
उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजी क्षेत्रों को बेचने के लिए भी सरकार की निंदा की।
शनिवार के कार्यक्रम में भाग लेने वाले कुछ संगठन ये हैं:
1. Mumbai Aman Committee
2. Chhatrapati Sambhaji Brigade
3. National Alliance of People’s Movements
4. All India Ulema Council, Mumbai
5. Jamiat Ulema-e-Hind
6. Citizen for Justice and Peace
7. Jamiatul Ulema Ahle Sunnat
8. Movement for Human Welfare
9. All India Banjara Samaj
10. Subai Jamiat Ahle Hadees, Mumbai
11. Jamaat e Islami Hind
12. All India Majlis e Mashwerat
13. Kamgar Sanghatna Sanyukt Kruti Smiti
14. Hum Bharat Ke Log
15. Panjabi Sanjhi Sabha
16. Jan Andolanachi Sangharch Samiti
17. Milli Council
18. Guru Singh Sabha
19. Teachers Democratic Front
20. Yuva Kranti Sabha
21. National Christian Forum.
22. Ghar bacho ghar banao andolan.
23. Akhil bhartiya Obc Mahasabha.
24. Sadbhavna Sangh
25. Sambhaji Brigade Paksha
26. Janasena Samajik Sanstha
27. Sanvidhanvadi Republican Paksha
28. Republic Yuva Sena.
29. Manav Uddhar Samajik Sanstha
30. Bhartiya Aatma Sanghthana
31. Youth Wing JIH Maharashtra
32. Professional Solidarity Forum
33. Ham Bhartiya Mira Bhayandar
34. Mujtama e Olama wo Khotaba, Mumbai
35. Mahfil e Sani e Zahra (s.a.), Zaib Palace, Mumbai
36. Kisan Morcha All Kurla Committee
37. Bhartiya Bodh Mahasabha Kurla
38. Kurla Voice
39. Mulbhut Adhikar Sangharsh Samiti.
40. Rashtra Seva Dal-Mumbai
41. Students Islamic Organisation of India, Mumbai
42. Hadana Education and Welfare Trust (India)
43. Lokanchi Shakti Jogeshwari West
44. Kamgar Ekta Committee
45. Siri Guru Harrai Charitable Trust
46. ACBS Initiative
47. Chhatrapati Shahu Maharaj Vichaar Manch
48. Lok Hind Party
49. Lok Sangharsha Morcha
50. Swaraj Abhiyan
51. Satyashodhak Shetkari Sabha
52. Swabhimani Shetkari Sanghatana
53. Aam Aadmi Sarva Shramik Sanghatan