मिडिया
August 24, 2018
मैंने एक देश एक चुनाव पर एक भी बहस क्यों नहीं की?
मैंने एक भी प्राइम टाइम एक देश एक चुनाव थीम पर नहीं किया। एक भी लेख नहीं लिखा। जहां तक मेरी याद्दाश्त सही है, मैंने इस मसले पर न तो कोई शो किया न ही छपा हुआ किसी का लेख पढ़ा।
वैसे मैं हर मसले पर न तो चर्चा करता हूं और लिख सकता हूं। फिर भी इस एक मसले के बारे में बताना चाहता हूं कि क्यों नहीं डिबेट किया। जबकि मेरे आस-पास के विद्वान जानकार...
August 23, 2018
वरिष्ठ पत्रकार, मानवाधिकार कार्यकर्ता कुलदीप नैयर का 95 साल की उम्र में आज निधन हो गया. वे पिछले तीन दिनों से दिल्ली के एक अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे. काफी समय में से उनकी सेहत बहुत खराब थी. बुधवार की रात करीब साढ़े बारह बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. आज दोपहर एक बजे लोधी रोड पर स्थित घाट में अंतिम संस्कार होगा.
वरिष्ठ संपादक नैयर कई किताबें लिख चुके हैं. कुलदीप भारत सरकार...
August 22, 2018
“अहिंसा की प्रयोगस्थली, हिंसा की प्रयोगशाला बनती जा रही है और गांधी की संतानें खामोश है.”
स्वामी अग्निवेश पर दो बार हमला. महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी मोतीहारी के प्रोफेसर पर घर में घुस कर हमला. ऐसी घटनाओं को अगर आप “मॉब लिंचिंग” बताते है, तो आप बहुत बडी गलती कर रहे है. ये मॉब लिंचिंग नहीं है. ये बकायदा षडयंत्र कर, संगठित तरीके से एक खास समूह के द्वारा किया...
August 21, 2018
भारत के बेरोज़गार नौजवानों,
आज की राजनीति नौजवानों आपको चुपके से एक नारा थमा रही है। तुम हमें वोट दो, हम तुम्हें हिन्दू मुस्लिम डिबेट देंगे। इस डिबेट में तुम्हारे जीवन के दस-बीस साल टीवी के सामने और चाय की दुकानों पर आराम से कट जाएंगे। न नौकरी की ज़रूरत होगी न दफ्तर जाने में एंडी में दर्द होगा। कई बार गोदी मीडिया के अख़बार और चैनल देखने से लगता है कि इस दौर में मुसलमानों से नफ़रत करना ही...
August 20, 2018
केरल इन दिनों भीषण बाढ़ के बाद जहां संकंटों के बीच घिरा हुआ है, हर कोई अपने स्तर से मदद करने की कोशिश कर रहा है. वहीं इस बीच एक स्कूल की छात्रा ने ऐसी मदद की है जिसने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया है. हामिद हनान नाम की इस लड़की ने मुख्यमंत्री राहत कोष में डेढ़ लाख रुपये दान किए हैं.
हनान कोई और नहीं बल्कि वही हैं जो अपने स्कूल के...
August 20, 2018
इस किताब को उनके लिए भी पढ़ना भारी होगा जो बिना पढ़े गाली देने लगते हैं और उनके लिए भी जो गाली नहीं देते मगर पढ़ते नहीं हैं। हत्या करना अब सामाजिक अभ्यास का हिस्सा हो गया है। इस अभ्यास में मार देने के बाद हत्यारों की भीड़ को पचा लेना भी शामिल है। तभी इस किताब में मारे गए लोगों की दास्तान है। मार कर भाग जाने वाली भीड़ की नहीं है। विचारधारा के पीछे छिपी खड़ी इस भीड़ के साथ वकील भी हैं और पुलिस भी...
August 19, 2018
देश की आर्थिक वृद्धि दर का आंकड़ा 2006-07 में 10.08 प्रतिशत रहा जो कि उदारीकरण शुरू होने के बाद का सर्वाधिक वृद्धि आंकड़ा है। यह आंकड़ा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल का है। आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है।
आजादी के बाद देखा जाए तो सर्वाधिक 10.2 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर 1988-89 में रही। उस समय प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे।
राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग द्वारा गठित...
August 19, 2018
1984 के राजीव गांधी और 1993 के नरसिम्हा राव की तरह वाजपेयी इतिहास में एक ऐसे प्रधानमंत्री के तौर पर भी याद किए जाएंगे, जिन्होंने पाठ तो सहिष्णुता का पढ़ाया, मगर बेगुनाह नागरिकों के क़त्लेआम की तरफ़ से आंखें मूंद लीं.
भारत एक हिंदू राष्ट्र है और मुसलमान यहां परेशानियां पैदा करने वाले अतिक्रमणकारी हैं’, गोलवलकर-सावरकर के इस सिद्धांत की संभवतः सबसे महत्वपूर्ण व्याख्या हाल के समय में अटल...
August 18, 2018
कुछ लोग केरल आपदा को गाय से जोड़ रहे है तो कुछ सबरीमाला मन्दिर में स्त्री प्रवेश से।
दोनो ही तरह के बंदबुद्धि भक्तों को यह समझना पड़ेगा कि ऐसी अवैज्ञानिक और मूर्खतापूर्ण बातें सिर्फ जबानी जुमलेबाजी करने तक ही ठीक हो सकती है ,वरना तर्क की कसौटी पर तो यह कतई खरी नहीं उतरती है।
इस भक्त प्रजाति को कहना चाहता हूं कि गायें सिर्फ केरल में ही नही कटती, गोवा, बंगाल और पूर्वोत्तर के विभिन्न राज्यो...
August 18, 2018
हम-आप जैसी बेहद सामान्य पृष्ठभूमि से आने वाले राजू काम्बले जी ने "शिक्षित हो, संघर्ष करो, संगठित हो" के नारे को आत्मसात कर बहुत संघर्ष कर प्रोफेशनल और सोशल लाइफ में बुलंदियों को छुआ।
वे आजीवन बाबासाहेब अम्बेडकर के विचारों को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने के साथ-साथ अलग-अलग देशों में फैले दलितों को यूनिट के लिए उन्होंने आजीवन प्रयास किया। बहुत ऊंचाईयों पर पहुँचने पर भी...