उत्तराखंड के CM बोले- कुंभ की तुलना मरकज से करना ठीक नहीं, मां गंगा के आशीर्वाद से नहीं फैलेगा कोरोना

Written by Sabrangindia Staff | Published on: April 13, 2021
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कोरोना की दूसरी लहर के बीच हरिद्वार में चल रहे कुंभ व मरकज को लेकर मीडिया द्वारा फैलाई गई भ्रामक खबरों को लेकर बयान दिया है। मरकज द्वारा कोरोना फैलने की खबरों पर टिप्पणी किए बगैर रावत ने कहा कि मरकज की कुंभ से तुलना करना ठीक नहीं है। वहां मरकज में लोग एक ही हॉल में सोते थे। जबकि कुंभ केवल हरिद्वार तक सीमित नहीं है। मुख्यमंत्री वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे।



उन्होंने कहा कि कुंभ मेला क्षेत्र ऋषिकेश से लेकर नीलकंठ क्षेत्र तक फैला है। स्नान के लिए 16 घाट हैं। अलग-अलग समय पर श्रद्धालु व साधु संत समाज के लोग स्नान कर रहे हैं। मरकज में एक ही हाल में कई कई लोग रहे। एक ही रजाई का अधिक लोगों ने इस्तेमाल किया। कुंभ की व्यवस्थाएं अलग हैं, इसलिए कुंभ की तुलना मरकज से करना सही नहीं है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार महाकुंभ 2021 के दूसरे शाही स्नान का आयोजन भी कोविड 19 की गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए दिव्यता व भव्यता के साथ संपन्न हो गया है। उन्होंने सुरक्षित और सफल आयोजन में सहयोग के लिए सभी सहयोगियों का आभार जताया।

उन्होंने कहा कि  शाही स्नान में अखाड़ों के संत समाज से लेकर लाखों की तादाद में श्रद्धालुओं ने हरिद्वार कुंभ 2021 में डुबकी लगाकर पुण्य कमाया। उन्होंने प्रशासन से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार बताया सोमवती अमावस्या पर हुए दूसरे शाही स्नान को लेकर श्रद्धालुओं में बहुत उत्साह रहा। सुबह आठ बजे तक ही 15 लाख श्रद्धालु स्नान कर चुके थे। वहीं स्नान के समापन तक करीब 35 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया।  

सीएम ने कहा कि कोविड की विपरीत परिस्थितियों में हो रहे कुंभ के आयोजन में चुनौतियां बहुत हैं। लेकिन हमारी सरकार ने उस चुनौती को स्वीकार किया और कुंभ को दिव्यता और भव्यता के साथ सुरक्षित ढंग से संपन्न कराया जा रहा है। मेले में संत समाज की हर सुविधा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। उनके स्वागत में कोई कमी नहीं है। किसी श्रद्धालु को भी कहीं परेशानी का सामना ना करना पड़े इसके अधिकारियों को भी सख्त निर्देश दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि कुंभ में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के लिए हर अखाड़े के स्नान का समय निर्धारित है और श्रद्धालुओं के लिए भी अलग व्यवस्था की गई है। प्रदेश में टीका उत्सव के लिए व्यवस्थाएं पूरी की गई है और टीकाकरण को जिला से लेकर ब्लाक व न्याय पंचायत स्तर पर कराने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। 

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